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August 21, 2024

केरल में क्यों होगी RSS की अखिल भारतीय बैठक, जानिए किन मुद्दों पर चर्चा करेंगे भागवत - Annual meeting of RSS

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक इस साल 31 अगस्त से 2 सितंबर तक केरल के पालक्काड में आयोजित होगी. तीन दिवसीय बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत (Mohan Bhagwat), सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले (Dattatreya Hosabale) सहित संघ के सभी छह सह सरकार्यवाह और अन्य प्रमुख पदाधिकारी शामिल होंगे. संघ की इस बैठक को लेकर देशभर में खासी चर्चा है.

संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर (Sunil Ambekar) ने बताया कि बैठक में विविध संगठन के कार्यकर्ता अपने कार्य की जानकारी तथा अनुभवों का निवेदन तथा आदान-प्रदान करेंगे. राष्ट्रीय हित के विभिन्न विषयों के संदर्भ में वर्तमान परिदृश्य, हाल में हुई महत्वपूर्ण घटनाओं तथा सामाजिक परिवर्तन के अन्यान्य आयामों पर योजनाओं के संदर्भ में चर्चा करेंगे. सभी संगठन विविध विषयों पर परस्पर सहयोग तथा समन्वय को और अधिक बढ़ाने हेतु आवश्यक उपायों पर भी चर्चा करेंगे.

बीजेपी के कमजोर प्रदर्शन पर भी मंथन
सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के बाद हो रही है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के आम चुनाव में कमजोर प्रदर्शन पर भी मंथन किया जाएगा. बीजेपी अध्यक्ष बदलने पर भी विचार कर सकते हैं. बैठक के ठीक बाद होने वाले जम्मू-कश्मीर और हरियाणा चुनाव की रणनीति भी बन सकती है.

बैठक में यह संगठन होंगे शामिल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के साथ इस बैठक में राष्ट्र सेविका समिति, वनवासी कल्याण आश्रम, विश्व हिंदू परिषद (VHP), अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), विद्या भारती, भारतीय जनता पार्टी (BJP), भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ (BMS) सहित 32 संघ प्रेरित विविध संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, संगठन मंत्री एवं प्रमुख पदाधिकारी शामिल होंगे.

पिछले साल पुणे में हुई थी बैठक
आरएसएस (RSS) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय बैठक सामान्यतः वर्ष में एक बार आयोजित की जाती है. गत वर्ष यह बैठक सितंबर 2023 में पुणे में संपन्न हुई थी. इस बैठक में संघ प्रेरित विविध संगठनों में कार्यरत संगठन के प्रमुख पदाधिकारी सहभागी होते हैं. यह सभी संगठन सामाजिक जीवन से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के सकारात्मक कार्यों में लोकतांत्रिक पद्धति से सामाजिक परिवर्तन के कार्य में सक्रिय रहते हैं.
©सुमित सारस्वत
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January 10, 2024

Ajmer Urs 2024: दरगाह शरीफ पर चढ़ेगी पीएम मोदी की दसवीं चादर, पिछले साल उर्स में भेजी थी भगवा चादर, ख्वाजा के लिए कही यह बात

✍ सुमित सारस्वत
Urs in Ajmer Sharif Dargah: राजस्थान (Rajasthan) की धार्मिक नगरी अजमेर (Ajmer) में स्थित विश्व प्रसिद्ध गरीब नवाज हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती (Khwaja Moinuddin Chishti) की दरगाह में 812वां उर्स शुरू हो गया है. सांप्रदायिक सौहार्द और विश्व शांति का संदेश देने वाला यह उर्स कौमी एकता की मिसाल है. यहां देशभर से हजारों जायरीन ख्वाजा की बारगाह में सजदा करने पहुंचे हैं. मजार पर चादर और अकीदत के फूल पेश कर दुआ कर रहे हैं. जल्द ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की चादर भी मजार शरीफ पर चढ़ाई जाएगी. 11 जनवरी को पीएम मोदी अपने कार्यालय में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी (Jamal Siddiqui) को यह चादर सौंपकर दिल्ली से अजमेर के लिए रवाना करेंगे. सिद्दीकी अजमेर आकर मोदी की तरफ से चादर चढ़ाएंगे.

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इस साल पीएम मोदी की 10वीं चादर
इस्लाम धर्म का सम्मान करते हुए पीएम मोदी (PM Modi) हर साल अजमेर दरगाह शरीफ के लिए चादर भिजवाते हैं. इस साल दसवीं बार पीएम मोदी की चादर चढ़ाई जाएगी. पिछले साल मोदी ने भगवा रंग की चादर भिजवाई थी. सिद्दीकी ने ही चादर चढ़ाई थी. इनसे पहले आठ चादर पेश करने के लिए मोदी सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी (Mukhtar Abbas Naqvi) आए थे.

