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March 25, 2019

द्रोपदी के पांच नहीं, चौदह पति हैं फिर भी वो कुंवारी | Draupadi is Virgin

अंतर्राष्ट्रीय रामकथा वाचक संत मोरारी बापू उत्तर प्रदेश के बरेली में मानस अपराध कथा कर रहे हैं। महाभारत के प्रसंगों को केंद्र में रखकर हो रही इस कथा में बापू ने द्रोपदी को लेकर जो कहा, उसे सुनकर श्रोता हैरत में पड़ गए।

बापू ने कहा, द्रोपदी कुंवारी है। उसके पांच नहीं, चौदह से ज्यादा पति है। आपको सुनकर हैरत होगी कि इतने पति वाली स्त्री कुंवारी कैसे, लेकिन यह हकीकत है। शास्त्र में विधान मिला है कि पंच कन्या कुंवारी है। द्रोपदी इन्हीं में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जो स्त्री प्रातःकाल स्नान करती है वो कुंवारी है। रात्रि में उसका जीवन बदलता है मगर हर दिन सुबह स्नान करने से उसका कौमार्य फिर लौट आता है। द्रोपदी, कन्याकुमारी, सरस्वती, भीष्म की बुद्धि, जिसकी अखंड शरणागति हो, वो कुंवारी है। ऐसा मेरी व्यासपीठ मानती है।


द्रोपदी को कुंवारी बताने के बाद बापू बोले, आप कहेंगे कि उसके तो बच्चे थे, फिर कुंवारी कैसे ? इसका जवाब बताते हुए बापू ने कहा कि द्रोपदी का तन भले कुंवारा नहीं था, मगर उसका मन कुंवारा था। द्रोपदी का मन कौमार्य से भरा था। 

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पहली साहसी महिला थीं महाभारत की द्रोपदी | Brave Draupadi

बरेली रामकथा में मानस अपराध पर प्रवचन देते हुए संत मोरारी बापू ने कहा कि महाभारत की प्रमुख चरित्र द्रोपदी पहली साहसी महिला थीं, जो महाभारत काल में अन्याय के प्रति मुखर हुई थीं। वर्तमान में चारों ओर अपराध ही अपराध है। अब भगवान के अवतार लेने का समय है या शायद भगवान का अवतार हो भी गया हो। क्योंकि जब भी धरा पर अधर्म (अपराध) बढ़ा है, भगवान ने अवतार लिया है।

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बापू ने ‘ए मेरे पांव के छालों तुम लहू उगलो, कुछ सिरफिरे लोग मंजिल का निशां मागेंगे’ शेर सुनाते हुए एयर स्ट्राइक पर सबूत मांगने वालों पर तंज कसा। हालांकि, उन्होंने किसी राजनीतिक पार्टी या नेता का नाम नहीं लिया। बापू बोले, खूब साहित्य पढ़ो, नॉवेल पढ़ो, कहानियां पढ़ो। मगर हमारे मूल ग्रन्थों को मत भूलो। मैं मेरे भाइयों-बहनों से आग्रह करता हूं, महाभारत पढ़ो। जीवन जीना सीख जाओगे।
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इन चार तरह के अपराधों से बचें, वरना बर्बाद हो जाएगा जीवन : मोरारी बापू

रामगंगा के तट पर बसे भगवान शिव की नाथ नगरी बरेली में मानस अपराध रामकथा के प्रथम दिन संत मोरारी बापू ने कहा कि अपराधों की बहुत बड़ी लिस्ट है। लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि आप और हम चार तरह के अपराध न करें। यदि शांति पानी है, प्रसन्नता प्राप्त करनी है तो। पहला, देह का अपराध कभी न करें। देश के लिए, धर्म के लिए, मोहब्बत के लिए देह बहुत जरूरी है। दूसरा, देव का अपराध न करें। हालांकि परमात्मा नाराज नहीं होते लेकिन करना नहीं चाहिए। तीसरा, देश का अपराध न करें। याद रखें जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है। देह, देव और देश का अपराध कभी मत करना। और अगर यह अपराध हो भी जाए तो मोरारी बापू आपसे प्रार्थना करता है कि किसी के दिल का अपराध कभी न करना। मानस का अर्थ है दिल। दिल का अपराध न करें। यह बड़ा अपराध माना जाएगा।

