जिस तरह गुड़ बिना कसार फीका लगता है उसी तरह मां बिना परिवार सूना है। संसार में मां की बराबरी कोई नहीं कर सकता। कृपानाथ, दुख की बात है कि जब तक घर में माता-पिता है तब तक मां की महिमा समझ नहीं आती। जब वो चले जाते हैं तब महसूस होता है कि माता-पिता थे तब कितना आराम था। जिस प्रकार बरगद के पेड़ पर हजारों पक्षी सुरक्षित है उसी प्रकार जीवन में कैसी भी परिस्थिति आए अगर घर में माता-पिता है तो वो हमेशा सुरक्षित है। हर घर में बूढ़े माता-पिता होने चाहिए।
पूज्य गोवत्स राधाकृष्ण जी महाराज
नानी बाई रो मायरो कथा, ब्यावर
पूज्य गोवत्स राधाकृष्ण जी महाराज
नानी बाई रो मायरो कथा, ब्यावर
जय श्री कृष्ण
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