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August 21, 2019

राजस्थान : वायुसेना का ट्रक खाई में गिरा, तीन जवानों की मौत | Soldiers Death in Accident


राजस्थान के सरहदी बाड़मेर जिले से एक बुरी खबर आई है। यहां चौहटन में आज भारतीय वायु सेना का एक ट्रक पहाड़ से करीब सौ फीट नीचे खाई गिरने से तीन जवानों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद गाड़ी में फंसे जवानों को बाहर निकालकर बाड़मेर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

जानकारी के मुताबिक बाड़मेर के चौहटन पहाड़ी हिल टॉप पर सेना का कार्य चल रहा था। इंडियन एयर फोर्स का यह ट्रक कार्य की निगरानी के लिए पहाड़ी पर गया था। हिलटॉप तक जाने वाली सड़क इन दिनों क्षतिग्रस्त हो रखी है। नीचे उतरते समय एक मोड़ पर चालक ट्रक से नियंत्रण खो बैठा। इसके बाद ट्रक पहाड़ी पर लुढ़कना शुरू हो गया। पत्थरों से टकराते हुए ट्रक करीब सौ फीट नीचे जाकर गिरा। जानकारी मिली है कि इस वाहन में कुल आठ जवान सवार थे। इनमें से तीन की दर्दनाक मौत हो गई। पांच अन्य जवान गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। घटना की सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और जवानों को बाहर निकाला। घायल जवानों को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में उनका उपचार जारी है। गंभीर स्थिति को देखते हुए इन्हें जोधपुर रैफर किया जा सकता है।

इस दर्दनाक हादसे पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, बाड़मेर सांसद कैलाश चौधरी व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शोक जताया है। राजस्थान से सुमित सारस्वत की रिपोर्ट।
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August 4, 2019

बेनीवाल ने मोदी से कहा, समय आ गया पाक अधिकृत कश्मीर तुरंत कब्जे में लो

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष व सांसद हनुमान बेनीवाल ने कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से कहा कि पाक अधिकृत कब्जे को तुरंत कब्जे में लेने का समय आ गया है।



जयपुर में वैपन भारत की ओर से आयोजित सोशियल मीडिया काॅन्फ्लुएंस में बेनीवाल बोले कि बीते दो दिन से देश में राष्ट्र विरोधी ताकतें घबरा रही है। खौफ से लोग इधर-उधर भाग रहे हैं। पीएम मोदीजी को धन्यवाद देता हूं कि बिना कुछ किए सबको सबक सिखा दिया। उन्होंने कहा कि तीन तलाक बिल का पूरी दुनिया में अच्छा संदेश गया है। अब समय आ गया है, मोदीजी को पाक अधिकृत कश्मीर तुरंत कब्जे में लेना चाहिए। देश के करोड़ों लोग उनके साथ हैं। सोशियल मीडिया इसका प्रमाण हैं।


हिम्मतवाले हैं मोदी-शाह
बेनीवाल बोले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह हिम्मतवाले हैं। उम्मीद है जम्मू-कश्मीर का मामला जल्दी निपटेगा। पाक अधिकृत कश्मीर भारत का होगा। कार्यक्रम में डॉ. प्रणय कुमार, डॉ. सौम्या गुर्जर, डॉ. शीला रॉय, संगीता प्रणवेंद्र ने भी विचार रखे।


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December 29, 2017

गीता, गुरु ग्रंथ, बाइबिल और कुरान को साक्षी मानकर 1922 जांबाजों ने ली राष्ट्र रक्षा की शपथ

गीता, गुरु ग्रंथ, बाइबिल और कुरान को साक्षी मानकर केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 1922 रंगरूटों ने देश की आंतरिक और औद्योगिक सुरक्षा की शपथ ली। मौका था शुक्रवार को सीआईएसएफ के राजस्थान के देवली स्थित प्रशिक्षण केन्द्र में आयोजित भव्य दीक्षान्त परेड का। अपर महानिदेशक एमए गणपति और उप महानिरीक्षक डॉ. एसके मल्लिक की मौजूदगी में ये सभी जवान केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल जैसे गौरवशाली संगठन का हिस्सा बनकर देश की सुरक्षा के लिए निकले। इनमें देश के सभी राज्यों  के जांबाज शामिल थे।


