Thinker, Writer, Anchor

August 26, 2019

अमिताभ बच्चन की तरह आप भी रो पड़ेंगे यह कहानी पढ़कर - Emotional Story of Noopur Chauhan


'कौन बनेगा करोड़पति' रियलिटी शो के बीते 11 साल के इतिहास में नूपुर चौहान वाला दो दिवसीय एपिसोड शायद सबसे भावुकता भरा रहा। नूपुर को देखकर और उनकी बातें सुनकर दिल भर आया। दोनों दिन आंखें नम रही। मेरी ही नहीं, शायद ये एपिसोड देख रहे हर दर्शक की आंख नम हुई होगी। शो के होस्ट अमिताभ बच्चन जी और मेरे साथ टीवी देख रहे मेरे माता-पिता भी भावुक थे। मैं समझता हूं कि इस दिव्यांग बहन की कहानी दुनिया की हर प्रेरणादायी कहानी से ऊपर है।


केबीसी 11 के फास्टर फिंगर फर्स्ट में जब नुपूर के प्रथम आने की घोषणा हुई तो तालियों की गड़गड़ाहट के बीच ऑडियंस खड़ी हो गई मगर जीतने वाली 29 वर्षीय नुपूर अपनी सीट पर ही बैठी रही। क्योंकि वो सामान्य नहीं, दिव्यांग है। ठीक से चल नहीं पाती मगर उनका दिमाग सामान्य है। जीत की घोषणा होते ही वो खुशी से रोने लगी। अन्य महिला प्रतिभागियों के शामिल होने के बावजूद महिलाओं से जुडे़ सवाल का जवाब एकमात्र नुपूर ने ही दिया। शो हॉस्ट कर रहे अमिताभ बच्चन जी उनके पास गए और हाथ आगे बढ़ाकर उन्हें सीट से उठाया। नुपूर लड़खड़ाने लगी तो भाई ने पास आकर गोद में उठाया और हॉट सीट पर बैठाया। नुपूर की कहानी सुन बच्चन जी की आंख से आंसू छलक पड़े। ऑडियंस भी रोने लगी।


भावुकता भरे शो में बिग बी ने नुपूर से बातचीत की तो उन्होंने अपनी जिंदगी के कई अनुभव साझा किए। उनसे पूछा गया कि आप व्हीलचेयर पर क्यों नहीं बैठती? उनका जवाब था, 'अगर मैं व्हीलचेयर पर बैठ जाती तो शायद खुद कभी खड़े नहीं हो पाती।' हौसलों की उड़ाने भरते हुए आज वो बतौर टीचर आत्मनिर्भर हैं। बच्चों को पढ़ाती हैं और उससे करीब पांच हजार रुपए प्रतिमाह आमदनी होती है।


नुपूर जो ठान लेती हैं उसे पूरा करके दिखाती हैं। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है केबीसी। वो हॉट सीट तक आने के लिए कई सालों से प्रयास कर रहीं थी। पूर्व में तीन बार फास्टर फिंगर फर्स्ट खेलकर बाहर होने के बाद भी उन्होंने चौथी बार लक्ष्य तक पहुंचने का प्रयास किया। इस उम्मीद के साथ कि इस बार हॉट सीट तक अवश्य पहुंच जाऊंगी। वो पहुंची और बड़ी समझदारी से खेलते हुए 12 लाख 50 हजार रुपए जीते।


नुपूर ने बताया कि उनको समझने, हिम्मत देने और निखारने में उनकी टीचर तनु जी का खास योगदान रहा। उन्होंने हर कदम पर विश्वास दिलाया और कभी हिम्मत नहीं हारने दी। बेशक तनु जी ने इस प्रतिभा को निखारकर शिक्षा जगत के लिए मिसाल कायम की है।


यह भी पढ़ें- भगवान तू जालिम क्यों बन गया

दरअसल नुपूर की यह हालत जन्म के वक्त एक चिकित्सक की लापरवाही के कारण हुई। उन्होंने बताया कि 'मेरा जन्म सीजेरियन हुआ था। उस वक्त सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट लग गए। जन्म होते ही रोई नहीं तो डॉक्टर ने मृत बताकर डस्टबिन में फेंक दिया था। नानी और मौसी ने कर्मचारियों को पैसे देकर मुझे डस्टबिन से बाहर निकलवाया। नानी ने बड़ी मिन्नतें करते हुए डॉक्टर से कहा कि इसे थपथपाकर देखो, शायद जिंदा हो जाए। ऐसा करते ही मैं रोने लगी। उस वक्त डॉक्टर ने मुझे गलत इंजेक्शन लगा दिए थे जिससे मैं कभी नॉर्मल नहीं जी सकी।' नुपूर ने डॉक्टरों से निवेदन किया है कि वो अपनी जिम्मेदारी समझें ताकि ऐसा किसी और के साथ ना हो।