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पीएम मोदी ने संदेश में कही थी यह बात

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल चादर के साथ संदेश भी भिजवाया था. संदेश में कहा, "ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के उर्स के अवसर पर विश्वभर में उनके अनुयायियों को बधाई एवं शुभकामनाएं. दुनिया को प्रेम, सौहार्द और बंधुत्व का संदेश देने वाले महान सूफी संत के वार्षिक उर्स पर दरगाह अजमेर शरीफ पर चादर भेजते हुए मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. भारत में विभिन्न पंथों, मान्यताओं और आस्थाओं का सद्भावपूर्ण सह-अस्तित्व हमारे देश की समृद्ध विरासत है. हमारे देश में संतों, पीरों व फकीरों ने शांति, एकता और सद्भावना के पैगाम के जरिए राष्ट्र के सांस्कृतिक ताने-बाने को सदैव मजबूती प्रदान की है."

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ख्वाजा हैं आध्यात्मिक परंपराओं के प्रतीक

पीएम मोदी ने कहा, "ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भारत की महान आध्यात्मिक परंपराओं के प्रतीक हैं. गरीब नवाज द्वारा की गई मानवता की सेवा निरंतर पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी. अनेकता में एकता हमारे देश की खूबसूरती है और सालाना उर्स विभिन्न मान्यता एवं आस्था के लोगों द्वारा इसी भावना को संजोते और सहेजते हुए, इसका उत्सव मनाने का अवसर है. आजादी के अमृत कालखंड में देश सामूहिक सामर्थ्य के जरिए प्रगति की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे कदम बढ़ा रहा है. मुझे विश्वास है कि सामूहिक सामर्थ्य के जरिए देश प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएगा. ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर मैं दरगाह अजमेर शरीफ से देश की खुशहाली और समृद्धि की कामना करता हूं." ©सुमित सारस्वत

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August 4, 2019

बेनीवाल बोले, जिस मुकाम पर हूं उसमें सोशियल मीडिया की भूमिका | Power of Social Media


राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष व सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा, मैं सफलता हासिल कर आज जिस मुकाम पर पहुंचा हूं उसमें सोशियल मीडिया की बड़ी भूमिका है। इसके बिना सब अधूरा है। जयपुर में वैपन भारत की ओर से आयोजित सोशियल मीडिया काॅन्फ्लुएंस में उन्होंने यह बात कही।


बेनीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सोशियल मीडिया की ही देन है। इसी के कारण किसान के बेटे की पार्टी को राजस्थान के पहले क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सोशियल मीडिया की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं। देश में 80 से 90 प्रतिशत लीडरशिप सोशियल मीडिया के जरिए तैयार हो रही है। नए समर्थक जुड़ रहे हैं।


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उन्होंने कहा कि पीएम मोदी व सोशियल मीडिया ने लोगों में राष्ट्रवाद की भावना भरी है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत को राष्ट्रवादी देश बना दिया है। देश का हर नागरिक हिंदी सीख रहा है। अभी लोकसभा में आंधप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडू के सांसदों ने हिंदी में शपथ ली और कहा हम राष्ट्रवादी हैं। नौजवान सोशियल मीडिया के माध्यम से भारत को दुनिया में उबारने का काम कर रहे हैं।  -सुमित सारस्वत, मो.09462737273

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August 3, 2019

सोशियल मीडिया पर लड़ा जा रहा सियासी युद्ध | Politics on Social Media


वरिष्ठ पत्रकार डॉ. संगीता परवेंद्र ने कहा कि राजनीति एक युद्ध है लेकिन राजनीति का यह युद्ध अब एक नए कुरुक्षेत्र में लड़ा जा रहा है। अब नेता वो है जिसके सोशियल मीडिया पर हजारों-लाखों फोलोवर्स हों। वे जयपुर में वैपन भारत की ओर से आयोजित सोशियल मीडिया काॅन्फ्लुएंस में अपने विचार साझा कर रहीं थी।



उन्होंने कहा कि सोशियल मीडिया राजनीति का एक ऐसा हिस्सा बन गया है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। नए जमाने की राजनीति में सोशियल मीडिया से हटकर नहीं जिया जा सकता। ये वो जगह है जहां मतदाता, समर्थक और नागरिक आपसे सवाल पूछेगा, आपसे जवाब चाहेगा। वो आपको समस्या बताएगा और उनका निराकरण चाहेगा।

