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November 16, 2024

प्रसाद चाहिए तो पहले रसीद कटवाइए, जानें कहां बिकने लगा अन्नकूट ? - Annakut Prasad on Govardhan Puja

✍🏻सुमित सारस्वत
पौराणिक मान्यता के मुताबिक, दीपावली महापर्व के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की शरण में देवराज इंद्र के अभिमान को समाप्त किया और गोवर्धन पूजा
(Govardhan Puja) की परंपरा शुरू की. तभी से लोग हर साल गोवर्धन पूजा कर रहे हैं. इस पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) और गोवर्धन जी को अन्नकूट बनाकर भोग लगाते हैं.

भगवान श्री राम
(Lord Ram) के वनवास से अवध (Ayodhya) लौटने की खुशी में मनाए जाने वाले दीपावली महापर्व (Diwali Festival) के दूसरे दिन ही गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है ? और कब से की जा रही है ? इसकी कहीं कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.

क्या है अन्नकूट ?
मान्यता के मुताबिक, गोवर्धन पूजा के शुभ अवसर पर लोग 56 या 108 प्रकार के पकवान बनाकर श्रीकृष्ण को भोग स्वरूप अर्पित करते हैं, इन्हीं पकवानों को 'अन्नकूट' कहा जाता है. इसके बिना गोवर्धन पूजा अधूरी मानी जाती है. अन्नकूट में कई तरह की सब्जियां, कढ़ी, चावल, खीर, पूड़ी, मिठाईयां, रबड़ी, पेड़े, मक्खन, मिश्री आदि तरह-तरह की चीजें बनाते हैं.

अब आनंद के लिए अन्नकूट !
गोवर्धन पूजा के साथ शुरू हुई अन्नकूट परंपरा में वक्त के साथ बदलाव आ गया है. अब लोग आनंद के लिए अन्नकूट का आयोजन करने लगे हैं. अलग-अलग धर्मस्थलों पर कई-कई दिन तक सहूलियत के अनुसार अन्नकूट आयोजन होने लगे हैं. इतना ही नहीं, जिन धर्मस्थलों में ठाकुरजी विराजमान नहीं हैं, उन देवी-देवताओं के धर्मस्थलों पर भी लोग यह आयोजन कर रहे हैं. कई-कई जगह पर तो बाकायदा पंगत लगाकर भोजन होने लगा है.

प्रसाद पाने पहुंचे लोग हुए निराश
बदलते वक्त के साथ अब कुछ धर्मस्थलों पर अन्नकूट के नाम पर व्यापार होने लगा है. ट्रस्टी और सेवादार इस प्रसाद को भी बेचने लगे हैं. बाकायदा इसके लिए रसीद कटवाने का दबाव बनाया जाता है. वहीं कई जगहों पर पंगत में बैठकर प्रसाद खिलाने के लिए रुपए लिए जाते हैं. धर्मस्थलाें पर होने वाले इस कृत्य से आस्थावान लोगों में आक्रोश और निराशा नजर आई. एक बड़े धर्मस्थल पर अन्नकूट प्रसाद
(Annakut Prasad) पाने पहुंचे लोगों को ट्रस्ट अध्यक्ष ने रसीद कटवाने का दबाव बनाया. इस बात पर लोगों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए अध्यक्ष को खरी-खोटी भी सुनाई.

लोगों को भी बदलनी होगी धारणा
धार्मिक स्थलों पर होने वाले अन्नकूट आयोजन में पहुंचने वाले लोगों को भी अपनी धारणा बदलनी होगी. इस प्रसाद को पाने के लिए कई लोग अपने साथ बड़े-बड़े टिफिन लेकर पहुंच जाते हैं. कई लोग तो इतनी अधिक मात्रा में अन्नकूट ले जाते हैं कि उनके घर में एक वक्त भोजन का जुगाड़ हो जाता है. लोगों को यह सोच बदलनी हाेगी. प्रसाद को प्रसाद की तरह पाएंगे तभी प्रसाद की सार्थकर्ता सिद्ध होगी.
©सुमित सारस्वत
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दीपावली के दूसरे दिन क्यों होती है गोवर्धन पूजा ? क्या है यह अनछुआ रहस्य - Govardhan Puja on Diwali

✍🏻सुमित सारस्वत

पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की शरण में देवराज इंद्र के अभिमान को समाप्त किया और गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) की परंपरा शुरू की. तभी से लोग हर साल गोवर्धन पूजा कर रहे हैं. इस पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) और गोवर्धन जी को अन्नकूट बनाकर भोग लगाया जाता है.

