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April 22, 2025

जम्मू कश्मीर में बड़ा आतंकी हमला, सेना की वर्दी पहन आए काफिरों की गोलियों से 26 पर्यटकों की मौत - Terrorist Attack In Kashmir

काल्पनिक चित्र. (AI)

✍🏻 सुमित सारस्वत

जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ समय से आतंकी घटनाएं बढ़ गई है. आज पहलगाम में आतंकियों ने दिल दहलाने वाली वारदात को अंजाम देते हुए पर्यटकों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई. आतंकी घटना में 26 पर्यटकों की बर्बर हत्या हुई है. इस कायराना आतंकी हमले में कई लोग घायल हुए हैं. मृतकों में विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं. इस घटना के बाद देशभर में आतंकवाद के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा है.


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सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकियों ने सुनियोजित तरीके से टूरिस्‍ट को निशाना बनाया है. बताया जा रहा है कि आतंकी सेना की वर्दी पहनकर आए थे. वे टूरिस्ट के बड़े ग्रुप को टारगेट करने की फिराक में थे. उनका मकसद जम्मू कश्‍मीर में सैलानियों के प्रवेश को रोकना हो सकता है. संगीन वारदात को अंजाम देने के बाद सभी आतंकी फरार हो गए.


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आगामी 3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू होनी है. इस यात्रा के लिए पहलगाम रूट अहम है. ऐसे में अमरनाथ तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई है. इस बर्बर वारदात के बाद पूरा देश आतंक के खिलाफ एकजुट हो गया है. देशभर से लोग घटना पर चिंता जताते हुए सरकार से आतंक खत्म करने की मांग कर रहे हैं, ताकि निर्दोष भारतीय इस तरह अपनी जान न गंवाएं. ©सुमित सारस्वत


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January 17, 2025

ब्यावर में 3 दिन के भीतर 4 कैंसर रोगियों की मौत, सामान्य बीमारी की तरह क्यों फैल रहा रोग ? Cancer Death Cases

✍🏻 सुमित सारस्वत
किसी जमाने में दुर्लभ रोग कहा जाने वाला कैंसर अब सामान्य बीमारी की तरह फैल रहा है. पूरी दुनिया के लिए कैंसर (Cancer Disease) चिंता का विषय बना हुआ है. इस बीमारी के कारण हर साल कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. भारत में भी यह बीमारी तेजी से बढ़ती जा रही है. सूचना के मुताबिक, राजस्थान (Rajasthan) के ब्यावर (Beawar) में इस गंभीर रोग की वजह से बीते 3 दिन के भीतर 4 लोगों की मौत हुई है.

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बेटे के गम में पिता की मौत
ब्यावर के करीब अजमेर (Ajmer) में कैंसर पीड़ित बेटे के गम में एक बुजुर्ग का शुक्रवार को निधन हो गया. परिजन के मुताबिक, कुछ महीने पहले उनके सबसे छोटे बेटे को कैंसर हो गया था. हर दिन उसके बारे में सोचते हुए बुजुर्ग का मानसिक संतुलन धीरे-धीरे बिगड़ता गया और गम में गुम होकर उनकी मौत हो गई. बेटा अभी चौथे स्टेज के कैंसर से गंभीर हालत में है.

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महिलाओं के लिए खतरा ज्यादा
कैंसर रोग किसी को भी अपना शिकार बना सकता है, चाहे वह किसी भी उम्र या लिंग का हो. भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाओं को इसका ज्यादा खतरा है. आंकड़ों की मानें तो बीते कुछ साल में महिलाओं में कैंसर (Women Cancer Risk in India) के ज्यादा मामले आए हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, साल 2022 में भारत में लगभग 14 लाख 13 हजार 316 कैंसर के नए मामले सामने आए हैं. इनमें 6 लाख 91 हजार 178 पुरुष और 7 लाख 22 हजार 138 महिलाएं हैं. यह आंकड़े हैरान करने वाले हैं.