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डॉ. सौम्या गुर्जर ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि राजनीति लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसी तरह सोशियल मीडिया राजनीति का अभिन्न अंग है। सोशियल मीडिया अब गांवों तक पहुंच गया है। इसके जरिए ग्रामसभा की चर्चा हो रही है। लोग घर बैठे सरपंच और प्रधान तक अपनी समस्याएं पहुंचा रहे हैं। यह समस्या समाधान का जरिया बन गया है। कार्यक्रम में सांसद हनुमान बेनीवाल, शिक्षाविद डॉ. शीला राय, प्रणय कुमार ने भी विचार रखे। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273

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ऐसे करें सोशियल मीडिया का उपयोग, गर्व करेगी दुनिया | How to use Social Media


राजस्थान के जयपुर में वैपन भारत की ओर से दो दिवसीय सोशियल मीडिया काॅन्फ्लुएंस का आयोजन किया जा रहा है। आज पाथेय भवन में भारतीय फिल्म निर्माता-निर्देशक विवेक अग्निहोत्री, रोहित प्रधान व मेजर सुरेंद्र पूनिया ने स्वामी विवेकानंद जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ  किया।



उदघाटन सत्र में सोशियल मीडिया एक्टीविस्ट्स को संबोधित करते हुए अग्निहोत्री ने कहा कि कुछ लोग युवाओं का ब्रेन वॉश कर गुमराह कर रहे हैं। उन्हें नशे की लत लगाकर धकेल अपराध में धकेला जा रहा है। उसे ऐसी स्थिति में ले आते हैं कि अपराध में लिप्त युवा अपने ही परिवार और धर्म से नफरत करने लगता है। यह समाज के लिए घातक है। मैंने देश में सकारात्मक बदलाव के लिए सिनेमा जगत से लड़ाई लड़ी है। मैंने प्यार-मोहब्बत दिखाने की बजाय समाज को दिशा दिखाने वाली फिल्में बनाई। इसका मुझे परिणाम भी भुगतना पड़ा। यूं समझिए लहू में लथपथ व्यक्ति फिर खड़ा हुआ है। वो गिरे नहीं ये जिम्मेदारी आपकी है।

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युवाओं को प्रेरक संबोधन देते हुए बोले कि आत्मा की आवाज सुनें। याद रखें जिसमें संघर्ष, त्याग और तपस्या है उसकी कहानी प्रेरणादायी है। आप भी ऐसी कहानियां लिखें। सोशियल मीडिया के जरिए जगत में सकारात्मकता फैलाइए। इससे दुनिया को भारत पर गर्व होगा। उन्हाेंने युवाओं से आह्वान किया कि मां की ममता, त्याग और तपस्या का कर्ज चुकाइए। सोशियल मीडिया को आवाज बनाइए और जगत में सच्चाई और सकारात्मकता फैलाइए। कार्यक्रम का संचालन तनया गड़करी ने किया। आपको बता दें कि जयपुर में लगातार तीसरे वर्ष यह आयोजन हो रहा है। 
-सुमित सारस्वत, मो.09462737273

ऐसी आएगी पॉजिटिविटी
सत्र में अग्निहोत्री ने जिज्ञासा समाधान भी किया। एक्टिविस्ट संगीता शर्मा  ने सवाल किया कि सोशियल मीडिया पर नेगेटिविटी (नकारात्मकता) से पॉजिटिविटी (सकारात्मकता) कैसे आएगी? इसका जवाब दिया कि लोगों को प्रेरित करें। अच्छे विचार साझा करें। 


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November 11, 2018

संघ के जिला प्रचारक पर जानलेवा हमला, एक साधु की मौत | Attack on RSS Pracharak

सिरोही के आरएसएस कार्यालय में रविवार रात हुए झगड़े में जिला प्रचारक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। कार्यालय में एक साधु का शव भी मिला है। पुलिस के मुताबिक साधु वेशधारी मृतक के हाथ में चाकू होने और कार्यालय में मिले प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर ये मामला प्रथम दृष्टया मृतक और जिला प्रचारक के बीच हुए झगड़े की परिणीति माना जा रहा है।

पुलिस अधीक्षक जय यादव ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह प्रकरण जिला प्रचारक और साधु के बीच झगड़ा होना प्रतीत हो रहा है। इसमें जिला प्रचारक को गंभीर चोट आई है। साधु मृत पाया गया। साधु के हाथ में चाकू है। उन्होंने बताया कि साधु उत्तर प्रदेश का बताया जा रहा है।

सम्पूर्ण घटनाक्रम कुछ इस तरह रहा कि आज शाम पुलिस को आरएसएस के जिला प्रचारक उत्तम गिरी पर हमला होने की इत्तला मिली। घायल प्रचारक को लहूलुहान हालत में जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया। हालत गंभीर होने पर यहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रेफर कर दिया गया। जिला प्रचारक के शरीर में घावों को देखने के बाद पुलिस संघ कार्यालय पहुंची तो वहां कमरे में एक साधु का शव पड़ा था और हाथ में चाकू था।