सकारात्मक सोच रखने वाली नुपूर प्रेरणा हैं उन लोगों के लिए जो सक्षम होते हुए भी कहते हैं कि हम कुछ कर नहीं सकते। इस बहन ने साबित कर दिया कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। Amitabh Bachchan जी और Kaun Banega Crorepati टीम को धन्यवाद जिन्होंने Noopur Chauhan जैसी गुमनाम प्रतिभाओं को उत्कृष्ट मंच दिया।


Salute #Noopor गर्व है आप पर


सादर शुभकामनाएं..
✍️ सुमित सारस्वत

Share:

August 23, 2019

यहां भगवान कृष्ण को 21 तोपों से देते हैं सलामी, 400 साल से चली आ रही अनूठी परंपरा - Amazing Temple of Lord Krishna

भगवान श्री कृष्ण को प्रेम और मित्रता की मिसाल माना जाता है। भारत ही नहीं, पूरे विश्व में भगवान श्री कृष्ण के कई मंदिर हैं। ठाकुरजी का एक मंदिर ऐसा भी जहां भगवान श्री कृष्ण की पूजा सात साल के बालक रूप में होती है। यह मंदिर है राजस्थान के नाथद्वारा शहर में स्थित श्रीनाथजी का पावन धाम।


श्रीनाथजी भगवान श्रीकृष्ण के अवतार हैं, जो सात साल के बालक के अवतार में यहां विराजमान हैं। श्रीनाथ जी का यह मंदिर लेक सिटी उदयपुर सेे करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। श्रीनाथद्वारा में भगवान कृष्ण के जन्म का स्वागत एक अनोखे ढंग से किया जाता है। यहां जन्माष्टमी पर भक्त 21 तोपों की सलामी देकर अपने ईश्वर का जन्मोत्सव मनाते हैं।

वीडियो में देखें- कैसे देते हैं तोपों से सलामी

कृष्ण जन्माष्टमी मनाने की यह परंपरा यहां सालों से इसी तरह चली आ रही है। यहां 400 साल पुरानी तोपों से भगवान को 21 सलामी दी जाती है। इन तोपों से गोलों को उसी परम्परा और विधि से दागा जाता है जैसा सालों पहले दागा जाता था। इन तोपों से गोले भगवान श्रीनाथ जी के गार्ड ही दागते हैं।

वीडियो में देखें- बाल कृष्ण की नटखट लीलाएं

श्रीनाथजी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की काले रंग की संगमरमर की मूर्ति है। इस मूर्ति को केवल एक ही पत्थर से बनाया गया है। इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपने एक हाथ पर उठाए दिखाई देते हैं और दूसरे हाथ से भक्तों को आशीर्वाद देते हुए नजर आते हैं।

वीडियो में देखें- कैसे होता है कृष्ण का अभिषेक

माना जाता है कि मेवाड़ के राजा इस मंदिर में मौजूद मूर्तियों को औरंगजेब से बचाकर गोवर्धन की पहाड़ियों से यहां लाए थे। ये मंदिर बारहवीं शताब्दी में बनाया गया था। जब औरंगजेब श्रीनाथ जी की मूर्ति को खंडित करने मंदिर में आया तो यहां पहुंचते ही अंधा हो गया था। तब उसने अपनी दाढ़ी से मंदिर की सीढ़ियां साफ करते हुए श्रीनाथ जी से विनती की और ठीक हो गया। उसके बाद औरंगजेब ने एक बेशकीमती हीरा मंदिर को भेंट किया था जिसे हम आज श्रीनाथ जी के दाढ़ी में लगा देखते हैं। अगर आपने नाथद्वारा के श्रीजी बाबा का दर्शन नहीं किया है तो जल्द ही कार्यक्रम बनाइए और ठाकुरजी का दिव्य दर्शन कर आइए।
-सुमित सारस्वत, मो.09462737273

उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। आप इसे लाइक और शेयर करें। धर्म, संस्कृति और व्रत, त्योहार से जुड़ी ताजा अपडेट और नई जानकारियों के लिए सब्सक्राइब करें। फिर मिलेंगे, एक और नई जानकारी के साथ, तब तक खुश रहिए और दूसरों को भी खुश रखिए। जय श्री कृष्ण