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विशेषज्ञ ने बताई यह वजह
जयपुर (Jaipur) के भगवान महावीर कैंसर अस्पताल (Cancer Hospital) की कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. पलक जैन (Dr Palak Jain) के मुताबिक, कैंसर एक जेनेटिक बीमारी है. मौजूदा समय में यह बीमारी बढ़ने की वजह है कि लोगों की लाइफस्टाइल चेंज हो गई है. बाहर का फास्टफूड खाना, बढ़ता पॉल्यूशन और रेडिएशन भी इसकी एक वजह है. आजकल लोगों के हाथ में हर समय मोबाइल फोन और सामने लैपटॉप स्क्रीन होती है. ऐसे में बीमारी हो सकती है. सभी को समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए. शरीर में कोई भी परेशानी होने पर चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें.
©सुमित सारस्वत

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July 2, 2024

हाथरस में बड़ा हादसा, 120 श्रद्धालुओं की मौत!, जानें क्या थी वजह ?

✍🏻सुमित सारस्वत

यूपी के हाथरस में बड़ा हादसा हुआ है. 120 से ज्यादा श्रद्धालुओं के मौत की खबर है. 150 से ज्यादा लोग गंभीर घायल हैं, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती करवाया है. नारायण साकार उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ के कारण यह दर्दनाक हादसा हुआ. मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. घटना के बाद अस्पताल के बाहर लाशों का ढेर देखकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही की हार्टअटैक से मौत हो गई. सत्संग में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत देशभर से पहुंचे हजारों लोग शामिल थे.


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यूपी में हुई इस दर्दनाक घटना के बाद देशभर में कोहराम मचा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष नेता राहुल गांधी, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं ने शोक जताया है. भगदड़ से होने वाली मौतों से सबक लेते हुए लोगों को भीड़ में जाने से बचना चाहिए. आस्था और अंधविश्वास में फर्क समझना चाहिए.©सुमित सारस्वत



Sumit Saraswat
 
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November 7, 2023

पटाखों से गई विवाहिता की जान, दीपावली पूर्व ब्यावर में भीषण आगजनी - Massive Fire in Rajasthan on Diwali

✍ सुमित सारस्वत
दीपावली पर पटाखे जानलेवा हैं. इन्हीं पटाखों की वजह से राजस्थान के ब्यावर में आज बुधवार तड़के एक युवा महिला ने जान गंवा दी. यहां नेहरु गेट इलाके के एक रिहायशी मकान में आगजनी की भीषण घटना ने सनसनी फैला दी. हादसे के बाद दमकल ने मौके पर पहुंच आग पर काबू पाया. प्रशासनिक अधिकारियों ने मौका मुआयना किया.
जानकारी के मुताबिक, ब्यावर के नेहरु गेट इलाके में रहने वाले राजेंद्र माली अपने रिहायशी मकान में पटाखे का कारोबार करते हैं. इसके लिए प्रशासन ने लाइसेंस दिया है. सरकारी अनुमति के बाद ही वे अपने मकान के बाहर दुकान लगाकर पटाखों की बिक्री कर रहे थे. मकान के अंदर ही गोदाम बना रखा है. मंगलवार तड़के करीब चार बजे राजेंद्र अपने परिवार के साथ पटाखे पैक कर रहे थे. इस दौरान अचानक आग लग जाने से मकान धूं-धूं कर जलने लगा. राजेंद्र का पूरा परिवार घबराकर घर से बाहर निकला. मकान में रखे पटाखे फूटने पर हुए धमाकों से इलाका दहल गया. क्षेत्र के लोग नींद से जागकर घरों से बाहर निकल आए. क्षेत्र में दहशत के साथ अफरा-तफरी मच गई.

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घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारी
इत्तला मिलते ही दमकल कर्मी मौके पर पहुंचे. दमकल के दो वाहन ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. प्रत्यक्षदर्शी अश्विनी प्रजापति ने बताया कि हादसे में मकान मालिक राजेंद्र की विवाहिता पुत्री डिंपल सांखला की मौत हो गई. विवाहिता की उम्र करीब 27 वर्ष बताई है. भीषण आगजनी की सूचना पर जिला कलेक्टर रोहिताश्व सिंह, एसपी नरेंद्र सिंह, एसडीएम मृदुल सिंह भी घटनास्थल का जायजा लेने मय टीम मौके पर पहुंचे.

