Thinker, Writer, Anchor

December 17, 2024

राजस्थान सरकार का एक साल पूरा, पीएम मोदी ने दी यह सौगातें - PM Modi in Rajasthan

✍🏻 सुमित सारस्वत
राजस्थान में सीएम भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा (BJP) सरकार का एक साल पूरा हाे गया है. इस मौके पर मंगलवार को राजधानी जयपुर (Jaipur) में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narenda Modi) ने कई सौगात दी. दादिया में आयोजित ‘एक वर्ष-परिणाम उत्कर्ष’ (Ek Varsh Parinaam Utkarsh) कार्यक्रम में ऊर्जा, सड़क एवं रेलवे से जुड़ी कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया.



समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि इन परियोजनाओं से राजस्थान के पर्यटन, किसानों और नौजवानों को बहुत फायदा होगा. ये परियोजनाएं राजस्थान में पेयजल की चुनौती का स्थाई समाधान करेंगी और राजस्थान को देश में सबसे बेहतर संपर्क वाले राज्यों में से एक बनाएंगी. इससे राजस्थान में निवेश को बल मिलेगा. रोजगार के कई अवसर बनेंगे.

आधिकारिक बयान के अनुसार, मोदी ने ऊर्जा, सड़क, रेलवे (Railways) और जल (Water) से जुड़ी 46,300 करोड़ रुपए से अधिक की 24 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. 11,000 करोड़ रुपए से अधिक की 9 परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनमें केंद्र सरकार की 7 और राज्य सरकार की 2 परियोजनाएं शामिल हैं. पीएम ने 35,300 करोड़ रुपए से अधिक की 15 परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिनमें केंद्र सरकार की 9 और राज्य सरकार की 6 परियोजनाएं शामिल हैं.

आधिकारिक बयान के अनुसार, मोदी ने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें नवनेरा बैराज, स्मार्ट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन नेटवर्क और परिसंपत्ति प्रबंधन प्रणाली से जुड़ी परियोजनाएं, रेलवे के भीलड़ी-समदड़ी-लूणी-जोधपुर-मेड़ता रोड-डेगाना-रतनगढ़ खंड का विद्युतीकरण शामिल है. अधिकारियों के अनुसार, ये परियोजनाएं लोगों के आवागमन को सुगम बनाने और प्रधानमंत्री के हरित ऊर्जा के दृष्टिकोण के अनुरूप राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेंगी.


प्रधानमंत्री ने 9,400 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से रामगढ़ बैराज और महलपुर बैराज के निर्माण कार्य तथा चंबल नदी पर नहर के माध्यम से नवनेरा बैराज से बीसलपुर बांध और ईसरदा बांध तक पानी पहुंचाने की प्रणाली की आधारशिला रखी. सरकारी कार्यालय भवनों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने, पूगल (बीकानेर) में 2000 मेगावाट के एक सौर पार्क और 1000 मेगावाट के दो चरणों के सौर पार्कों के विकास तथा सैपऊ (धौलपुर) से भरतपुर-डीग-कुम्हेर-नगर-कामाण एवं पहाड़ी तथा चंबल-धौलपुर-भरतपुर तक पेयजल आपूर्ति लाइन के ‘रेट्रोफिटिंग’ (पुरानी या कम कुशल व्यवस्था में बदलाव किए बिना नई, अधिक ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों को लगाने की प्रक्रिया) कार्य का भी शिलान्यास किया.

मोदी ने लूणी-समदड़ी-भीलड़ी डबल लाइन, अजमेर-चंदेरिया डबल लाइन और जयपुर-सवाई माधोपुर डबल लाइन रेलवे परियोजना के साथ-साथ अन्य ऊर्जा पारेषण से संबंधित परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया. समारोह में राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma), मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav), केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी, उप उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, दिया कुमारी (Diya Kumari), पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje), बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rahore) समेत कई मंत्री, जनप्रतिनिधि और प्रदेशभर से पहुंचे हजारों लोग मौजूद रहे.


©सुमित सारस्वत

कार्यक्रम का विडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें

Share:

December 12, 2024

श्री सीमेंट ने तोड़ा किसान का घर, कंपनी की तानाशाही के खिलाफ प्रदर्शन - Farmers protest against Shree Cement

✍🏻 सुमित सारस्वत
श्री सीमेंट कंपनी एक बार फिर विवादों में है. इस बार कंपनी पर किसानों के घर तोड़ने का गंभीर आराेप लगा है. मुआवजा नहीं मिलने पर एक किसान ने कंपनी के प्रवेश द्वार पर आत्मदाह का प्रयास किया. बड़ी संख्या में मौके पर मौजूद लाेगों ने श्री सीमेंट (Shree Cement) कंपनी पर तानाशाही करने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया.