करीब 5400 रंगरूटों को एक साथ प्रशिक्षण देने के कारण लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में इस ट्रेनिंग सेंटर का नाम दर्ज है। देश के विभिन्न राज्यों से यहां रंगरूट प्रशिक्षण लेने आते हैं और देश के लिए मर-मिटने की भावना से समर्पित होने के साथ सभी क्षमताओं में परिपूर्ण होकर निकलते हैं।

मुख्यमंत्री राजे ने दी बधाई
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने इन सभी बहादुर जवानों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि जिस जज्बे और अनुशासन के साथ ये सभी नौजवान राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित हो रहे हैं वह हमारे लिए गर्व का विषय है। हम सबको इन जांबाजों से प्रेरणा लेनी चाहिए।
हर चुनौती को तैयार जवान
मुख्य अतिथि अपर महानिदेशक गणपति ने केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को राष्ट्रीय सुरक्षा की महत्वपूर्ण कड़ी बताते हुए कहा कि बल के जवान हर चुनौती का सामना करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। उन्होंने जवानों से आव्हान किया कि वे अपनी क्षमताओं का निरन्तर विकास करें और देश की सुरक्षा के लिए हमेशा अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए तैयार रहें। उन्होंने परेड का निरीक्षण कर मार्च पास्ट की सलामी ली। परेड में शामिल बहादुर जवानों का उपस्थित जनसमूह ने करतल ध्वनि से उत्साह बढ़ाया।

अब तक की सबसे बड़ी दीक्षान्त परेड
प्रशिक्षण केन्द्र के प्राचार्य एवं डीआईजी डॉ. एसके मल्लिक ने कहा कि 55 वीं दीक्षान्त परेड अब तक की सबसे बडी दीक्षंात परेड है। उन्होंने कहा कि 1984 से स्थापित यह केन्द्र अब तक 50 हजार आरक्षकों को प्रशिक्षण दे चुका है। आरक्षक एवं जीडी के पद पर नियुक्त युवाओं को 39 सप्ताह का प्रशिक्षण दिया गया है। सभी आरक्षक देश की आंतरिक एवं औद्योगिक सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इन्हें आधुनिक हथियारों के साथ विभिन्न परिस्थितियों में चुनौतियों का सामना करने के लिए दक्षता के साथ तैयार किया गया है।
जांबाजों का रोमाचंक प्रदर्शन
परेड़ के दौरान जांबाजों की हैरतअंगेज प्रस्तुतियों की सभी ने सराहना की। कार्यक्रम में केरल का करेली मार्शल आर्ट, साईलेंट ड्रिल, मल्लखम्भ, मार्शल आर्ट काता, चाइनीज मार्शल आर्ट, झारखण्ड एवं पश्चिमी बंगाल का प्रसिद्ध छांउ नृत्य एवं आकर्षक कलाओं का प्रदर्शन किया गया।
उत्कृष्ट आरक्षक विशिष्ट मैडल से सम्मानित
प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जवानों आरक्षक रोहित सिंधे, उम्मेदसिंह, गणेश सिंह राजपूत, विनय कुमार, हेमंगा सोनवाल, राकेश भाल, मनोज कुमार मकवाना, परेश कुमार, इस्लावद भरत, रविकुमार माण्डलिया को इस अवसर पर विशिष्ट मैडल से सम्मानित किया गया। परेड़ का नेतृत्व आरक्षक रविकुमार माण्डलिया ने किया और कमाण्डेंट भूपेन्द्रसिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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December 8, 2017

