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October 18, 2024

मौत से पहले महिला बना 22 साल का लड़का, सुसाइड का तरीका देख पुलिस और परिवार दंग - Mystery of Suicide

✍🏻 सुमित सारस्वत

आज सुसाइड का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. मसूरी (Mussoorie) की IAS अकादमी में 22 साल के लड़के ने फंदा लगाकर आत्महत्या की है. चौंकाने वाली बात यह है कि जान देने से पहले अनुकूल रावत ने महिला के वेश में श्रृंगार किया. सुसाइड की सूचना पर पुलिस कर्मी और परिवार के लोग मौके पर पहुंचे तो देखकर दंग रह गए.

माथे पर बिंदी, बालों में जूड़ा, गले में हार और हाथों में चूड़ी सहित पूरा श्रृंगार किए अनुकूल फंदे पर लटका था. पुलिस (Police) ने शव को फंदे से नीचे उतारा. उसके सहपाठी और परिवार को समझ नहीं आ रहा कि आखिर उसने ऐसा कदम क्यों उठाया. अनुकूल को ऐसे लिबास या फिर महिला श्रृंगार करते पहले कभी किसी ने नहीं देखा था. पहली बार उसका यह रूप देखकर और उसके इस तरह दुनिया से चले जाने पर हर कोई हतप्रभ है.

पुलिस आत्महत्या (Suicide) के इस मामले में हर एंगल से जांच करने में जुटी है. यह भी पता लगा रहे हैं कि अनुकूल ने साड़ी और मेकअप का सामान कब और कहां से खरीदा. पुलिस को मौके पर मोबाइल बरामद हुआ है, जिसे मोबाइल फॉरेंसिक टीम की मदद से अनलॉक किया जाएगा. यह जांच करेंगे कि वह सोशल मीडिया (Social Media) पर किस तरह के लोगों के संपर्क में था. किन लोगों को संदेश भेजता था और कैसा कंटेंट सर्च करता था. ©सुमित सारस्वत

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August 30, 2023

सुसाइड के मामलों ने बढ़ाई पेरेंट्स की चिंता, अब बच्चों को अकेला नहीं छोड़ रहे अभिभावक - Kota Suicide Case


सुमित सारस्वत
एजुकेशन सिटी कोटा से आए दिन किसी न किसी स्टूडेंट के सुसाइड करने का मामला सामने आ रहा है. कोचिंग स्टूडेंट्स की मौत (Death) के बढ़ते आंकड़ों से अभिभावकों को डर सताने लगा है. अब परिवार वाले अपने बच्चे को अकेला छोड़ने से घबरा रहे हैं. यही वजह है कि देश के विभिन्न राज्यों से अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों के साथ कोटा आकर रहने लगे हैं. छात्रों का ख्याल रखने के लिए माता-पिता और दादा-दादी कोटा (Education City Kota) शिफ्ट हुए हैं.

बिहार की रहने वाली शिम्पी कुमारी के बेटे और बेटी दोनों कोटा में नीट और जेईई की तैयारी कर रहे हैं. दोनों बच्चों का ख्याल रखने के लिए शिम्पी बिहार (Bihar) छोड़कर राजस्थान (Rajasthan) आई है और कोटा में बच्चों के साथ है. बिहार के सीतामढी जिले की 80 वर्षीय नीरु देवी भी जेईई की तैयारी कर रहे अपने पोते के साथ कोटा रहने लगी है. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना जिले की संध्या द्विवेदी भी कोटा में जेईई की पढ़ाई कर अपने बेटे का ख्याल रखने के लिए कोटा आई हैं. उनके पति घर पर अन्य जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं. चंडीगढ़ (Chandigarh) में सॉफ्टवेयर इंजीनियर शिवानी जैन ने नीट की तैयारी कर रही अपनी बेटी के साथ रहने के लिए ऑफिस से छुट्टी लेने का फैसला किया है.

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पेरेंट्स अब अपने बच्चों को हॉस्टल में रखने से कतरा रहे हैं. उनका मानना है कि परिवार का सदस्य साथ होने से बच्चों को अकेलेपन का अहसास नहीं होगा. उनकी गतिविधियों और व्यवहार पर नजर भी रख सकेंगे. साथ ही बच्चों को घर का बना खाना मिलेगा तो सेहत भी अच्छी रहेगी. आपको बता दें कि कोटा में हर साल ढाई लाख से अधिक छात्र इंजीनियरिंग (JEE) और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए नीट (NEET) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं. आंकड़ों के मुताबिक, कोटा में इस साल अब तक 24 छात्रों ने खुदकुशी (Suicide) की है. पिछले साल 15 छात्रों ने आत्महत्या की थी.

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‘आधे दिन पढ़ाई, आधे दिन मस्ती’
कोटा में छात्रों के बढ़ते आत्महत्या के मामलों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने अहम फैसला लिया है. अब सप्ताह में एक दिन ‘आधे दिन पढ़ाई, आधे दिन मस्ती’ का निर्णय लिया है ताकि छात्रों का मानसिक दबाव कम हो. आत्महत्या की प्रवृत्ति वाले छात्रों की पहचान करना और मनोवैज्ञानिक परामर्श देने का कार्य भी करेंगे. छात्रों पर पाठ्यक्रम का बोझ कम करने के प्रयास में कोचिंग संस्थानों को विषय विशेषज्ञों की एक समिति बनाने के लिए कहा है.
©सुमित सारस्वत, मो.9462737273

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Sumit Saraswat available on :
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