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September 5, 2024

True Love Story: अगाध प्रेम की अनूठी मिसाल है यह प्रेमी युगल, एक ही दिन हुआ था दोनों का जन्म

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी श्री कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) कहलाती है और भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी राधा अष्टमी (Radha Ashtami) के नाम से विख्यात है. क्या यह एक अदभुत संयोग नहीं है कि श्रीकृष्ण जी का जन्म भी अष्टमी को हुआ था और उनकी प्राणप्रिया राधाजी भी अष्टमी को ही अवतरित हुई थी.

राधा रानी के प्रति श्रीकृष्ण के अगाध आत्मीय प्रेम की यह बड़ी और जीवंत मिसाल है. एक और खास बात यह है कि राधा का जन्म दिन में 12 बजे हुआ और कन्हैया का जन्म रात में 12 बजे हुआ. कृष्ण जन्म के उपलक्ष में जन्माष्टमी मनाई जाती है और राधाजी के जन्म उपलक्ष में राधाष्टमी.
आपको कृष्ण प्रिया श्री राधाजी के जन्म अष्टमी महापर्व की ढेरों बधाई..
©सुमित सारस्वत

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August 25, 2024

जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण के लिए क्या बोले राजस्थान सीएम भजनलाल शर्मा - CM Bhajanlal Sharma on Janmashtami

भारत देश में 26 अगस्त को भगवान श्री कृष्ण जन्म का पर्व जन्माष्टमी (Janmashtami) धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाएगा. इस पावन पर्व पर राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) ने प्रदेशवासियों को जन्माष्टमी की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.

सीएम शर्मा ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) ने निष्काम कर्म करने, शोषण एवं अन्याय का प्रतिकार करने तथा जरूरतमंद लोगों के कल्याण के लिए सदैव समर्पित रहने का संदेश दिया.

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे भगवान श्रीकृष्ण के महान आदर्शों को आत्मसात करते हुए समाज में भाईचारे की भावना को मजबूत करने तथा गरीब व उपेक्षित की मदद करने का संकल्प लें. ©सुमित सारस्वत

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August 23, 2019

यहां भगवान कृष्ण को 21 तोपों से देते हैं सलामी, 400 साल से चली आ रही अनूठी परंपरा - Amazing Temple of Lord Krishna

भगवान श्री कृष्ण को प्रेम और मित्रता की मिसाल माना जाता है। भारत ही नहीं, पूरे विश्व में भगवान श्री कृष्ण के कई मंदिर हैं। ठाकुरजी का एक मंदिर ऐसा भी जहां भगवान श्री कृष्ण की पूजा सात साल के बालक रूप में होती है। यह मंदिर है राजस्थान के नाथद्वारा शहर में स्थित श्रीनाथजी का पावन धाम।


श्रीनाथजी भगवान श्रीकृष्ण के अवतार हैं, जो सात साल के बालक के अवतार में यहां विराजमान हैं। श्रीनाथ जी का यह मंदिर लेक सिटी उदयपुर सेे करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। श्रीनाथद्वारा में भगवान कृष्ण के जन्म का स्वागत एक अनोखे ढंग से किया जाता है। यहां जन्माष्टमी पर भक्त 21 तोपों की सलामी देकर अपने ईश्वर का जन्मोत्सव मनाते हैं।

वीडियो में देखें- कैसे देते हैं तोपों से सलामी

कृष्ण जन्माष्टमी मनाने की यह परंपरा यहां सालों से इसी तरह चली आ रही है। यहां 400 साल पुरानी तोपों से भगवान को 21 सलामी दी जाती है। इन तोपों से गोलों को उसी परम्परा और विधि से दागा जाता है जैसा सालों पहले दागा जाता था। इन तोपों से गोले भगवान श्रीनाथ जी के गार्ड ही दागते हैं।

वीडियो में देखें- बाल कृष्ण की नटखट लीलाएं

श्रीनाथजी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की काले रंग की संगमरमर की मूर्ति है। इस मूर्ति को केवल एक ही पत्थर से बनाया गया है। इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपने एक हाथ पर उठाए दिखाई देते हैं और दूसरे हाथ से भक्तों को आशीर्वाद देते हुए नजर आते हैं।

वीडियो में देखें- कैसे होता है कृष्ण का अभिषेक

माना जाता है कि मेवाड़ के राजा इस मंदिर में मौजूद मूर्तियों को औरंगजेब से बचाकर गोवर्धन की पहाड़ियों से यहां लाए थे। ये मंदिर बारहवीं शताब्दी में बनाया गया था। जब औरंगजेब श्रीनाथ जी की मूर्ति को खंडित करने मंदिर में आया तो यहां पहुंचते ही अंधा हो गया था। तब उसने अपनी दाढ़ी से मंदिर की सीढ़ियां साफ करते हुए श्रीनाथ जी से विनती की और ठीक हो गया। उसके बाद औरंगजेब ने एक बेशकीमती हीरा मंदिर को भेंट किया था जिसे हम आज श्रीनाथ जी के दाढ़ी में लगा देखते हैं। अगर आपने नाथद्वारा के श्रीजी बाबा का दर्शन नहीं किया है तो जल्द ही कार्यक्रम बनाइए और ठाकुरजी का दिव्य दर्शन कर आइए।
-सुमित सारस्वत, मो.09462737273

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August 12, 2017

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन करें ये 5 उपाय, धन और यश की होगी प्राप्ति

भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 15 अगस्त, मंगलवार को है। अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए जन्माष्टमी के दिन कुछ उपाय करना शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने से माता लक्ष्मी भी प्रसन्न हो जाती हैं।

1. धन प्राप्त करने के लिए जन्माष्टमी के दिन सवेरे जल्दी स्नान करने के बाद राधा-कृष्ण मंदिर में जाकर भगवान कृष्ण को पीली माला अर्पित करनी चाहिए।

2. भगवान कृष्ण को विष्णु का अवतार माना गया है। जन्माष्टमी के दिन दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान कृष्ण का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से भगवान कृष्ण के साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है और मन की मुराद पूरी होती है।

3. भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा पाने के लिए सफेद मिठाई या फिर खीर बनाकर भोग लगाएं और उसमें मिश्री और तुलसी के पत्ते डालें। इससे भगवान श्रीकृष्ण जल्दी प्रसन्न होते हैं।

4. आपके किसी भी काम में कभी कोई बाधा न आए तो इसके लिए जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण मंदिर में जटा वाला नारियल और 11 बादाम चढ़ाएं।

5. नौकरी में तरक्की के लिए जन्माष्टमी के दिन खीर बनाकर कन्याओं को खिलाएं। ऐसा करने से भगवान श्री कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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