Thinker, Writer, Anchor

September 21, 2017

सनी लियोनी का विज्ञापन बयां कर रहा गरबा संस्कृति की सच्चाई

शक्ति की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र आरंभ हो गया है। अब गांव-शहरों के गली-मोहल्लों और मेट्रो सिटी के मॉल-हॉल में गरबा डांडिया की धूम मचेगी। इससे पहले देशभर में पोर्न स्टार सनी लियोनी के एक विज्ञापन ने धूम मचा दी है। इस विज्ञापन में सनी डांडिया के साथ एक निरोध कंपनी का प्रचार कर रही है। पोस्टर में लिखा है, 'आ नवरात्रअे रमो, परंथु प्रेमथी' यानी नवरात्र पर खेलो मगर प्यार से। इस संदेश के नीचे कंपनी का नाम लिखा है। सनी इस कंपनी की ब्रांड एम्बेसडर है। विवादित पोस्टर सोशियल मीडिया पर वायरल हो गया है।
नवरात्र से ठीक पहले लगे सनी लियोनी के इस विज्ञापन ने सभ्य समाज में गरबा संस्कृति की सच्चाई का खुलासा कर दिया है। मानो या न मानो मगर यह हकीकत है कि मां की उपासना वाला महोत्सव अब मनोरंजन का माध्यम बन गया है। यह लिखते हुए कतई संकोच नहीं है कि आराधना का पर्व अब अश्लीलता परोसने लगा है। अब गरबा पांडालों में बदन दिखाती बालाओं को फिल्मी गीतों पर कदम थिरकाते देखा जा सकता है। कुछ समय पहले तक जहां पंखिड़ा.. जैसे भक्ति गीतों पर गरबा किया जाता था वहीं अब गरबा में फिल्मी गानों की गूंज सुनाई देती है। एक मैं और एक तू, और जो तन-मन में हो रहा है.., आधा है चंद्रमा रात आधी, रह ना जाए तेरी मेरी बात आधी.. गरबा में बजने वाले इस गाने पर लड़के-लड़कियों को नैनों में नैना मिलाए देखकर जिज्ञासा जागृत है कि यह युवा अंबे के आंगन में आखिर कौनसी बात पूरी करना चाहते हैं।
बेशक गरबा को मां की आराधना का माध्यम बताया जाता है लेकिन विचारणीय विषय है कि क्या वर्तमान वक्त में गरबा के जरिए अंबे की सच्ची आराधना की जा रही है। कड़वी सच्चाई तो यह है कि शक्ति की देवी के दरबार में पहुंचने वाले कई कथित भक्त अपने तन की भड़ास शांत करने का सामान तलाश करने आते हैं। नवरात्र जैसे पवित्र पर्व में गरबा और डांडिया के अलावा सेक्स जैसा शब्द सुनने में अजीब लगता है मगर दुर्भाग्य से यह एक चौंकाने वाली हकीकत बन गया है। सर्वे में सामने आया है कि युवा पूरे वर्ष इस त्योहार की प्रतीक्षा करते हैं ताकि अभिभावकों की आंखों में धूल झोंक कर नैतिक बाधाओं को तोड़ने का मौका मिल जाए। एक रिपोर्ट के मुताबिक अकेले गुजरात में पिछले कई सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल दर साल निरोध और गर्भ निरोधक गोलियों की बिक्री में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी हुई है। गरबा के दौरान बिक्री में 25 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। चौंकाने वाली बात है कि सूरत और अहमदाबाद में तो यह बिक्री 50 फीसदी बढ़ी है। जानकर हैरान हो जाएंगे कि लड़कियां भी गर्भ निरोधक सामग्री खरीदने में संकोच नहीं करती। गुजरात में गरबा आयोजन स्थलों पर सरकारी संगठनों की ओर से एड्स जागरूकता भी फैलाई जाती है। यहां युवा इस विषय पर खुलकर चर्चा भी करते हैं।
गुजरात के आंकड़े इसलिए बताए क्योंकि यह वही राज्य है जिसमें गरबा संस्कृति का जन्म हुआ। जिस तरह घूमर राजस्थान, लावणी महाराष्ट्र, गिद्दा पंजाब और कुमाउनी उत्तरांचल की पहचान है उसी तरह गरबा गुजरात का प्रतीक है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तारक मेहता.. धारावाहिक में तो दयाबेन अपनी खुशी का इजहार भी इस गरबा से ही करती है। गरबा अब गुजरात तक सीमित न रहकर राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों में किया जाने लगा है। कई शहर तो ऐसे हैं जहां रात 2-3 बजने तक चलने वाले मनोरंजन के इस आयोजन पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। जाहिर है कि इतनी रात तक युवक-युवतियां भी घरों से बाहर रहेंगी। चहुंओर चकाचौंध के चलते सर्द रातों में भी सड़कों पर युवाओं को गर्माहट का अहसास होता है। डीजे के तेज शोर में भी मनचलों का मन मयूर किसी मयूरी को मनाने में सफल हो जाता है। दूसरी ओर का आलम भी यह है कि जब तक किसी की नजरें ना टिके तो उन्हें भी सुंदरता और श्रृंगार पर शक होने लगता है।
