उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एनटीपीसी थर्मल प्लांट हादसा देश की सुर्खियों में आ गया मगर इसके चंद घंटों बाद राजस्थान के ब्यावर में श्री सीमेंट प्लांट में हुआ बड़ा हादसा चर्चा में नहीं आ पाया। इसके पीछे क्या वजह रही यह तो जिम्मेदार ही जाने लेकिन प्लांट को खून-पसीने से सींचने वाले श्रमिकों के जानलेवा कारखाने की निष्पक्ष जांच अवश्य होनी चाहिए।
एनटीपीसी थर्मल प्लांट हादसे के बाद रायबरेली पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस हादसे की न्यायिक जांच की मांग की है। नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन ने यूपी सरकार से इस हादसे को लेकर 6 हफ्ते के भीतर रिपोर्ट मांगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर चिंता जताई। मगर हैरत है कि श्री सीमेंट प्लांट हादसे पर किसी भी जिम्मेदार का बयान नहीं आया। यहां बॉयलर से स्टीम लीक होने की घटना सामने आई है। हादसे में चार श्रमिक गंभीर रूप से झुलस गए। मौके पर एक दर्जन से अधिक श्रमिक कार्य कर रहे थे। गनीमत रही कि वह समय रहते बच निकले।
एनटीपीसी थर्मल प्लांट हादसे के बाद रायबरेली पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस हादसे की न्यायिक जांच की मांग की है। नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन ने यूपी सरकार से इस हादसे को लेकर 6 हफ्ते के भीतर रिपोर्ट मांगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर चिंता जताई। मगर हैरत है कि श्री सीमेंट प्लांट हादसे पर किसी भी जिम्मेदार का बयान नहीं आया। यहां बॉयलर से स्टीम लीक होने की घटना सामने आई है। हादसे में चार श्रमिक गंभीर रूप से झुलस गए। मौके पर एक दर्जन से अधिक श्रमिक कार्य कर रहे थे। गनीमत रही कि वह समय रहते बच निकले।
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जानकारी के मुताबिक श्री सीमेंट कारखाने में दो से अधिक बॉयलर आपस में जुड़े हुए हैं। एक बॉयलर के कनेक्शन की ट्यूब पुरानी हो गई थी। झुलसने वाले चारों श्रमिक इसी बॉयलर के अंदर ट्यूब की मरम्मत कर रहे थे। इसी दौरान 200 डिग्री से अधिक भाप प्रवाहित हुई और श्रमिक शिकार बन गए। विशेषज्ञों के मुताबिक बॉयलर का तापमान करीब 400 डिग्री सेल्सियस होता है। इस तापमान पर मानव शरीर की हड्डियां तक राख बन जाती है। ज्ञात रहे कि बॉयलर फटने के कारण रायबरेली में 30 से अधिक मजदूरों की मौत हो गई है।
जानकारी के मुताबिक श्री सीमेंट कारखाने में दो से अधिक बॉयलर आपस में जुड़े हुए हैं। एक बॉयलर के कनेक्शन की ट्यूब पुरानी हो गई थी। झुलसने वाले चारों श्रमिक इसी बॉयलर के अंदर ट्यूब की मरम्मत कर रहे थे। इसी दौरान 200 डिग्री से अधिक भाप प्रवाहित हुई और श्रमिक शिकार बन गए। विशेषज्ञों के मुताबिक बॉयलर का तापमान करीब 400 डिग्री सेल्सियस होता है। इस तापमान पर मानव शरीर की हड्डियां तक राख बन जाती है। ज्ञात रहे कि बॉयलर फटने के कारण रायबरेली में 30 से अधिक मजदूरों की मौत हो गई है।
जिम्मेदारों से जवाब मांगते गंभीर सवाल
सुरक्षा मानकों के कई अवार्ड बटोरने वाली इस कंपनी में हुए हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं-
- जब बॉयलर ट्यूब पुरानी हो गई थी तो समय रहते क्यों नहीं बदला गया ?
- इस गंभीर हादसे के पीछे किसका हाथ ?
- आखिर श्रमिकों की जान से खिलवाड़ क्यों ?
- हादसे के बाद जिम्मेदारों की आंखें बंद क्यों ?
- इस घटना पर मानवाधिकार आयोग मौन क्यों ?
- क्या शासन-प्रशासन कर रहा है मौतों का इंतजार ?
- आखिर क्यों कंपनी के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होती ?
- कंपनी को किस आधार पर मिल जाते हैं अवार्ड ?
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