किसान विद्याधर ने दो दिन पहले इच्छा मृत्यु के लिए एसडीएम और कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी दिया था. इत्तला मिलने पर पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) भी मौके पर पहुंचे और कंपनी की मनमानी के खिलाफ गेट पर चढ़ गए. गुढ़ा ने किसान का समर्थन करते हुए जमीन का मुआवजा मांगा. मामला झुंझुनूं (Jhunjhunu) के नवलगढ़ (Nawalgarh) का है.

यह भी पढ़ें- श्री सीमेंट हादसे की जांच कौन करवाएगा 'सरकार'

प्रदर्शन के दौरान पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कंपनी प्रबंधन पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने आरोप लगाया कि श्री सीमेंट कंपनी ने नियमों को ताक में रखकर नवलगढ़ में प्लांट लगाया है. कंपनी के पास पॉल्यूशन की एनओसी नहीं है. बिना बाउंड्री के माइनिंग और ब्लास्टिंग कर रहे हैं. ब्लास्टिंग से कोई भी हादसा हो सकता है, कोई मर सकता है. गुढ़ा ने दावा किया कि उनके पास कंपनी की 50 कमियां हैं. प्रशासन चोरों की रखवाली कर रहा है. किसान परिवार को न्याय नहीं मिल रहा है और प्रशासनिक अधिकारी कंपनी की पैरवी कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- क्या मृतक परिवारों का दर्द बांटेगा श्री सीमेंट प्रबंधन

प्रदर्शन के दौरान मौके पर मौजूद एक ग्रामीण ने बताया कि करीब एक महीने पहले श्री सीमेंट कंपनी प्रबंधन ने किसान का घर ताेड़कर उसे बेघर कर दिया. किसान के बच्चे छोटे हैं और वाइफ प्रेगनेंट है. एक अन्य ग्रामीण ने आरोप लगाया कि कंपनी ने बीते 2-3 साल में कई किसानों के घर तोड़ दिए. खेत उजाड़ दिए. अभी उनके पास रहने को छत नहीं है. न कंपनी सुनवाई कर रही है और न ही प्रशासन ने सुध ली है. कंपनी ने इलाके का पर्यावरण संतुलन बिगाड़ दिया है. किसानों (Farmers) की मांग है कि उन्हें जमीन का उचित मुआवजा मिलना चाहिए. साथ ही बेघर हुए परिवार के किसी एक सदस्य को कंपनी में रोजगार दिया जाए.

यह भी पढ़ें-  अजमेर दरगाह का सबसे बड़ा विवाद

इस मामले में कंपनी के यूनिट हैड एचसी गुप्ता ने मीडिया को बताया कि प्रभावित किसानों को 26 लाख रुपए प्रति बीघा का मुआवजा निर्धारित किया गया, वह देने को तैयार हैं. आश्वासन के बाद किसानों ने कंपनी को सात दिन का अल्टीमेटम और चेतावनी दी है कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन करेंगे. अब देखना रोचक होगा कि उत्तर भारत की बड़ी कंपनी किसान के आगे झुकेगी या फिर आंदोलन (Farmers Protest) उग्र होगा. ©सुमित सारस्वत

यह भी पढ़ें- सुसाइड केस ने क्यों बढ़ाई पेरेंट्स की चिंता

Share:

November 27, 2024

अजमेर दरगाह में संकटमोचन शिव मंदिर !, कोर्ट ने याचिका मंजूर कर दरगाह कमेटी व अन्य को भेजा नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला - Ajmer Dargah Case

✍🏻 सुमित सारस्वत
ज्ञानवापी (Gyanvapi Mosque) और ताजमहल (Tajmahal) के बाद अब अजमेर की विश्व विख्यात ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा किया गया है. हिंदू सेना (Hindu Sena) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कोर्ट में याचिका दायर कर अजमेर दरगाह (Ajmer Dargah) में संकटमोचन महादेव मंदिर होने का दावा किया है. जिसे अजमेर सिविल न्यायालय पश्चिम ने स्वीकार करते हुए सुनने योग्य माना है. कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस देकर पक्ष रखने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी.