भगवान श्री राम (Lord Ram) के वनवास से अवध (Ayodhya) लौटने की खुशी में मनाए जाने वाले दीपावली महापर्व (Diwali Festival) के दूसरे दिन ही गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है ? और कब से की जा रही है ? इसकी कहीं कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.

क्या है अन्नकूट ?
मान्यता के मुताबिक, गोवर्धन पूजा के शुभ अवसर पर लोग 56 या 108 प्रकार के पकवान बनाकर श्रीकृष्ण को भोग स्वरूप अर्पित करते हैं, इन्हीं पकवानों को 'अन्नकूट' कहा जाता है. इसके बिना गोवर्धन पूजा अधूरी मानी जाती है. अन्नकूट (Annakut Prasad) में कई तरह की सब्जियां, कढ़ी, चावल, खीर, पूड़ी, मिठाईयां, रबड़ी, पेड़े, मक्खन, मिश्री आदि तरह-तरह की चीजें बनाते हैं
. ©सुमित सारस्वत

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September 5, 2024

True Love Story: अगाध प्रेम की अनूठी मिसाल है यह प्रेमी युगल, एक ही दिन हुआ था दोनों का जन्म

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी श्री कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) कहलाती है और भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी राधा अष्टमी (Radha Ashtami) के नाम से विख्यात है. क्या यह एक अदभुत संयोग नहीं है कि श्रीकृष्ण जी का जन्म भी अष्टमी को हुआ था और उनकी प्राणप्रिया राधाजी भी अष्टमी को ही अवतरित हुई थी.

राधा रानी के प्रति श्रीकृष्ण के अगाध आत्मीय प्रेम की यह बड़ी और जीवंत मिसाल है. एक और खास बात यह है कि राधा का जन्म दिन में 12 बजे हुआ और कन्हैया का जन्म रात में 12 बजे हुआ. कृष्ण जन्म के उपलक्ष में जन्माष्टमी मनाई जाती है और राधाजी के जन्म उपलक्ष में राधाष्टमी.
आपको कृष्ण प्रिया श्री राधाजी के जन्म अष्टमी महापर्व की ढेरों बधाई..
©सुमित सारस्वत

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August 25, 2024

जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण के लिए क्या बोले राजस्थान सीएम भजनलाल शर्मा - CM Bhajanlal Sharma on Janmashtami

भारत देश में 26 अगस्त को भगवान श्री कृष्ण जन्म का पर्व जन्माष्टमी (Janmashtami) धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाएगा. इस पावन पर्व पर राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) ने प्रदेशवासियों को जन्माष्टमी की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.

सीएम शर्मा ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) ने निष्काम कर्म करने, शोषण एवं अन्याय का प्रतिकार करने तथा जरूरतमंद लोगों के कल्याण के लिए सदैव समर्पित रहने का संदेश दिया.

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे भगवान श्रीकृष्ण के महान आदर्शों को आत्मसात करते हुए समाज में भाईचारे की भावना को मजबूत करने तथा गरीब व उपेक्षित की मदद करने का संकल्प लें. ©सुमित सारस्वत

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December 23, 2023

Khatu Shyam News: 26 दिसंबर को खाटू पहुंचेगा पैदल जत्था, रिंगस से पदयात्रा में शामिल होंगे ब्यावर के 300 श्रद्वालु

ब्यावर से बाबा श्याम का दर्शन करने के लिए गया पैदल जत्था आगामी 26 दिसंबर को खाटू पहुंचेगा। रिंगस से यात्रा में ब्यावर शहर के करीब 300 से ज्यादा श्रद्वालु शामिल होंगे। हर्षोल्लास से झूमते हुए खाटू धाम पहुंचकर बाबा का सामूहिक दर्शन करेंगे।

