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June 20, 2017

क्रांतिकारी संत जगदीश गोपाल ने दिए कड़वे प्रवचन, बोले- गाय वोट नहीं देती इसलिए उपेक्षा की शिकार

संत जगदीश गोपाल महाराज
राष्ट्रीय क्रांतिकारी संत जगदीश गोपाल ने कहा कि गाय वोट नहीं देती इसलिए राजनीतिक उपेक्षा की शिकार है। गौमाता के हत्यारे नेता बनकर गली-गली में घूम रहे हैं। राजनेता ही हैं जो सत्ता में बैठकर गौ हत्या के लिए कत्लखानों के लाइसेंस जारी करते हैं। वे ब्यावर में आयोजित विराट गो-कृपा सत्संग में गौमाता विषय पर प्रवचन दे रहे थे।
संत ने कहा कि नेताओं के कारण अहिंसा की धरती पर 4 हजार कत्लखाने खुल गए हैं। प्रतिदिन 80 हजार गायों को सूर्योदय से पहले मार दिया जाता है। सौ करोड़ हिंदुओं की मां संकट में है। गौमाता के नाम पर सिर्फ राजनीति हो रही है। कत्लखाने बंद होने चाहिए। गौ हत्या पर रोक लगनी चाहिए। चुनाव में उसी नेता को वोट दें जो जीतने के बाद गौरक्षा का संकल्प ले। गौमाता को दुश्मनों से बचा सके। उन्होंने कहा कि गाय पशु नहीं, प्राणी नहीं, सनातन धर्म की प्राण है। गाय परमात्मा की आराधना है। गाय सकल जगत की दाता है। दुर्भाग्य है कि समझदार लोग गाय को पशु समझ रहे हैं। गोपाल कृष्ण की गाय कभी पशु नहीं हो सकती। संत ने कहा कि जब से इंसान ने गाय को पशु समझना शुरू किया तब से खुद पशु समान हो गया है। मां को पशु समझने पर पुत्र भी पशु हो जाता है। उसी के जीवन में राम है जिसके जीवन में गौमाता है। गौमाता का देवत्व देखने के लिए हृदय की आंखें खोलनी होगी। जन्म से पहले और मृत्यु के पश्चात् भी जीव का कल्याण करने के लिए जीवन में गौमाता का होना जरूरी है। प्रवचन के दौरान संत ने जन्म से लेकर मृत्य तक गौमाता के महत्त्व से जुड़े शास्त्रोक्त उपाय बताए। सत्संग का प्रारंभ जय गौमाता जय गोपाल.. कीर्तन से हुआ और समापन गौ रक्षा संकल्प के साथ हुआ। मंच संचालन ओम महावर ने किया। कार्यक्रम से पूर्व अजीत शर्मा, धर्मराज छड़िया, राजेश शर्मा, नितेश गोयल, सुमित सारस्वत, सतीश गर्ग, अंगद अजमेरा, दिनेश पायलट, जयंत सोलंकी, लक्की मकवाना, माणक साहू, शंकर बुलंद, पुखराज साहू, अनिल इंद्राणिया, जगदीश साहू, जसराज जांगिड़ ने महाराज का माला पहनाकर स्वागत किया। कार्यक्रम में शशि सोलंकी, सुरेश वैष्णव, हेमंत कुमावत, तारा सोनी, सीमा शर्मा, प्रीति शर्मा, लता शर्मा, हेमेंद्र जैन, भूपेंद्र कुमावत, सुनील शर्मा, शेखर सोलंकी, चतुर्भुज साहू सहित बड़ी संख्या में गौ भक्त शामिल हुए।

हर घर में हो गौ पालन
संत ने कहा कि अखण्ड भारत के लिए गाय को बचाना बहुत जरूरी है। कश्मीर से गौमाता खत्म हुई तो कश्मीरी पंड़ित सड़कों पर आ गए। अब कश्मीर वैसा नहीं रहा जो स्वर्ग जैसा था। देश में गौ रक्षक की तुलना में गौ भक्षक ज्यादा हो गए हैं। गाय को बचाने के लिए हर घर में गौ पालन होना चाहिए। जन्मदिवस, विवाह वर्षगांठ जैसे शुभ दिन गौमाता के साथ मनाइए। बेटी को दहेज में टीवी या कार नहीं, गौदान दीजिए।
हर घर में हो लाइसेंसधारी हथियार
क्रांतिकारी संत ने कहा कि हिंदू आतंकवादी नहीं, आनंदवादी है। मगर जो समय आ रहा है उसे देखते हुए हर हिंदू को लाइसेंस लेकर घर में हथियार रखना चाहिए। गौमाता को बचाने के लिए हथियार उठाना गलत नहीं है। गाय को बचाने के लिए किसी को मारना पड़े या खुद मरना पड़े तो चिंता मत करना। गौ हत्यारे को मारने वाले के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। अगर गाय नहीं रहेगी तो तिलक और चोटी वाले नहीं रहेंगे, सिर्फ टोपियां नजर आएगी।
हर हिंदू के चार बच्चे हों
संत ने हिंदुओं की घटती संख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि हर हिंदू के चार संतान होनी चाहिए। तर्क देकर समझाया कि सनातन संस्कृति में चार वेद, चार आश्रम, चार दिशा है तो बच्चे भी चार ही होने चाहिए। राजा दशरथ के भी चार पुत्र थे। वर्तमान में माता-पिता एक बच्चे से भी घबरा रहे हैं। अगर ऐसी संख्या घटती रही तो हिंदुओं का बीज भी नहीं मिलेगा।
स्माइल इज वैरी नेसेसरी फॉर लाइफ
संत ने सदैव प्रसन्न रहने का संदेश देते हुए कहा कि संसार सुखों का महासागर है। यह परमात्मा की बनाई कृति है। इसके बावजूद इंसान के जीवन से मुस्कान गायब है। हर इंसान दुखी है क्योंकि मुस्कुराने के लिए सुख चाहिए। अगर कोई मुस्कुरा भी रहा है तो दर्द छुपाने के लिए। मुस्कुरावे सो मानव, टेंशन में रहे सो दानव.. श्लोक से समझाया कि मुस्कुराने की कला सिर्फ इंसान में है, पशु में नहीं। हर परिस्थिति में मुस्कुराते रहिए।
गली-गली में मंदिर बनना शर्मनाक
महाराज ने कहा कि गली-गली में मंदिर बनाकर देवताओं का अपमान किया जा रहा है। हर समाज अपना अलग मंदिर बना रहा है। शर्मनाक है कि हिंदू समाज मंदिरों में बंट गया है। इस तरह अखण्डता खत्म करने की बजाय संगठित होकर राम मंदिर बनवाओ।
सावन में ना पीएं दूध
संत ने कहा कि बल व बुद्धि विकास के लिए प्रतिदिन शुद्ध देसी गाय के दूध का सेवन करें। सावन मास में कभी दूध ना पीएं। सावन के दूध में जहर होता है। इसीलिए सावन का दूध भगवान शिव को चढ़ाया जाता है। एकमात्र शिव में ही जहर पीने की क्षमता है। -सुमित सारस्वत SP, स्वतंत्र लेखक

विराट गो-कृपा सत्संग में शामिल गौ भक्त।

संत जगदीश गोपाल महाराज के प्रवचन सुनने उमड़ा जनसमुदाय।

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