धार्मिक संस्था हिन्दू उत्सव समिति में 6 हजार सदस्य हैं। यह समिति हर साल होली, दीपावली, गणेश पूजा जैसे कार्यक्रम आयोजित करती है मगर गरबा का आयोजन नहीं किया जाता है। समिति अध्यक्ष के मुताबिक गरबा में कई गैर हिंदू भी लड़कियों को लुभाने आ जाते हैं और अनहोनी घटनाएं घटित होती है। नवरात्र में लड़कियों से छेड़छाड़ व दुष्कर्म जैसी आपराधिक वारदातों की पुष्टि यह घटनाएं कर रही हैं। वर्ष 2015 में मध्यप्रदेश के इंदौर में एक 16 वर्षीय किशोर ने गरबा देखकर लौट रही 5 साल की अबोध बच्ची से दुष्कर्म किया। वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में एक 16 वर्षीय युवती से तीन युवकों ने गैंगरेप किया। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ थाना क्षेत्र में गरबा देखकर लौट रही 15 वर्षीय बालिका को युवक ने हवस की हैवानियत का शिकार बनाया।
माना जाता है कि नवरात्र सत्कर्म का सत्कार और दुष्कर्म की दुत्कार का नाम है मगर अब नवरात्र में ही देवी स्वरूपा को दानव दंश दे रहे हैं। आराधना की आड़ में अश्लीलता परोसने वाला मनोरंजन का यह माध्यम इतना वृहद हो चुका है कि इस पर रोक लगाना जिम्मेदारों के लिए भी चुनौती बन गया है। फिर भी इतना जरूर करना चाहिए कि गरबा की गरिमा बरकरार रह सके। आयोजक ध्यान दें कि पांडाल में पहुंचने वालों के परिधान सभ्य व शालीन हों ताकि भेड़ियों की भावनाएं ना भड़के। बेटी को किसी सहेली या पड़ोसन के साथ भेजने की बजाय माता-पिता अपने साथ ले जाएं। टीनेजर्स पर भी नजर रखी जाए। युवाओं को देर रात तक घर से बाहर रहने की इजाजत ना दी जाए। जिम्मेदार इस बात का ध्यान रखें कि जब सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में रात 10 बजे बाद डीजे पर रोक लगा रखी है तो क्यों मध्यरात बाद तक सड़कों पर शोर मचाने की इजाजत दी जाती है? याद रहे कि समारोह स्थल में होने वाली खुशियों भरी शादियों में भी रात 10 बजे संगीत का सन्नाटा हो जाता है और माता की आरती भी संध्या वेला में 7 या 8 बजे तक हो जाती है तो फिर मस्ती और मनोरंजन के लिए कानून का उल्लंघन क्यों किया जाता है? सोचने पर विवश हैं कि शायद इसी अनदेखी के कारण आए दिन दादा-दादी के दिल की दुलारियां दहलीज पर दुल्हन बनने से पहले ही दुराचार का दु:ख झेल रही है। उम्मीद है कि माता-पिता में जागरूकता आएगी और जिम्मेदार अपना दायित्त्व बखूबी निभाएंगे। -सुमित सारस्वत SP, सामाजिक विचारक, मो.09462737273


👉आपके विचारों का सदैव स्वागत है। अपनी प्रतिक्रिया अवश्य भेजें। अगर यह विचार पसंद आए हों तो सभी के साथ साझा करें। 🙏
Share:

0 comments:

Post a Comment

Featured Post

दास्तान-ए-आशिकी, जुबान-ए-इश्क | Famous Love Story

ग्लोबलाइजेशन के इस युग ने हमारी जेनरेशन को वैलेंटाइंस डे का तोहफा दिया है। यह दिन प्यार के नाम होता है। इतिहास के पन्ने पलटने पर आप पाएंगे...

Amazon Big Offer

Advt

Blog Archive

Copyright

इस ब्लॉग में दिये किसी भी लेख या उसके अंश और चित्र को बिना अनुमति के किसी भी अन्य वेबसाइट या समाचार-पत्र, पत्रिका में प्रकाशित नहीं किया जा सकता। अनुमति के लिये केवल मेल पर सम्पर्क करें: sumit.saraswat09@gmail.com

Pageviews

Labels

Blog Archive

Recent Posts

Unordered List

Theme Support