शहीदों के लिए साल में एक बार दें 1 रुपए का अंशदान | Give Donation for Martyrs

सूरत में भारतीय सैनिकों व शहीदों को समर्पित मानस शहीद रामकथा में अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक मोरारी बापू ने शहीदों के लिए देशवासियों से खास अपील की है। उन्होंने कहा कि अपने देश की आबादी सवा सौ करोड़ है। विचार करो कि एक नागरिक वर्ष में एक बार 30 जनवरी को मात्र 1 रुपए का अंशदान शहीदों के लिए दे तो 125 करोड़ रुपए होता है। इतनी राशि तो पर्याप्त है। मैं कहता हूं कि करोड़पतियों को भी लाख नहीं मात्र रुपए देने हैं। जिस परिवार ने सब कुछ दे दिया उसे हम क्या दे सकते हैं?


सरहदों पर सैनिकों की कुर्बानी को याद करने के लिए रामकथा का यज्ञ किया है। सीमा, पहाड़ या रण (रेगिस्तान) में जहां भी देश के जवानों के रक्त का बूंद गिरा है, वहां उनकी समाधि है। इसीलिए इस कथा में देश-विदेश के लोग भी शामिल हैं। बापू ने कहा कि यह शोक सभा नहीं यह तो शहीदों के उत्सव की सभा है। आज भी हमारे देश के जवान शहीद होते हैं तो उनके घर पत्र और पुष्प जाता है। शहीद को द्रव्य की नहीं भाव की जरूरत है। मानव को कई तरह से देखना होता है। एक तरफ से देखोगे तो दोष माना जाता है।


देशभक्ति गीत से बापू व श्रोता हुए भावुक
बापू में प्रवचन के दौरान कवि प्रदीप को याद किया। शहीद जवानों को स्मरणांजलि देते हुए लताजी के गाए गीत ‘जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी...’ गाया। इस देशभक्ति गीत से बापू के साथ पांडाल में मौजूद हजारों श्रोता भावुक हो गए। बापू ने कहा कि नेहरूजी रेशनलिस्ट थे फिर भी लताजी ने शहीदों के लिए यह गीत गाया तो उनकी आंखें नम हो गई थीं। रामकथा में देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालु स्वैच्छिक रक्तदान भी कर रहे हैं।


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December 5, 2017

बापू बोले, पांच लाख मांगे तो कोई नहीं आया | Ram Katha for Soldiers

सूरत में भारतीय सेना व शहीदों को समर्पित मानस शहीद कथा में मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक मोरारी बापू ने चुटकी ली। मुस्कुराते हुए बोले, 'मैंने पहले दिन सभी को कथा में आमंत्रित किया था। कहा था कि कथा में आओ और शहीद परिवारों की सहायता के लिए पांच-पांच लाख रूप का दान दो। पांच लाख रुपए मांगे तो कथा में कोई नहीं आया। कथा में वही आ सकता है जिस पर सद्गुरु की कृपा हो। मैं तो इंद्र को भी आमंत्रित करता हूं, आओ।' बापू की बात सुनकर पांडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।


दरअसल बापू ने यह व्यंग्य उन आलोचकों के लिए किया जो कथा को राजनीति से जोड़ रहे थे। कथा से पूर्व चर्चा थी कि गुजरात चुनाव के कारण इस कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के माध्यम से नेता मंच पर आकर भाजपा का प्रचार करेंगे। जबकि चार दिन की कथा में अब तक ऐसा कहीं कुछ देखने को नहीं मिला। बापू ने चार दिनों में किसी नेता या राजनीतिक दल का जिक्र तक नहीं किया। उन्होंने कथा के प्रथम दिन ही यह स्पष्ट कर दिया था कि कथा के पवित्र मंच को कभी भी राजनीति का मंच नहीं बनने दिया जाएगा। चुनाव तिथि की घोषणा से पूर्व ही कथा तिथि तय हो गई थी। इस कथा का चुनाव से कोई वास्ता नहीं है। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273