Sumit Saraswat available on :
Share:

August 22, 2019

Unbelievable Story - इस बिटिया रानी की कहानी सुनकर दंग रह जाएंगे, घर में बेटी है तो ये जरूर पढ़ें

हम सब बड़े खुश होकर कहते हैं कि बेटियां तो बाबुल की रानियां है। जिस घर में बेटियां होती है वहां खुशियां कभी कम नहीं होती। पिता को बेटों से ज्यादा प्यारी भी बेटियां ही होती है। अब हम आपको एक ऐसी बेटी की सच्चाई बताने वाले हैं जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे। कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि कोई बेटी ऐसी भी हो सकती है।
 
 
हैरत में डाल देने वाली यह खबर आई है कर्नाटक के बेंगलुरु से, जहां एक बेटी ने निर्ममता से अपने पिता का कत्ल कर दिया। हत्यारी बेटी की उम्र सुनेंगे तो चौंक जाएंगे। रिश्तों का खून करने वाली ये नाबालिग बेटी महज 15 साल की है। और, इसने हत्या की जो वजह बताई है वो सभ्य समाज को सोचने पर मजबूर करती है। इस बेटी ने अपने पिता का कत्ल सिर्फ इसलिए कर दिया क्योंकि वो 18 साल के एक लड़के से प्यार करती थी और इस आशिकी में पिता अड़ंगा लगा रहे थे। बस इतनी सी बात इस कलियुगी बेटी को नागवार गुजरी और उसने जन्म देने वाले पिता के साथ बिताए सारे लम्हें भुलाकर चंद लम्हें साथ बिताने वाले आशिक के साथ एक साजिश रची। इस साजिश को अंजाम देने के लिए बेटी ने बाप को दूध में नशीली गोली मिलाकर दी। जब पिता गहरी नींद में गया तो बेटी ने अपने माशूक की मदद से पिता का गला काटकर हमेशा के लिए सुला दिया।

अपराध का सिलसिला यहीं नहीं रुका। दोनों शव को घसीट कर बाथरूम में ले गए और उसे आग के हवाले कर दिया। जब पड़ोसियों ने घर से धुंआ निकलता देखा तो उन्होंने पुलिस को इसकी इत्तला दी। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां अधजला शव पड़ा था और उस शव पर थे चाकू से वार के दस घाव। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो लड़की और उसके प्रेमी ने अपना जुर्म कबूल लिया। लड़की ने बताया कि देर रात तक मोबाइल पर बात करना और चैटिंग में लगे रहना पिता को पसंद नहीं था। वह प्रेमी से दूर नहीं रह सकती थी इसलिए पिता को मार दिया। वारदात के वक्त लड़की की मां और भाई शहर से बाहर रिश्तेदार के यहां गए हुए थे। आपको बता दें कि मृतक जयकुमार जैन राजस्थान का रहने वाला था और बीते कुछ साल से बेंगलुरु में कपड़े का व्यापार कर रहा था।

बेशक यह खबर हर सुनने वाले को सोचने पर मजबूर कर रही है कि आखिर हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है? क्या आधुनिक साधन पुरातन रिश्तों पर भारी हो गए हैं? एक गंभीर सवाल ये भी, आखिर क्यों ये बच्चे अपने माता-पिता से ज्यादा प्यार अंजान प्रेमी को करने लगते हैं? सोचिएगा, कहीं आपके प्यार में कमी तो नहीं। जयपुर से सुमित सारस्वत की रिपोर्ट।

वीडियो देखें - यहां क्लिक करें
Share:

August 21, 2019

राजस्थान : वायुसेना का ट्रक खाई में गिरा, तीन जवानों की मौत | Soldiers Death in Accident


राजस्थान के सरहदी बाड़मेर जिले से एक बुरी खबर आई है। यहां चौहटन में आज भारतीय वायु सेना का एक ट्रक पहाड़ से करीब सौ फीट नीचे खाई गिरने से तीन जवानों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद गाड़ी में फंसे जवानों को बाहर निकालकर बाड़मेर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