जानकारी देते हुए सुमित सारस्वत ने बताया कि यह पदयात्रा गत 17 दिसंबर को ब्यावर (Beawar) में फतेहपुरिया चौपड़ स्थित श्री श्याम मंदिर (Shyam Mandir) से प्रारंभ हुई थी। मंदिर प्रमुख सुनील कौशिक ने रथ में सवार बाबा का पूजन कर यात्रा को प्रस्थान करवाया। करीब 80 श्रद्वालु (Devotees) पदयात्रा कर खाटू धाम (Khatu Shyamji) जा रहे हैं। इस यात्रा में 14 साल की अनन्या सक्सेना समेत 8 महिलाएं भी शामिल हैं। यात्री राजेंद्र सिंह, मनोज शर्मा, मोहन सिंह, श्याम सिंह, सीमा माहेश्वरी, डॉली सक्सेना, खुशबू सिसोदिया, दर्शना, वंदना, अनन्या, रूबी, गीतिशा, हर्ष गर्ग, यश सोलंकी, मयंक सिंहल, निशांत मंगल, विजय मंडोरा, उत्तम गर्ग, रौनक मेवाड़ा, निशांत खत्री, पवन खत्री व अन्य प्रतिदिन करीब 25 किलोमीटर पैदल यात्रा (Travel) कर रहे हैं।

शनिवार रात यात्रा का पड़ाव हरमाड़ा में रहा। रोजाना रात्रि पड़ाव के दौरान यात्री कीर्तन कर रहे हैं। भक्तों के साथ बाबा का रथ भी यात्रा में शामिल है। मार्ग में जगह-जगह विभिन्न संस्थाएं और आमजन शीश के दानी का पूजन कर यात्रियों (Tourist) का स्वागत कर रहे हैं। ©सुमित सारस्वत


यह भी पढ़ें- मुंबई से ब्यावर पहुंची निशान पदयात्रा


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August 23, 2019

यहां भगवान कृष्ण को 21 तोपों से देते हैं सलामी, 400 साल से चली आ रही अनूठी परंपरा - Amazing Temple of Lord Krishna

भगवान श्री कृष्ण को प्रेम और मित्रता की मिसाल माना जाता है। भारत ही नहीं, पूरे विश्व में भगवान श्री कृष्ण के कई मंदिर हैं। ठाकुरजी का एक मंदिर ऐसा भी जहां भगवान श्री कृष्ण की पूजा सात साल के बालक रूप में होती है। यह मंदिर है राजस्थान के नाथद्वारा शहर में स्थित श्रीनाथजी का पावन धाम।


श्रीनाथजी भगवान श्रीकृष्ण के अवतार हैं, जो सात साल के बालक के अवतार में यहां विराजमान हैं। श्रीनाथ जी का यह मंदिर लेक सिटी उदयपुर सेे करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। श्रीनाथद्वारा में भगवान कृष्ण के जन्म का स्वागत एक अनोखे ढंग से किया जाता है। यहां जन्माष्टमी पर भक्त 21 तोपों की सलामी देकर अपने ईश्वर का जन्मोत्सव मनाते हैं।

वीडियो में देखें- कैसे देते हैं तोपों से सलामी

कृष्ण जन्माष्टमी मनाने की यह परंपरा यहां सालों से इसी तरह चली आ रही है। यहां 400 साल पुरानी तोपों से भगवान को 21 सलामी दी जाती है। इन तोपों से गोलों को उसी परम्परा और विधि से दागा जाता है जैसा सालों पहले दागा जाता था। इन तोपों से गोले भगवान श्रीनाथ जी के गार्ड ही दागते हैं।

वीडियो में देखें- बाल कृष्ण की नटखट लीलाएं

श्रीनाथजी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की काले रंग की संगमरमर की मूर्ति है। इस मूर्ति को केवल एक ही पत्थर से बनाया गया है। इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपने एक हाथ पर उठाए दिखाई देते हैं और दूसरे हाथ से भक्तों को आशीर्वाद देते हुए नजर आते हैं।