यह भी पढ़ें- अजमेर दरगाह में मोदी की चादर

दरगाह पक्ष की तरफ से आई प्रतिक्रिया
अजमेर शरीफ दरगाह (Ajmer Sharif Dargah) के खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने इस मामले पर मीडिया को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कभी बाबरी मस्जिद, कभी मथुरा, कभी काशी, कहीं मस्जिदें शहीद की जा रही है, कहीं मॉब लिचिंग, यह एक एजेंडे के तहत बीते 10 साल से हो रहा है. 800 साल पुरानी अजमेर दरगाह में हर देश, हर धर्म के करोड़ों लोग आते हैं. अभी जनवरी के पहले सप्ताह से 813वां उर्स (Ajmer Urs 813) शुरू होगा. इससे पहले सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश हुई है, हालांकि यह कोशिश सफल नहीं होगी.
©सुमित सारस्वत

यह भी पढ़ें- दरगाह इलाके में कैसे ढही इमारत
Share:

November 21, 2024

नजर चूकी और माल पराया, शादियों में चोरियां कर रही ‘बैंड बाजा बारात' गैंग, राजस्थान के इन दो शहरों में हुई वारदात - Theft in Wedding

✍🏻 सुमित सारस्वत
आधुनिकता की चकाचाैंध के बीच अब शादियों में चोरी की वारदातें बढ़ने लगी है. ‘बैंड बाजा बारात' गैंग के गुर्गे नकली मेहमान बनकर शादियों में पहुंचते हैं और मौका देखते ही माल पर हाथ साफ कर देते हैं. शादी में परिवार वालों की नजर चूकी और माल पराया हो जाता है. शादियों की सीजन के बीच गुरुवार को राजस्थान (Rajasthan) के दो शहरों में चोरी के मामले सामने आए, जहां बदमाशों ने शादियों में चोरी की वारदातों को अंजाम दिया और गहने व कैश से भरा बैग लेकर फरार हो गए. अब पुलिस मैरिज गार्डन में लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चोरों की तलाश में जुटी है.

सगाई से पहले 13 लाख के गहने चोरी
राजधानी जयपुर (Jaipur) में हाइवे स्थित मिरेकल मैरिज गार्डन में झोटवाड़ा निवासी श्रवण चौधरी के बेटे की सगाई समारोह का प्रोग्राम हो रहा था. इस दौरान स्टेज पर जाने के लिए उनकी बेटी हाथ में लगा बैग रिश्तेदार महिला के पास रखकर चली गई. तभी दो बदमाश आए और नजर बचाकर कुर्सी के पास रखा बैग चुराकर ले गए. कुछ देर बाद जब लड़की लौटी तो बैग चोरी होने का पता चला. गहने-कैश का बैग चोरी की सूचना पर हरमाड़ा थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की. पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक, बैग में 13 लाख रुपए के गहने और 8 हजार रुपए रखे थे. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर फरार चोरों की तलाश जारी है.

मायरा भरने से पहले लाखों की चोरी
ब्यावर (Beawar) के राधाकुंज गार्डन में शादी (Marriage) के बीच हल्दी की रस्म के दौरान एक चोर गहनों और कैश से भरा बैग लेकर फरार हो गया. पीड़ित सुरेश वैष्णव अपने भांजे की शादी के लिए मायरा भरने आए थे. वैष्णव विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष हैं. शादी में चोरी की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और परिवार वालों से वारदात की जानकारी लेकर सीसीटीवी फुटेज खंगाले. वीडियो में एक चोर बैग चुराकर भागता दिख रहा है. धर्मीचंद वैष्णव की ओर से दी शिकायत के मुताबिक, बैग में 15 तोला स्वर्ण आभूषण और 5 लाख रुपए थे. ब्यावर में चोरी की ऐसी ही वारदात केसरीनंदन गार्डन में सीताराम शर्मा के पुत्र की शादी में हुई थी.

चोरी में नाबालिगों का इस्तेमाल
गुरुवार को ही दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच ने ‘बैंड बाजा बारात’ गैंग का पर्दाफाश किया है, जो शादियों में चोरी करने के लिए मशहूर थी. यह गैंग महिलाओं और बच्चों का इस्तेमाल करती थी. क्राइम ब्रांच के एडिशनल कमिश्नर संजय भाटिया ने मीडिया को बताया कि गैंग के लोग महिलाओं और बच्चों का कॉन्ट्रैक्ट कर उन्हें बाकायदा ट्रेनिंग देते थे. इसके बाद शादियों के मौसम में किराए पर कमरा लेकर चोरी को अंजाम देते. गैंग पहले शादी में परिवार वालों की पहचान करती, फिर ऐसे बैग को टारगेट करती जिसमें कैश या जेवरात होने की संभावना होती. बैग चोरी करने के बाद इसे तुरंत दूसरे सदस्य को पास किया जाता. यह बैग तीन-चार लोगों के जरिए रेलवे स्टेशन तक पहुंचता और वहां से ट्रेन के जरिए गांव भेज दिया जाता.
©सुमित सारस्वत