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December 3, 2017

मोरारी बापू ने आलोचकों को दिया जवाब- कथा का चुनाव से कोई वास्ता नहीं | no relation with election

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में चुनाव के दौरान रामकथा आयोजन को लेकर विवादों से घिरे अंतर्राष्ट्रीय रामकथा वाचक मोरारी बापू ने आलोचकों को करारा जवाब दिया है।
सूरत में रामकथा के प्रथम दिन कथा की शुरुआत से पहले बापू ने मंच से आलोचकों की गलतफहमी दूर करते हुए कहा कि यदि किसी को यह लगता है कि चुनाव के कारण इस कथा का आयोजन किया गया है तो उन सभी लोगों को यह बताना चाहता हूं कि चुनाव तो अभी आया है परंतु इस कथा के आयोजन की तैयारी पिछले डेढ़ साल से की जा रही है। कथा का राजनीति से कोई संबंध नहीं है। व्यास पीठ को कभी राजनीति का मंच नहीं बनने दिया जाएगा। कथा में सभी का स्वागत किया है। व्यास पीठ सभी के लिए बराबर बनाई गई है। यहां सभी के कद और पद का एक समान सम्मान किया जाएगा। सभी अपना स्थान ग्रहण करके कथा सुनें और प्रस्थान करें। कथा में आएं तो सामर्थ्य अनुसार सैनिकों के सम्मान में सहयोग करें। याद रखें राम कथा कभी बंद नहीं हुई। कथा तो आपातकाल के समय भी हुई थी। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273


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मोरारी बापू ने रामकथा में दिया नया नारा | Morari Bapu gave New Slogan

गुजरात के सूरत में भारतीय सेना को समर्पित मानस शहीद रामकथा में अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक मोरारी बापू ने नया नारा दिया है- जय ईमान। शहीदों की शहादत को सलाम करते हुए बापू ने कहा कि 1965 के भारत पाक युद्ध के दौरान भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने नारा दिया था- जय जवान जय किसान। इसके बाद 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण की सफलता के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शास्त्री के नारे में जय विज्ञान जोड़ते हुए नया नारा दिया- जय जवान जय किसान जय विज्ञान। 2 दिसंबर, 2017 को रामकथा मर्मज्ञ मोरारी बापू ने इस नारे में जय ईमान जोड़ते हुए नया नारा दिया- जय जवान जय किसान जय विज्ञान जय ईमान। बापू ने कहा, वर्तमान वक्त में बेईमानी का बोलबाला बढ़ रहा है। ऐसे में ईमानदारी की बेहद जरूरत है। इसी सोच के साथ व्यासपीठ ने यह नया नारा दिया है। कथा में मौजूद देशभर से आए हजारों श्रद्धालुओं और सैनिकों ने बापू के इस नए नारे की सराहना की। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273



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राष्ट्र भावना के बीच राष्ट्रगान गाकर रामकथा का आरंभ | Ram Katha in Surat