जानकारी के मुताबिक बाड़मेर के चौहटन पहाड़ी हिल टॉप पर सेना का कार्य चल रहा था। इंडियन एयर फोर्स का यह ट्रक कार्य की निगरानी के लिए पहाड़ी पर गया था। हिलटॉप तक जाने वाली सड़क इन दिनों क्षतिग्रस्त हो रखी है। नीचे उतरते समय एक मोड़ पर चालक ट्रक से नियंत्रण खो बैठा। इसके बाद ट्रक पहाड़ी पर लुढ़कना शुरू हो गया। पत्थरों से टकराते हुए ट्रक करीब सौ फीट नीचे जाकर गिरा। जानकारी मिली है कि इस वाहन में कुल आठ जवान सवार थे। इनमें से तीन की दर्दनाक मौत हो गई। पांच अन्य जवान गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। घटना की सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और जवानों को बाहर निकाला। घायल जवानों को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में उनका उपचार जारी है। गंभीर स्थिति को देखते हुए इन्हें जोधपुर रैफर किया जा सकता है।

इस दर्दनाक हादसे पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, बाड़मेर सांसद कैलाश चौधरी व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शोक जताया है। राजस्थान से सुमित सारस्वत की रिपोर्ट।
Share:

August 18, 2019

कजली तीज : पौराणिक व्रत कथा | Kajli Teej Vrat Katha


एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था। भाद्रपद महीने की कजली तीज आई। ब्राह्मणी ने तीज माता का व्रत रखा। ब्राह्मण से कहा, आज मेरा तीज माता का व्रत है। कहीं से चने का सातु लेकर आओ। ब्राह्मण बोला, सातु कहां से लाऊं। तो ब्राह्मणी ने कहा कि चाहे चोरी करो, चाहे डाका डालो, लेकिन मेरे लिए सातु लेकर आओ।

रात का समय था। ब्राह्मण घर से निकला और साहूकार की दुकान में घुस गया। उसने वहां पर चने की दाल, घी, शक्कर लेकर सवा किलो तोलकर सातु बना लिया और जाने लगा। आवाज सुनकर दुकान के नौकर जाग गए और चोर-चोर चिल्लाने लगे। साहूकार आया और ब्राह्मण को पकड़ लिया।

ब्राह्मण बोला, मैं चोर नहीं हूं। मैं एक गरीब ब्राह्मण हूं। मेरी पत्नी का आज तीज माता का व्रत है इसलिए मैं सिर्फ यह सवा किलो का सातु बना कर ले जा रहा था। साहूकार ने उसकी तलाशी ली। उसके पास सातु के अलावा कुछ नहीं मिला।

चांद निकल आया था। ब्राह्मणी इंतजार ही कर रही थी।

साहूकार ने कहा कि आज से तुम्हारी पत्नी को मैं अपनी धर्म बहन मानूंगा। उसने ब्राह्मण को सातु, गहने, रुपए, मेहंदी, लच्छा और बहुत सारा धन देकर ठाठ से विदा किया। सबने मिलकर कजली माता की पूजा की। जिस तरह ब्राह्मण के दिन फिरे वैसे सबके दिन फिरे। कजली माता की कृपा सब पर हो।

Share:

August 8, 2019

जम्मू कश्मीर में ईद के लिए क्या बोले पीएम मोदी | Eid in Jammu Kashmir


अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आर्टिकल 370 और 35ए ने जम्मू कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्थाओं में बड़े पैमाने में फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया। इन दोनों अनुच्छेद का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्तान द्वारा एक शस्त्र की तरह उपयोग किया जा रहा था।

मुझे पता है कि ईद का मुबारक त्यौहार नजदीक है। मेरी ओर से सभी को ईद की दिली मुबारकबाद। सरकार ध्यान रखेगी कि ईद मनाने में कोई तकलीफ न हो। भारतीय संविधान में विश्वास करने वाले जम्मू कश्मीर के हमारे भाई बहन अच्छा जीवन जीने के अधिकारी हैं। मैं आज जम्मू-कश्मीर के साथियों को भरोसा देता हूं कि धीरे-धीरे हालात सामान्य हो जाएंगे और उनकी परेशानी भी कम होती चली जाएगी।

Share:

अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार क्या बोले पीएम मोदी, पढ़ें Modi on Kashmir


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8वें महीने की 8 तारीख को रात 8 बजे राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, एक राष्ट्र के तौर पर, एक परिवार के तौर पर, आपने, हमने, पूरे देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। एक ऐसी व्यवस्था, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहन अनेक अधिकारों से वंचित थे, जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी, वो हम सबके प्रयासों से अब दूर हो गई है। अनुच्छेद 370 समाप्त होने से सरदार पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, बाबा साहब अंबेड़कर, अटल बिहारी वाजपेयी और करोड़ों देशभक्तों का सपना पूरा हुआ। अब देश के सभी नागरिकों के हक और दायित्व समान हैं। मैं देशवासियों को बधाई देता हूं।