हम इन नौ दिनों में महाभारत की घटनाओं को याद करते हुए अपराध पर चर्चा करेंगे। डरने के लिए नहीं, डराने के लिए नहीं, इसलिए कि हम इससे मुक्त हो सकें। अपराधों से ग्रस्त इस दुनिया में नौ दिन परमात्मा ने हमें दिए हैं। इसके बारे में हम चर्चा करें। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273
 
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March 24, 2019

खेलन सखियन सो फाग मेरो लाला जावे सासरिए | Fag Bhajan

श्री विहार में धूमधाम से मनाया फाग उत्सव


फाल्गुन का महीना, श्रीजी बाबा का चित्ताकर्षक दरबार, फूलों की झमाझम बौछार और भजनों पर झूमते रसिया। मन को आनंदित कर देने वाला यह नजारा दिखाई दिया श्री विहार स्थित सतलज में। यहां रसिकों के रसिया रास बिहारी ठाकुर का सातवां विशाल फाग उत्सव आयोजित किया गया। इसमें श्री श्यामा श्याम वंदना परिवार की ओर से मधुर भजनों की मंदाकिनी बहाई गई। भक्तों ने 800 किलो फूलों से होली खेली।

आयोजक राकेश कीर्ति शर्मा ने बताया कि गायक गोपाल वर्मा ने भगवान गणेश व हनुमान वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके बाद सांवरिया आपा होली तो खेलां जी.., आज बिरज में होली रे रसिया.., रंग मत डाले रे सांवरिया.., रोज-रोज नहीं आना यह फागुण.., खेलन सखियन सो फाग मेरो लाला जावे सासरिए.. जैसे होली भजनों की सुमधुर प्रस्तुति देकर फाग की मस्ती लुटाई। ढोल और चंग की थाप के साथ घूमर और धमाल की धुनों पर भक्त झूम उठे। करीब चार घंटे तक लगातार रंग-बिरंगे फूल बरसते रहे। कार्यक्रम में पहुंचा हर भक्त अपनी उम्र और ओहदे को भूलकर झूमता हुआ फाग के रंग में रंगा नजर आया।


अतिथि के रूप में अयोध्या से आए संत उमाशंकर महाराज, नवनीत हेड़ा, एन.के. मिश्रा, एस.के. सोनी, सुमित सारस्वत, वंदना शर्मा, अंजू हेड़ा, नीरु सिंहल, अनुराग खुशबू जैन, के.के. जैन, सुनील गुप्ता, पंकज शर्मा, बृजवल्लभ पाराशर, मनोरंजन कुमार, श्याम खंडेलवाल, मनीषा गर्ग, कुसुम मालू, वर्षा तापड़िया, आशा मूंदड़ा, रेणु जागेटिया, ताशु अग्रवाल, उर्मिला भाटी, श्याम शर्मा, मुकेश दाधीच, मोनू अरोड़ा, हेमंत शर्मा, सतीश गर्ग, संजय घीया, विजय तंवर, अनिरुद्ध शर्मा, मुकेश टांक, दिनेश गोयल, मनीष जैन ने शिरकत की। रवि शर्मा, रजनीश माहेश्वरी, नवनीत पाराशर, नरसिंह तंवर, संतोष गुप्ता ने फूलों से ठाकुरजी का आकर्षक दरबार सजाया। आरती के बाद सभी को विशेष भेंट स्वरूप प्रभु का नजराना दिया गया।

कार्यक्रम में सुरेंद्र शर्मा, गिरिजा शंकर, मुरली मनोहर, राजेंद्र शर्मा, विजय शर्मा, दीनदयाल, राजेश हेड़ा, अशोक पसारी, तारा सोनी, रेणु मिश्रा, प्रीति शर्मा, सुनीता हेड़ा, संगीता पसारी, ज्योति स्वरूप, राजेश शर्मा, प्रिंसी, रितिका, कंचन, अलका, पिंकी, सुनीता, ऊषा, कीर्ति, रेणु सहित जयपुर, जोधपुर, पाली, गुड़गांव, जैतारण, रास व ब्यावर के गणमान्य लोगों ने भाग लिया।
 -सुमित सारस्वत, मो.09462737273
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