सत्य, प्रेम, करुणा की ज्ञान गंगा अविरल बहती हुई गुजरात राज्य के सूरत शहर में पहुंची। यहां भारतीय सेना के जवानों और शहीदों के सम्मान में आयोजित 'मानस शहीद' रामकथा का आरंभ राष्ट्र भक्ति के साथ हुआ। अंतर्राष्ट्रीय संत मोरारी बापू ने कथा स्थल पर 150 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराकर सलामी ली। सभी ने सामूहिक राष्ट्र गान गाया। जय सिया राम व भारत माता की जय के गगनभेदी जयघोष गूंजे। हाथों में तिरंगा लहराते हुए सैनिक व शहीद परिवार के सदस्य पवित्र पोथी लेकर व्यासपीठ पर पहुंचे और पोथी पूजन किया। आध्यात्म भक्ति के साथ राष्ट्र भक्ति का अनूठा संगम देखकर सभी रोमांचित हो उठे।
कर्ण भूमि पर नौ दिवसीय मानस शहीद कथा के प्रारंभ में रामचरितमानस के किष्किन्धा काण्ड के अंतिम भाग की चौपाई 'कह अंगद बिचारि मन माहीं। धन्य जटायु सम कोउ नाहीं।। राम काज कारन तनु त्यागी। हरि पुर गयउ परम बड़ भागी।।' गाते हुए बापू ने कहा कि आध्यात्म जगत में पहला शहीद जटायु था। रामकथा में माता जानकी की रक्षा के लिए जटायु शहीद हो गए। बापू ने बताया कि शहीद पांच प्रकार के होते हैं। पहला पारिवारिक शहीद जो परिवार को बचाने के लिए कुर्बानी दे। दूसरा सकल समाज के लिए बलिदान हो। तीसरा सकल राष्ट्र के लिए जो सरहद पर बलिदान दे। चौथा वैश्विक शहीद जो सम्पूर्ण विश्व के लिए जान दे। पांचवा अखंड ब्रह्माण्ड के लिए शहीद हो। बापू ने इंडियन आर्मी को दुनिया में सबसे श्रेष्ठ आर्मी बताते हुए भारतीय सैनिकों की सराहना की।


बापू ने कथा में 1971 के युद्ध और कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए जवानों को  भी याद किया। बोले, हम शहीद जवानों के लिए कुछ नहीं कर सकते, परंतु प्रार्थना तो जरूर कर सकते हैं। मेरी इच्छा है कि एक दिन मैं सरहद पर सैनिकों के तंबू में बैठकर उनके लिए माला का जाप करूं। कारगिल युद्ध के दौरान भी उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने मुझसे तंबू में बैठकर माला जपने को कहा था, परंतु तकनीकी असुविधा के कारण यह संभव नहीं हो पाया। कथा से पहले शनिवार दोपहर रामकथा का मंगलाचरण और भव्य पोथीयात्रा निकाली गई। मिलिट्री परेड की थीम पर सरथाणा स्थित अनंत फार्म से पोथीयात्रा निकली। इसमें हजारों लोग शामिल हुए। 101 कलशधारी महिला पोथीयात्रा में शामिल हुईं। आर्मी बैंड के ताल पर एनसीसी की दो टीमें शामिल थी। इसमें हाथी, घुड़सवार टीम, बुलेट सवार टीम, ढोल वाद्य, देशभक्ति गीत संग पोरबंदर की प्रसिद्ध शौर्य रास की प्रस्तुति दी गई। कथा के मुख्य यजमान ननुभाई सावलिया के निवास स्थल रंगोली सजाकर बापू का स्वागत किया गया। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273



परमवीर चक्र सम्मानित सैनिकों का सम्मान
परमवीर चक्र विजेता जम्मू केके बाना सिंह, नायब सूबेदार संजय कुमार को बापू ने स्मृति चिन्ह देकर भेंट कर सम्मानित किया। शहीद विक्रम बत्रा, शहीद लायंस नायक गोपाल भादोरिया, प्रदीप सिंह कुशवाहा और मेजर ऋषिकेश रामाणी का डॉक्यूमेंट्री वीडियो सभी को दिखाया गया। इसके बाद मारुति वीर जवान ट्रस्ट की ओर से शहीदों के परिजन को स्मृति चिन्ह एवं आर्थिक सहयोग राशि का चैक देकर सम्मान किया गया।

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September 15, 2017

सैनिक की बेटी से दुराचार के बाद गुस्से में देशवासी, बोले- 'दरिंदों को फांसी दो'

राजस्थान के बाड़मेर में एक सैनिक की बेटी से गैंगरेप की घटना से देशवासी गुस्से में हैं। पीड़ितों को न्याय के लिए देश के विभिन्न राज्यों से लोगों ने  कड़ी प्रतिक्रिया दी है। हरियाणा और राजस्थान में शिक्षा के मंदिरों को शर्मसार करने वाली घटनाओं पर आक्रोश व्यक्त करते हुए जनता ने दरिंदों को फांसी देने की मांग की है, ताकि फिर कोई प्रद्युम्न या किसी की बेटी शिकार ना बने।