समाज जीवन में कुछ बातें, समय के साथ इतनी घुल-मिल जाती हैं कि कई बार उन चीजों को स्थाई मान लिया जाता है। अनुच्छेद 370 के साथ भी ऐसा ही भाव था। उससे जम्मू कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहनों की जो हानि हो रही थी, उसकी चर्चा ही नहीं होती थी। वहां तीन दशक में 42 हजार निर्दोष लोगों को जान गंवानी पड़ी। जम्मू-कश्मीर का यह आंकड़ा किसी की भी आंख में आंसू ला सकता है।

आर्टिकल 370 और 35ए ने जम्मू कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्थाओं में बड़े पैमाने में फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया। इन दोनों अनुच्छेद का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्तान द्वारा एक शस्त्र की तरह उपयोग किया जा रहा था। 

देश के अन्य राज्यों में सफाई कर्मचारी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के सफाई कर्मचारी इससे वंचित थे। देश के अन्य राज्यों में दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसे कानून लागू नहीं होते थे। जो पहले की सरकारें कानून बनाकर वाहवाही लूटती थीं, वो भी ये दावा नहीं कर पाती थीं कि उनका कानून जम्मू कश्मीर में भी लागू होगा। उन कानूनों के लाभ से जम्मू कश्मीर के लोग वंचित रह जाते थे। शिक्षा के अधिकार के लाभ से जम्मू कश्मीर के बच्चे अब तक वंचित थे। देश में शिक्षा का अधिकार कानून लागू है। फिर भी जम्मू-कश्मीर के बच्चे शिक्षा से वंचित थे। अब उन्हें अच्छी शिक्षा मिलेगी। देश के अन्य राज्यों में अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए माइनॉरिटी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ये लागू नहीं था। देश के अन्य राज्यों में श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए न्यूनतम मजदूरी अधिनियम लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ये सिर्फ कागजों में ही था।

अब केंद्र सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि राज्य के कर्मचारियों और जम्मू कश्मीर पुलिस को भी दूसरे केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों और वहां की पुलिस के बराबर सुविधाएं मिले। जल्द ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख में केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे स्थानीय नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। साथ ही पब्लिक सेक्टर यूनिट्स और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। हमने जम्मू-कश्मीर के प्रशासन में एक नई कार्यसंस्कृति और पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है। इसी का नतीजा है कि IIT हो, IIM हो, AIIMS हों, तमाम इरिगेशन प्रोजेक्ट्स हो, पावर प्रोजेक्ट्स हों या फिर एंटी करप्शन ब्यूरो, इन सबके काम में तेजी आई है। जम्मू कश्मीर में राजस्व घाटा बहुत ज्यादा है। ये चिंता का विषय है। केंद्र सरकार ये भी सुनिश्चित करेगी कि इसके प्रभाव को कम किया जाए। 

देश में लोकतंत्र मजबूत है लेकिन जम्मू कश्मीर में हजारों लाखों भाई बहन ऐसे हैं जिन्हें लोकसभा चुनाव में वोट डालने का अधिकार तो था मगर विधानसभा और स्थानीय निकाय में मतदान नहीं कर सकते थे। ये वो लोग हैं जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आए थे। केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के साथ कुछ कालखंड के लिए जम्मू कश्मीर को सीधे केंद्र सरकार के शासन में रखने का फैसला बहुत सोच समझकर लिया है। जब से वहां गवर्नर शासन लगा है तब से वहां का प्रशासन सीधे केंद्र सरकार के संपर्क में है। हम सभी यही चाहते हैं कि आने वाले समय में जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव हों, नई सरकार बने, मुख्यमंत्री बनें। मैं Jammu Kashmir के लोगों को भरोसा देता हूं कि आपको बहुत ईमानदारी के साथ, पूरे पारदर्शी वातावरण में अपने प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलेगा। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जैसे हमने पंचायत के चुनाव पारदर्शिता के साथ संपन्न कराए, वैसे ही विधानसभा चुनाव भी होंगे।


