अंतर्राष्ट्रीय रामकथा वाचक संत मोरारी बापू उत्तर प्रदेश के बरेली में मानस अपराध कथा कर रहे हैं। महाभारत के प्रसंगों को केंद्र में रखकर हो रही इस कथा में बापू ने द्रोपदी को लेकर जो कहा, उसे सुनकर श्रोता हैरत में पड़ गए।
बापू ने कहा, द्रोपदी कुंवारी है। उसके पांच नहीं, चौदह से ज्यादा पति है। आपको सुनकर हैरत होगी कि इतने पति वाली स्त्री कुंवारी कैसे, लेकिन यह हकीकत है। शास्त्र में विधान मिला है कि पंच कन्या कुंवारी है। द्रोपदी इन्हीं में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जो स्त्री प्रातःकाल स्नान करती है वो कुंवारी है। रात्रि में उसका जीवन बदलता है मगर हर दिन सुबह स्नान करने से उसका कौमार्य फिर लौट आता है। द्रोपदी, कन्याकुमारी, सरस्वती, भीष्म की बुद्धि, जिसकी अखंड शरणागति हो, वो कुंवारी है। ऐसा मेरी व्यासपीठ मानती है।
बापू ने कहा, द्रोपदी कुंवारी है। उसके पांच नहीं, चौदह से ज्यादा पति है। आपको सुनकर हैरत होगी कि इतने पति वाली स्त्री कुंवारी कैसे, लेकिन यह हकीकत है। शास्त्र में विधान मिला है कि पंच कन्या कुंवारी है। द्रोपदी इन्हीं में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जो स्त्री प्रातःकाल स्नान करती है वो कुंवारी है। रात्रि में उसका जीवन बदलता है मगर हर दिन सुबह स्नान करने से उसका कौमार्य फिर लौट आता है। द्रोपदी, कन्याकुमारी, सरस्वती, भीष्म की बुद्धि, जिसकी अखंड शरणागति हो, वो कुंवारी है। ऐसा मेरी व्यासपीठ मानती है।
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द्रोपदी को कुंवारी बताने के बाद बापू बोले, आप कहेंगे कि उसके तो बच्चे थे, फिर कुंवारी कैसे ? इसका जवाब बताते हुए बापू ने कहा कि द्रोपदी का तन भले कुंवारा नहीं था, मगर उसका मन कुंवारा था। द्रोपदी का मन कौमार्य से भरा था।
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