साधु का नाम अवधेशानंद बताया जा रहा है। प्रथम दृष्टया ये प्रतीत हो रहा था कि साधु संघ कार्यालय में आया था। इसका जिला प्रचारक से झगड़ा हुआ और उस दौरान ये पूरा हादसा घटित हुआ। घटना की गंभीरता को देखते हुए शांति नगर स्थित संघ कार्यालय में पुलिस जाब्ता तैनात कर दिया गया है। जिला प्रचारक के घायल होने की सूचना पर शहर में पुलिस और प्रशासन दोनों ही अलर्ट हो गए हैं। पुलिस अधीक्षक भी सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंच गए। एहतियातन मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

जिला प्रचारक को रेफर करने के बाद घटनास्थल पर संघ के विभाग प्रचारक बाबूलाल और कैलाश जोशी मौके पर पहुंचे। मौके पर ही मौजूद पुलिस अधीक्षक जय यादव ने इनसे संपूर्ण घटनाक्रम पर बात की। इस दौरान यह भी सामने आया कि साधु बाड़मेर में रहते थे और संभवत: वहीं जिला प्रचारक और साधु की मुलाकात हुई होगी। जिला प्रचारक फलौदी से तीन महीने पूर्व ही यहां आए थे। पुलिस अधीक्षक ने चर्चा के बाद इस मामले की पूरी जानकारी और शिनाख्त शीघ्र करने का आश्वासन दिया है।
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June 26, 2018

अशोक गहलोत ने भाजपा व आरएसएस पर साधा निशाना, बोले- खुलकर मैदान में आए संघ

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरएसएस पर निशाना साधा है। गहलोत ने मीडिया से बातचीत में संघ पर शब्द बाण चलाते हुए कहा कि सांस्कृतिक व सामाजिक स्वयंसेवी संगठन कहलाने वाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब पर्दे के पीछे राजनीति कर रहा है। देश में किसको पीएम-सीएम बनाना है अब संघ तय करता है। आरएसएस सेवा के मार्ग से भटक गई है। इनको चाहिए कि भाजपा को संघ में मर्ज कर लें और खुलकर राजनीति करें। लड़ाई विचारधारा और सिद्धांतों की ही रहेगी। आरएसएस को सौ साल पूरे होने आए हैं। सौ साल के इतिहास में उन्होंने हमेशा कहा कि हम सांस्कृतिक संगठन के लोग हैं। राजनीति से हमारा कोई सरोकार नहीं है। हम सिर्फ देशभक्ति की बात करते हैं। देशप्रेम फैलाने की बात करते हैं। अब मोदी सरकार बनने के बाद संघ का राजनीति में हस्तक्षेप बढ़ गया है।


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September 7, 2017

जिन्हें पीएम मोदी ने प्रणाम किया उन प्रताप की बेकद्री !

जिन महाराणा प्रताप को प्रणाम करने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद रोज पहले मेवाड़ आए थे उन्हीं हिन्दू सम्राट प्रताप की राजस्थान के ब्यावर शहर में बेकद्री हो रही है। यहां प्रताप की प्रतिमा खंडित है। शासन-प्रशासन प्रताप के गौरव व सम्मान की अनदेखी कर रहा है। कई बार मांग और आक्रोश प्रदर्शन के बाद भी प्रताप की खंडित प्रतिमा को बदला नहीं गया और ना ही क्षतिग्रस्त सर्किल की मरम्मत करवाई गई। सत्ताधारी भाजपा शासन के जिम्मेदारों को भी प्रताप के मान-सम्मान का भान नहीं रहा। विड़ंबना रही कि विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, शिवसेना जैसे हिंदूवादी संगठन भी इस गंभीर मामले पर पुरजोर आवाज नहीं उठा सके। इससे हिन्दू समाज में आक्रोश फैल गया। आज हिन्दू समाज के लोगों ने प्रताप की प्रतिमा को काले कपड़े से ढक दिया और लिख दिया कि 'खंडित प्रतिमा है।'  गाडोलिया लोहार समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष कालूराम चौहान ने सोशियल मीडिया पर फोटो सहित पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। इस घटना के बाद हिन्दू समाज में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नाराजगी फैल गई। शहर का शांतिपूर्ण माहौल खराब होने का अंदेशा बन गया। ऐसे में सामाजिक विचारक सुमित सारस्वत ने सरकार को मामले से अवगत करवाया है।
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