जम्मू कश्मीर धरती का स्वर्ग है। अब फिर एक बार ऊंचाईयों पर पहुंचकर विश्व को आकर्षित कर सकेगा। शासन-प्रशासन की सारी व्यवस्था जनहित कार्यों को आगे बढ़ाएगी। आपका जनप्रतिनिधि आपके बीच से ही आप चुनें, ये आपका अधिकार है। जम्मू कश्मीर में अब पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ आप अपना जनप्रतिनिधि चुन सकेंगे। जैसे पहले एमएलए होते थे वैसे ही आगे भी होंगे। जैसे पहले सीएम या कैबिनेट होती थी, वैसे ही आगे भी होंगे। जम्मू कश्मीर के गांवों में विकास के बहुत काम हुए हैं। उसमें पंचायत सदस्यों का सहयोग रहा। बहनों ने तो कमाल कर दिया। अब अनुच्छेद 370 हटने के बाद, जब इन पंचायत सदस्यों को नई व्यवस्था में काम करने का मौका मिलेगा तो जनप्रतिनिधि और बेहतर काम करेंगे। अब जम्मू-कश्मीर की जनता अलगाववाद को परास्त करके नई आशाओं के साथ आगे बढ़ेगी।

जम्मू-कश्मीर के केसर का रंग हो या कहवा का स्वाद, सेब का मीठापन हो या खुबानी का रसीलापन, कश्मीरी शॉल हो या फिर कलाकृतियां, लद्दाख के ऑर्गेनिक प्रॉडक्ट्स हों या हर्बल मेडिसिन, इन सबका प्रसार दुनियाभर में किए जाने की जरूरत है।

एक जमाना था जब बॉलीवुड की फिल्मों की शूटिंग के लिए पसंदीदा जगह थी। अब स्थितियां सामान्य होगी तो देश ही नहीं, दुनिया के लोग फिल्मों की शूटिंग करने आएंगे। जो तकनीक की दुनिया से जुड़े लोग हैं उनसे मेरा आग्रह है कि अपनी नीतियों में, फैसलों में इस बात को प्राथमिकता दें कि जम्मू कश्मीर में कैसे तकनीक का विस्तार किया जाए। जितना टैक्नोलॉजी का विस्तार होगा उतना ही वहां के भाई बहनों का विकास होगा। जम्मू कश्मीर में खेलों को बढ़ावा मिलेगा। कश्मीर का बच्चा खेल की दुनिया में नाम रोशन करेगा। वहां के लोगों को अच्छे अस्पताल मिलेंगे। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर का भी और तेजी से आधुनिकीकरण होगा।

लोकतंत्र में स्वाभाविक है कि कुछ लोग फैसले के पक्ष में है, कुछ लोगों को इस पर मतभेद है। मैं उनके मतभेद और उनकी आपत्तियों का भी सम्मान करता हूं। मेरा उनसे आग्रह है कि देश हित को सर्वोपरि रखते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को नई दिशा देने में सरकार की मदद करें, देश की मदद करें। जम्मू कश्मीर के नागरिकों के सुख दुख और चिंता में हम साथ हैं। अलग नहीं हैं, और अलग हो नहीं सकते।

अनुच्छेद 370 से मुक्ति एक सच्चाई है, लेकिन सच्चाई ये भी है कि इस समय उठाए गए कदमों की वजह से लोगों को जो परेशानी हो रही है, उसका मुकाबला भी वही लोग कर रहे हैं। कुछ मुट्ठी भर लोग वहां हालात बिगाड़ना चाहते हैं, उन्हें जवाब भी वहां के स्थानीय लोग दे रहे हैं। आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ जम्मू कश्मीर के ही लोग डटकर खड़े हैं। उनके सपनों को साकार करने का उन्हें मौका मिले, यह हम सबका दायित्व है। मैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अपने भाइयों और बहनों का आह्वान करता हूं कि आइए, हम सब मिलकर दुनिया को दिखा दें कि इस क्षेत्र के लोगों का सामर्थ्य कितना ज्यादा है, यहां के लोगों का हौसला और जज्बा कितना है।

मुझे पता है कि ईद का मुबारक त्यौहार नजदीक है। मेरी ओर से सभी को ईद की दिली मुबारकबाद। सरकार ध्यान रखेगी कि ईद मनाने में कोई तकलीफ न हो। भारतीय संविधान में विश्वास करने वाले जम्मू कश्मीर के हमारे भाई बहन अच्छा जीवन जीने के अधिकारी हैं। मैं आज Jammu and Kashmir के साथियों को भरोसा देता हूं कि धीरे-धीरे हालात सामान्य हो जाएंगे और उनकी परेशानी भी कम होती चली जाएगी।

जम्मू कश्मीर में तैनात सेना के जवानों को, वहां की पुलिस को और सुरक्षा में लगे तमाम अधिकारियों और साथियों को धन्यवाद देता हूं। जम्मू कश्मीर हमारे देश का मुकुट है। Kashmir और Ladakh के लिए मिलकर काम करना है। आइए, हम सब नए भारत के साथ नए कश्मीर और नए लद्दाख का निर्माण करें। 