वीडियो में देखें- कैसे होता है कृष्ण का अभिषेक

माना जाता है कि मेवाड़ के राजा इस मंदिर में मौजूद मूर्तियों को औरंगजेब से बचाकर गोवर्धन की पहाड़ियों से यहां लाए थे। ये मंदिर बारहवीं शताब्दी में बनाया गया था। जब औरंगजेब श्रीनाथ जी की मूर्ति को खंडित करने मंदिर में आया तो यहां पहुंचते ही अंधा हो गया था। तब उसने अपनी दाढ़ी से मंदिर की सीढ़ियां साफ करते हुए श्रीनाथ जी से विनती की और ठीक हो गया। उसके बाद औरंगजेब ने एक बेशकीमती हीरा मंदिर को भेंट किया था जिसे हम आज श्रीनाथ जी के दाढ़ी में लगा देखते हैं। अगर आपने नाथद्वारा के श्रीजी बाबा का दर्शन नहीं किया है तो जल्द ही कार्यक्रम बनाइए और ठाकुरजी का दिव्य दर्शन कर आइए।
-सुमित सारस्वत, मो.09462737273

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June 14, 2019

मित्रता की मिसाल है कृष्ण-सुदामा | Bhagwat Katha in Ramdwara Day 7



ब्यावर रामद्वारा में आयोजित श्रीमद भागवत कथा का शुक्रवार को विराम हुआ। संत गोपालराम रामस्नेही ने भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा का चरित्र सुनाते हुए कहा कि कृष्ण व सुदामा मित्रता की मिसाल है। विपरित परिस्थिति में साथ निभाए वही सच्चा मित्र है।

संत ने कहा कि भागवत सभी वेदों का सार है। भागवत श्रवण से मनुष्य के विचार शुभ होते हैं। सकारात्मक विचारों से ही जीवन सुखमय होता है। उन्होंने नशामुक्ति का संदेश देते हुए कहा कि नशा नाश का कारण है। भागवत कथा औषधि के समान है। जो सभी पापों का नाश करती है। कथा में सिरोही से पधारे संत मनसुख रामस्नेही ने भी विचार रखे। सिमरन ने श्रीकृष्ण, काव्या ने रुक्मणि व रमेशचंद्र ने सुदामा का रूप धरकर प्रसंग का सजीव मंचन किया। गायक विष्णु चतुर्वेदी व गोपाल चतुर्वेदी ने भजनों की प्रस्तुति दी। एंकर सुमित सारस्वत ने मंच संचालन किया। आयोजक सीता देवी, अजय अग्रवाल, प्रेम जिंदल, रामद्वारा ट्रस्ट के रामप्रसाद मित्तल, राजेंद्र गर्ग, शिव रायपुरिया, मांगीलाल कंदोई ने महाराज का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। कथा में निधि, सीमा, मोनिका, मनीषा, राधा चतुर्वेदी, अंजू गर्ग, आशा गोयल, निखिल जिंदल, सुनील जिंदल, रमेश चौहान सहित बड़ी संख्या में भक्तों ने धर्मलाभ लिया।
-सुमित सारस्वत, मो.09462737273

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June 13, 2019

जीवात्मा और परमात्मा का मिलन ही रास | Bhagwat Katha in Ramdwara Day 6


ब्यावर रामद्वारा में आयोजित भागवत कथा में गुरुवार को कृष्ण-रुक्मणि विवाह उत्सव मनाया गया। संत गोपालराम महाराज ने कहा कि जीवात्मा और परमात्मा का मिलन ही रास है। ठाकुरजी सर्वत्र हैं। इन्हें कण-कण में महसूस कीजिए।

 
संत ने विवाह प्रसंग सुनाते हुए कहा कि लौकिक संबंध प्रभु से जोड़ लो तो श्रेष्ठ बन जाओगे। गोपियों ने संसार को परमात्मा से प्रेम करना सीखाया। सच्चा प्रेम परमात्मा से ही संभव है। यह आनंद व सुख देता है। उन्होंने कहा कि जीवन में एक पंथ, एक ग्रन्थ और एक संत का होना आवश्यक है। कथा में अशोक अग्रवाल ने श्रीकृष्ण व मोनिका ने रुक्मणि के रूप में विवाह प्रसंग का सजीव मंचन किया। विष्णु चतुर्वेदी ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी। एंकर सुमित सारस्वत ने मंच संचालन किया। रामद्वारा ट्रस्ट, सेवा समिति, अजय अग्रवाल, प्रेम जिंदल की ओर से संत का दीक्षा दिवस के मौके पर शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया गया। सीता देवी, महेश अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, किशन पालीवाला, गोविंद बिहाणी, वासुदेव, रानी ने महाराज का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। इस मौके पर निखिल जिंदल, सीमा, निधि, मनीषा, अमित बंसल सहित कई श्रोताओं ने धर्मलाभ लिया। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273

