श्री सीमेंट के नाम खुला पत्र
बांगड़ परिवार
श्रीमान, ब्यावर शहर जिसने आप को बहुत कुछ दिया आज इसी शहर की धरती पर इतिहास का सबसे बड़ा हादसा घटित हुआ है। प्रत्येक शहरवासी की आँखें नम और ह्रदय में दर्द है। हर हाथ मदद को तैयार। ऐसी विकट परिस्थिति में मेरा निवेदन है कि श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर के वार्षिकोत्सव पर होने वाले भव्य आयोजन को सूक्ष्म और सादगी पूर्ण तरीके से किया जाए और इसमें खर्च होने वाली अथाह धनराशि ना केवल पीड़ित परिवार बल्कि उन परिवारों पर खर्च की जाए जिनके सपनों के आशियाने टूट गए हैं। मेरी यह भावपूर्ण विनती है आपसे और ऐसा निवेदन समर्थ व्यक्ति से ही किया जाता है। संकटमोचन राम भक्त हनुमान आपके इस कदम से विगत वर्षों की तुलना में अधिक प्रसन्न होंगें।
मुझे ये भी विदित है कि आपकी तरफ से मृतकों के लिए एक-एक लाख रुपए सहायता की घोषणा की जा चुकी है। पर यह सर्व विदित है कि इतने रुपए में तो एक कमरा भी मुश्किल से बन पाता है। मेरा निवेदन है कि मन्दिर वार्षिकोत्सव में होने वाले व्यर्थ खर्च को रोक कर ब्यावर के नाम खर्च किया जाए। आपका पूरा ब्यावर सदैव ऋणी रहेगा क्योंकि यह हादसा किसी एक परिवार के साथ नहीं बल्कि ब्यावर के साथ हुआ है। ना केवल मैं बल्कि ब्यावर का हर वासी आज दुखी मन से आपसे यह विन्रम निवेदन करता है।
परोपकाराय फलन्ति वृक्षाः परोपकाराय वहन्ति नद्यः।
परोपकाराय दुहन्ति गावः परोपकारार्थ मिदं शरीरम्॥
परोपकार के लिए वृक्ष फल देते हैं, नदियाँ परोपकार के लिए ही बहती है और गाय परोपकार के लिए दूध देती हैं। अर्थात् यह शरीर भी परोपकार के लिए ही है।
निवेदक
पंडित कृष्ण वल्लब शर्मा
(9414009285)
0 comments:
Post a Comment