Sumit Saraswat available on :

Share:

August 4, 2019

बेनीवाल बोले, जिस मुकाम पर हूं उसमें सोशियल मीडिया की भूमिका | Power of Social Media


राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष व सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा, मैं सफलता हासिल कर आज जिस मुकाम पर पहुंचा हूं उसमें सोशियल मीडिया की बड़ी भूमिका है। इसके बिना सब अधूरा है। जयपुर में वैपन भारत की ओर से आयोजित सोशियल मीडिया काॅन्फ्लुएंस में उन्होंने यह बात कही।


बेनीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सोशियल मीडिया की ही देन है। इसी के कारण किसान के बेटे की पार्टी को राजस्थान के पहले क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सोशियल मीडिया की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं। देश में 80 से 90 प्रतिशत लीडरशिप सोशियल मीडिया के जरिए तैयार हो रही है। नए समर्थक जुड़ रहे हैं।


यह भी पढ़ें : कश्मीर के लिए क्या बोले बेनीवाल
 
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी व सोशियल मीडिया ने लोगों में राष्ट्रवाद की भावना भरी है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत को राष्ट्रवादी देश बना दिया है। देश का हर नागरिक हिंदी सीख रहा है। अभी लोकसभा में आंधप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडू के सांसदों ने हिंदी में शपथ ली और कहा हम राष्ट्रवादी हैं। नौजवान सोशियल मीडिया के माध्यम से भारत को दुनिया में उबारने का काम कर रहे हैं।  -सुमित सारस्वत, मो.09462737273

Sumit Saraswat available on :
 
Share:

बेनीवाल ने मोदी से कहा, समय आ गया पाक अधिकृत कश्मीर तुरंत कब्जे में लो

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष व सांसद हनुमान बेनीवाल ने कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से कहा कि पाक अधिकृत कब्जे को तुरंत कब्जे में लेने का समय आ गया है।



जयपुर में वैपन भारत की ओर से आयोजित सोशियल मीडिया काॅन्फ्लुएंस में बेनीवाल बोले कि बीते दो दिन से देश में राष्ट्र विरोधी ताकतें घबरा रही है। खौफ से लोग इधर-उधर भाग रहे हैं। पीएम मोदीजी को धन्यवाद देता हूं कि बिना कुछ किए सबको सबक सिखा दिया। उन्होंने कहा कि तीन तलाक बिल का पूरी दुनिया में अच्छा संदेश गया है। अब समय आ गया है, मोदीजी को पाक अधिकृत कश्मीर तुरंत कब्जे में लेना चाहिए। देश के करोड़ों लोग उनके साथ हैं। सोशियल मीडिया इसका प्रमाण हैं।


हिम्मतवाले हैं मोदी-शाह
बेनीवाल बोले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह हिम्मतवाले हैं। उम्मीद है जम्मू-कश्मीर का मामला जल्दी निपटेगा। पाक अधिकृत कश्मीर भारत का होगा। कार्यक्रम में डॉ. प्रणय कुमार, डॉ. सौम्या गुर्जर, डॉ. शीला रॉय, संगीता प्रणवेंद्र ने भी विचार रखे।


Share:

August 3, 2019

सोशियल मीडिया पर लड़ा जा रहा सियासी युद्ध | Politics on Social Media


वरिष्ठ पत्रकार डॉ. संगीता परवेंद्र ने कहा कि राजनीति एक युद्ध है लेकिन राजनीति का यह युद्ध अब एक नए कुरुक्षेत्र में लड़ा जा रहा है। अब नेता वो है जिसके सोशियल मीडिया पर हजारों-लाखों फोलोवर्स हों। वे जयपुर में वैपन भारत की ओर से आयोजित सोशियल मीडिया काॅन्फ्लुएंस में अपने विचार साझा कर रहीं थी।



उन्होंने कहा कि सोशियल मीडिया राजनीति का एक ऐसा हिस्सा बन गया है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। नए जमाने की राजनीति में सोशियल मीडिया से हटकर नहीं जिया जा सकता। ये वो जगह है जहां मतदाता, समर्थक और नागरिक आपसे सवाल पूछेगा, आपसे जवाब चाहेगा। वो आपको समस्या बताएगा और उनका निराकरण चाहेगा।