Share:

कांग्रेस से महिलाओं का मोह भंग !, पार्टी कार्यक्रमों में कार्यकर्ताओं का टोटा

✍🏻 सुमित सारस्वत
बीते विधानसभा और लोकसभा चुनाव (Elections) के बाद जहां एक ओर देश में कांग्रेस (Congress) की स्थिति सुधरी है वहीं दूसरी ओर ब्यावर (Beawar) में कांग्रेस की स्थिति दिनोंदिन बिगड़ रही है. इस विपक्षी पार्टी से कार्यकर्ता ही दूरी बनाने लगे हैं. महिलाओं का तो मानो मोह भंग हो गया. शायद यही वजह है कि पार्टी कार्यक्रमों में कार्यकर्ताओं की कमी दिखने लगी है. किसी नेता की जयंती-पुण्यतिथि हो, या ज्ञापन-प्रदर्शन, गिने-चुने कार्यकर्ता ही पहुंचते हैं. आलम यह है कि पदों पर बैठे पदाधिकारी और नगरीय सत्ता का लाभ भोग रहे पार्षद भी पार्टी कार्यक्रमों में उपस्थित नहीं होते. सच्चाई यह ताजा तस्वीर बयां कर रही है.

कांग्रेस पार्टी की पूर्वज महिला नेत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देने के लिए गिनती के 27 पुरुष कार्यकर्ताओं संग महज एक महिला मौजूद है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, ब्यावर कांग्रेस के कार्यक्रमों की अधिकांश तस्वीरों में चुनिंदा कार्यकर्ता ही दिखते हैं. इसे कुशल नेतृत्व की कमी कहें, या संगठन की नीतियों का प्रभाव, इसके जवाब में अधिकांश जिम्मेदार पदाधिकारियों ने एक ही बात कही, 'हम सभी को सूचना देकर बुलाते हैं लेकिन कार्यकर्ता आते नहीं तो क्या करें!'

अब बड़ा सवाल यह है कि यदि वो आते नहीं तो उन्हें पद सौंपने का क्या औचित्य? जो संगठन के लिए समर्पित नहीं उन्हें पदमुक्त क्यों नहीं करते? अगर अभी निकाय चुनाव होते तो 30 प्रतिशत आरक्षित टिकट किन महिलाओं को देते? रफ्तार से भागते वक्त में कछुआ चाल से लुप्त होने को आतुर कांग्रेस को इन सवालों के जवाब गंभीरता से तलाशने चाहिए, अन्यथा अब ब्यावर के किसी कांग्रेस नेता का विधानसभा में जाने और नगर परिषद की सत्ता पर काबिज होने की ख्वाहिश ख्वाब ही रह जाएगी. ©SumitSaraswatSP
Share:

November 16, 2024

प्रसाद चाहिए तो पहले रसीद कटवाइए, जानें कहां बिकने लगा अन्नकूट ? - Annakut Prasad on Govardhan Puja

✍🏻सुमित सारस्वत
पौराणिक मान्यता के मुताबिक, दीपावली महापर्व के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की शरण में देवराज इंद्र के अभिमान को समाप्त किया और गोवर्धन पूजा
(Govardhan Puja) की परंपरा शुरू की. तभी से लोग हर साल गोवर्धन पूजा कर रहे हैं. इस पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) और गोवर्धन जी को अन्नकूट बनाकर भोग लगाते हैं.

भगवान श्री राम
(Lord Ram) के वनवास से अवध (Ayodhya) लौटने की खुशी में मनाए जाने वाले दीपावली महापर्व (Diwali Festival) के दूसरे दिन ही गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है ? और कब से की जा रही है ? इसकी कहीं कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.

क्या है अन्नकूट ?
मान्यता के मुताबिक, गोवर्धन पूजा के शुभ अवसर पर लोग 56 या 108 प्रकार के पकवान बनाकर श्रीकृष्ण को भोग स्वरूप अर्पित करते हैं, इन्हीं पकवानों को 'अन्नकूट' कहा जाता है. इसके बिना गोवर्धन पूजा अधूरी मानी जाती है. अन्नकूट में कई तरह की सब्जियां, कढ़ी, चावल, खीर, पूड़ी, मिठाईयां, रबड़ी, पेड़े, मक्खन, मिश्री आदि तरह-तरह की चीजें बनाते हैं.