‘बाड़मेर में हुई घटना समाज के प्रति सबसे घिनौना अपराध है। दुष्कर्म करने वालों को फांसी दी जाएगी तभी ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकेगा।’ -रामेंद्र शर्मा, एडवोकेट, ब्यावर(राजस्थान)

‘बेहद दुखद व असहनीय घटना है। बस चले तो उस अपराधी को गोली मार दें। अपराधी को इतनी कड़ी सजा मिलनी चाहिए कि फिर ऐसी हरकत ना करे। हर मां अपनी बेटी के साथ सहेली की तरह रहे ताकि बच्ची मां को हर बात सहजता से बता दे।’ -संगीता कांकरिया, ब्यूटीशियन, रतलाम(मध्यप्रदेश)

‘ऐसे दरिंदों को सख्त सजा दिलवाने के लिए जनता को पीड़ित परिवार का साथ देकर आवाज बुलंद करनी चाहिए। जब तक इन अपराधियों में सजा की दहशत नहीं होगी तब तक ऐसी घटनाएं नहीं रूकेगी।’ -डॉ.राज अग्रवाल, चिकित्सक, नई दिल्ली

‘जब इस तरह के दोषी लोगों का पता लग जाता है तो उन्हें आजीवन कारावास में डाल देना चाहिए और तबीयत से पिटाई करनी चाहिए। क्या हम बच्चों को बता पाएंगे ऐसे लोगों से जो कानून से नहीं डरते। देख लो इन जैसे बेशर्म लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता।’ -सुनीता मार्टिन, शिक्षिका, ब्यावर(राजस्थान)

वारदात की पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

‘सच में यह सब देखकर दिल बैठ गया। अंदर तक जैसे सिहरन सी दौड़ गई। आत्मा जैसे रो रही है मेरी। लग रहा है जैसे किसी ने मानवता के गाल पर खींच के तमाचा मारा हो। आखिर कब तक? जाने क्यूं हम धरती पर सब से सभ्य प्राणी होने का दंभ भरते हैं? मैं जब ये मानव की पाशविकता की हदें देखता हूं तो शर्म आती है कि हम खुद को मानव कहते हैं। ऐसे नर पिशाचों को (मन में इतनी गालियां निकल रही है इस दैत्य के लिए पर मर्यादा में बंधा हूं) अगर सजा न मिली तो ये बेटी हमें कभी माफ नहीं करेगी। और न जाने कितनी बेटियां यूं... निःशब्द।’ -मोंटी राठौड़, पत्रकार, अजमेर(राजस्थान)

‘अपराधियों को भी वैसा ही दर्द देना चाहिए जैसा उन्होंने दिया।’ -खुशबू दाधीच, गृहिणी, सूरत(गुजरात)

‘ऐसा सब बहुत सालों से हो रहा है। फिर भी किसी के मन में कोई डर नहीं। लोग कहते हैं लड़की छोटे कपड़े पहनती है इसलिए रेप होते हैं। अब मासूम बच्चियों को साड़ी कैसे पहनाएं?’ -पल्लवी सिंहल, गृहिणी, ब्यावर(राजस्थान)

‘अल्लाह इन गुनहगारों को बख्शेगा नहीं।’ -रेशमा, गीतकार, गाजियाबाद(यूपी)

यहां क्लिक कर सुनिए सैनिक पिता का दर्द

‘हे भगवन! ये क्या हुआ है इस संसार को?’ -शालिनी शर्मा, भजन गायिका, ब्यावर(राजस्थान)

‘चौराहे पर नंगा करके मारो।’ -गोपेश, पत्रकार, अलवर(राजस्थान)

‘दुखद, बेहद शर्मनाक’ -सीमा कृपलानी, शिक्षिका, ब्यावर(राजस्थान)

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