यह भी पढ़ें : कैसे करें सोशियल मीडिया का उपयोग 

डॉ. सौम्या गुर्जर ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि राजनीति लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसी तरह सोशियल मीडिया राजनीति का अभिन्न अंग है। सोशियल मीडिया अब गांवों तक पहुंच गया है। इसके जरिए ग्रामसभा की चर्चा हो रही है। लोग घर बैठे सरपंच और प्रधान तक अपनी समस्याएं पहुंचा रहे हैं। यह समस्या समाधान का जरिया बन गया है। कार्यक्रम में सांसद हनुमान बेनीवाल, शिक्षाविद डॉ. शीला राय, प्रणय कुमार ने भी विचार रखे। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273

Sumit Saraswat available on :

 

Share:

ऐसे करें सोशियल मीडिया का उपयोग, गर्व करेगी दुनिया | How to use Social Media


राजस्थान के जयपुर में वैपन भारत की ओर से दो दिवसीय सोशियल मीडिया काॅन्फ्लुएंस का आयोजन किया जा रहा है। आज पाथेय भवन में भारतीय फिल्म निर्माता-निर्देशक विवेक अग्निहोत्री, रोहित प्रधान व मेजर सुरेंद्र पूनिया ने स्वामी विवेकानंद जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ  किया।



उदघाटन सत्र में सोशियल मीडिया एक्टीविस्ट्स को संबोधित करते हुए अग्निहोत्री ने कहा कि कुछ लोग युवाओं का ब्रेन वॉश कर गुमराह कर रहे हैं। उन्हें नशे की लत लगाकर धकेल अपराध में धकेला जा रहा है। उसे ऐसी स्थिति में ले आते हैं कि अपराध में लिप्त युवा अपने ही परिवार और धर्म से नफरत करने लगता है। यह समाज के लिए घातक है। मैंने देश में सकारात्मक बदलाव के लिए सिनेमा जगत से लड़ाई लड़ी है। मैंने प्यार-मोहब्बत दिखाने की बजाय समाज को दिशा दिखाने वाली फिल्में बनाई। इसका मुझे परिणाम भी भुगतना पड़ा। यूं समझिए लहू में लथपथ व्यक्ति फिर खड़ा हुआ है। वो गिरे नहीं ये जिम्मेदारी आपकी है।

यह भी पढ़ें : दिल का दर्द

युवाओं को प्रेरक संबोधन देते हुए बोले कि आत्मा की आवाज सुनें। याद रखें जिसमें संघर्ष, त्याग और तपस्या है उसकी कहानी प्रेरणादायी है। आप भी ऐसी कहानियां लिखें। सोशियल मीडिया के जरिए जगत में सकारात्मकता फैलाइए। इससे दुनिया को भारत पर गर्व होगा। उन्हाेंने युवाओं से आह्वान किया कि मां की ममता, त्याग और तपस्या का कर्ज चुकाइए। सोशियल मीडिया को आवाज बनाइए और जगत में सच्चाई और सकारात्मकता फैलाइए। कार्यक्रम का संचालन तनया गड़करी ने किया। आपको बता दें कि जयपुर में लगातार तीसरे वर्ष यह आयोजन हो रहा है। 
-सुमित सारस्वत, मो.09462737273

ऐसी आएगी पॉजिटिविटी
सत्र में अग्निहोत्री ने जिज्ञासा समाधान भी किया। एक्टिविस्ट संगीता शर्मा  ने सवाल किया कि सोशियल मीडिया पर नेगेटिविटी (नकारात्मकता) से पॉजिटिविटी (सकारात्मकता) कैसे आएगी? इसका जवाब दिया कि लोगों को प्रेरित करें। अच्छे विचार साझा करें। 


Sumit Saraswat available on :


Share:

Featured Post

दास्तान-ए-आशिकी, जुबान-ए-इश्क | Famous Love Story

ग्लोबलाइजेशन के इस युग ने हमारी जेनरेशन को वैलेंटाइंस डे का तोहफा दिया है। यह दिन प्यार के नाम होता है। इतिहास के पन्ने पलटने पर आप पाएंगे...

Amazon Big Offer

Advt

Blog Archive

Copyright

इस ब्लॉग में दिये किसी भी लेख या उसके अंश और चित्र को बिना अनुमति के किसी भी अन्य वेबसाइट या समाचार-पत्र, पत्रिका में प्रकाशित नहीं किया जा सकता। अनुमति के लिये केवल मेल पर सम्पर्क करें: sumit.saraswat09@gmail.com

Pageviews

Labels

Blog Archive

Recent Posts

Unordered List

Theme Support