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'काल' ने रोका पीहर में
पीड़ित परिवार के मित्र अश्विनी ने बताया कि राजेंद्र की पुत्री डिंपल सांखला शादीशुदा है और उनके दो साल की पुत्री है. डिंपल का पीहर निकट ही कृष्णा कॉलोनी क्षेत्र में है, इसलिए वे अपने पिता के काम में मदद करने के लिए आ जाती थी. रोजाना शाम तक घर लौट जाती थी लेकिन सोमवार रात देर हो जाने पर पीहर में ही रूक गई. आग लगने के बाद परिवार के साथ डिंपल भी सुरक्षित घर से बाहर निकल गई थी लेकिन उसका मोबाइल अंदर ही रह गया. वो मोबाइल लाने के अंदर दौड़ी लेकिन 'काल' ने आग की लपटों में घेर लिया और उसकी मृत्यु हो गई. ©सुमित सारस्वत, मो.9462737273

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August 30, 2023

सुसाइड के मामलों ने बढ़ाई पेरेंट्स की चिंता, अब बच्चों को अकेला नहीं छोड़ रहे अभिभावक - Kota Suicide Case


सुमित सारस्वत
एजुकेशन सिटी कोटा से आए दिन किसी न किसी स्टूडेंट के सुसाइड करने का मामला सामने आ रहा है. कोचिंग स्टूडेंट्स की मौत (Death) के बढ़ते आंकड़ों से अभिभावकों को डर सताने लगा है. अब परिवार वाले अपने बच्चे को अकेला छोड़ने से घबरा रहे हैं. यही वजह है कि देश के विभिन्न राज्यों से अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों के साथ कोटा आकर रहने लगे हैं. छात्रों का ख्याल रखने के लिए माता-पिता और दादा-दादी कोटा (Education City Kota) शिफ्ट हुए हैं.

बिहार की रहने वाली शिम्पी कुमारी के बेटे और बेटी दोनों कोटा में नीट और जेईई की तैयारी कर रहे हैं. दोनों बच्चों का ख्याल रखने के लिए शिम्पी बिहार (Bihar) छोड़कर राजस्थान (Rajasthan) आई है और कोटा में बच्चों के साथ है. बिहार के सीतामढी जिले की 80 वर्षीय नीरु देवी भी जेईई की तैयारी कर रहे अपने पोते के साथ कोटा रहने लगी है. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना जिले की संध्या द्विवेदी भी कोटा में जेईई की पढ़ाई कर अपने बेटे का ख्याल रखने के लिए कोटा आई हैं. उनके पति घर पर अन्य जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं. चंडीगढ़ (Chandigarh) में सॉफ्टवेयर इंजीनियर शिवानी जैन ने नीट की तैयारी कर रही अपनी बेटी के साथ रहने के लिए ऑफिस से छुट्टी लेने का फैसला किया है.

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पेरेंट्स अब अपने बच्चों को हॉस्टल में रखने से कतरा रहे हैं. उनका मानना है कि परिवार का सदस्य साथ होने से बच्चों को अकेलेपन का अहसास नहीं होगा. उनकी गतिविधियों और व्यवहार पर नजर भी रख सकेंगे. साथ ही बच्चों को घर का बना खाना मिलेगा तो सेहत भी अच्छी रहेगी. आपको बता दें कि कोटा में हर साल ढाई लाख से अधिक छात्र इंजीनियरिंग (JEE) और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए नीट (NEET) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं. आंकड़ों के मुताबिक, कोटा में इस साल अब तक 24 छात्रों ने खुदकुशी (Suicide) की है. पिछले साल 15 छात्रों ने आत्महत्या की थी.

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‘आधे दिन पढ़ाई, आधे दिन मस्ती’
कोटा में छात्रों के बढ़ते आत्महत्या के मामलों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने अहम फैसला लिया है. अब सप्ताह में एक दिन ‘आधे दिन पढ़ाई, आधे दिन मस्ती’ का निर्णय लिया है ताकि छात्रों का मानसिक दबाव कम हो. आत्महत्या की प्रवृत्ति वाले छात्रों की पहचान करना और मनोवैज्ञानिक परामर्श देने का कार्य भी करेंगे. छात्रों पर पाठ्यक्रम का बोझ कम करने के प्रयास में कोचिंग संस्थानों को विषय विशेषज्ञों की एक समिति बनाने के लिए कहा है.
©सुमित सारस्वत, मो.9462737273

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