अब आनंद के लिए अन्नकूट !
गोवर्धन पूजा के साथ शुरू हुई अन्नकूट परंपरा में वक्त के साथ बदलाव आ गया है. अब लोग आनंद के लिए अन्नकूट का आयोजन करने लगे हैं. अलग-अलग धर्मस्थलों पर कई-कई दिन तक सहूलियत के अनुसार अन्नकूट आयोजन होने लगे हैं. इतना ही नहीं, जिन धर्मस्थलों में ठाकुरजी विराजमान नहीं हैं, उन देवी-देवताओं के धर्मस्थलों पर भी लोग यह आयोजन कर रहे हैं. कई-कई जगह पर तो बाकायदा पंगत लगाकर भोजन होने लगा है.

प्रसाद पाने पहुंचे लोग हुए निराश
बदलते वक्त के साथ अब कुछ धर्मस्थलों पर अन्नकूट के नाम पर व्यापार होने लगा है. ट्रस्टी और सेवादार इस प्रसाद को भी बेचने लगे हैं. बाकायदा इसके लिए रसीद कटवाने का दबाव बनाया जाता है. वहीं कई जगहों पर पंगत में बैठकर प्रसाद खिलाने के लिए रुपए लिए जाते हैं. धर्मस्थलाें पर होने वाले इस कृत्य से आस्थावान लोगों में आक्रोश और निराशा नजर आई. एक बड़े धर्मस्थल पर अन्नकूट प्रसाद
(Annakut Prasad) पाने पहुंचे लोगों को ट्रस्ट अध्यक्ष ने रसीद कटवाने का दबाव बनाया. इस बात पर लोगों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए अध्यक्ष को खरी-खोटी भी सुनाई.

लोगों को भी बदलनी होगी धारणा
धार्मिक स्थलों पर होने वाले अन्नकूट आयोजन में पहुंचने वाले लोगों को भी अपनी धारणा बदलनी होगी. इस प्रसाद को पाने के लिए कई लोग अपने साथ बड़े-बड़े टिफिन लेकर पहुंच जाते हैं. कई लोग तो इतनी अधिक मात्रा में अन्नकूट ले जाते हैं कि उनके घर में एक वक्त भोजन का जुगाड़ हो जाता है. लोगों को यह सोच बदलनी हाेगी. प्रसाद को प्रसाद की तरह पाएंगे तभी प्रसाद की सार्थकर्ता सिद्ध होगी.
©सुमित सारस्वत
Share:

दीपावली के दूसरे दिन क्यों होती है गोवर्धन पूजा ? क्या है यह अनछुआ रहस्य - Govardhan Puja on Diwali

✍🏻सुमित सारस्वत

पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की शरण में देवराज इंद्र के अभिमान को समाप्त किया और गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) की परंपरा शुरू की. तभी से लोग हर साल गोवर्धन पूजा कर रहे हैं. इस पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) और गोवर्धन जी को अन्नकूट बनाकर भोग लगाया जाता है.

भगवान श्री राम (Lord Ram) के वनवास से अवध (Ayodhya) लौटने की खुशी में मनाए जाने वाले दीपावली महापर्व (Diwali Festival) के दूसरे दिन ही गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है ? और कब से की जा रही है ? इसकी कहीं कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.

क्या है अन्नकूट ?
मान्यता के मुताबिक, गोवर्धन पूजा के शुभ अवसर पर लोग 56 या 108 प्रकार के पकवान बनाकर श्रीकृष्ण को भोग स्वरूप अर्पित करते हैं, इन्हीं पकवानों को 'अन्नकूट' कहा जाता है. इसके बिना गोवर्धन पूजा अधूरी मानी जाती है. अन्नकूट (Annakut Prasad) में कई तरह की सब्जियां, कढ़ी, चावल, खीर, पूड़ी, मिठाईयां, रबड़ी, पेड़े, मक्खन, मिश्री आदि तरह-तरह की चीजें बनाते हैं
. ©सुमित सारस्वत

Share:

Featured Post

दास्तान-ए-आशिकी, जुबान-ए-इश्क | Famous Love Story

ग्लोबलाइजेशन के इस युग ने हमारी जेनरेशन को वैलेंटाइंस डे का तोहफा दिया है। यह दिन प्यार के नाम होता है। इतिहास के पन्ने पलटने पर आप पाएंगे...

Amazon Big Offer

Advt

Blog Archive

Copyright

इस ब्लॉग में दिये किसी भी लेख या उसके अंश और चित्र को बिना अनुमति के किसी भी अन्य वेबसाइट या समाचार-पत्र, पत्रिका में प्रकाशित नहीं किया जा सकता। अनुमति के लिये केवल मेल पर सम्पर्क करें: sumit.saraswat09@gmail.com

Pageviews

Labels

Recent Posts

Unordered List

Theme Support