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June 12, 2019

बेटियों से दुराचार चिंताजनक | Bhagwat Katha in Ramdwara Day 5

ब्यावर रामद्वारा में श्रीमद भागवत कथा संत गोपालराम महाराज ने बेटियों पर बढ़ रहे अत्याचार पर चिंता जताई। समाज में बेटियों के साथ दुराचार की घटनाएं दिनोंदिन बढ़ रही है। अपराधियों में सजा का भय समाप्त सा हो गया है। इसे रोकने के लिए युवा पीढ़ी को धर्म से जोड़ना जरूरी है। बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ सामाजिक शिक्षा देना बेहद आवश्यक है।
संत ने मोबाइल के बढ़ते उपयोग को भी घातक बताया। वे बोले, मोबाइल आने से मुस्कुराहट खो गई है। माता-पिता से ज्यादा प्यारा मोबाइल हो गया है।
कथा प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जो आनंद दे वही नंद और जो यश दे वही यशोदा है। कृष्ण की बाल लीलाओं के साथ गोवर्धन लीला का गुणानुवाद किया गया। विष्णु चतुर्वेदी ने बिरज की गलियन में नाचे जोगी मतवाला.., आज म्हारा कानूड़ा ने कई हो ग्यो.., सांवरिया थारा नाम हजार.. जैसे भजनों की प्रस्तुति दी तो भक्त झूम उठे। एंकर सुमित सारस्वत ने मंच संचालन किया। रामद्वारा महिला मंडल, रामअवतार अग्रवाल, गोपाल मित्तल, अशोक अग्रवाल, रुद्र झंवर, गोपाल चतुर्वेदी ने महाराज का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। कथा में आयोजक सीता देवी, अजय, ललित, रमेश, सत्यनारायण, विष्णु, रानी, मोनिका, सीमा, निधि, प्रेम जिंदल, निखिल जिंदल, अनिल खींचा, अमित बंसल, रामप्रसाद मित्तल, ओमप्रकाश दगदी, रामलाल लालनेचा, धर्मीचंद शर्मा, अंजू चतुर्वेदी, अंजू गर्ग, राधा चतुर्वेदी, प्रियंका, कोमल सहित बड़ी संख्या में भक्तों ने धर्मलाभ लिया। गुरुवार को कृष्ण-रुक्मणि विवाह उत्सव मनाया जाएगा। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273

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June 11, 2019

सोने की चिड़िया नहीं, अब भारत सोने का टाइगर है | Bhagwat Katha in Ramdwara Day 4

  • रामद्वारा में हुआ कृष्ण जन्म
  • बधाई गीतों पर झूमे भक्त
धार्मिक नगरी ब्यावर रामद्वारा में आयोजित श्रीमद भागवत कथा में संत गोपालराम रामस्नेही ने कहा कि प्राचीन समय में भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। अब भारत चिड़िया नहीं, सोने का टाइगर है।


संत ने कहा कि पहले अहिंसा हमारा परम धर्म था। हम शांतिप्रिय थे। अब भारत अहिंसा वाला देश नहीं रहा है। अब तो अगर कोई आतंकी हिंसा फैलाएगा तो हम सर्जिकल स्ट्राइक कर दुश्मन को घर में घुसकर मारेंगे। महाराज ने संदेश दिया कि किसी भी तरह का अपराध नहीं करें। जीवन को सदकार्यों में लगाएं।

यशोदा के हुयो देखो लाल..
चतुर्थ दिवस कथा में वामन अवतार, राम अवतार व कृष्ण जन्म प्रसंग सुनाया गया। इस मौके पर धूमधाम से नंद उत्सव मनाया गया। भक्तों को बधाईयां बांटी गई। विष्णु चतुर्वेदी ने चारों ललवा प्रगट भये आज, अवध में लडुआ बंटे.., यशोदा के हुयो देखो लाल.. जैसे बधाई गीतों की प्रस्तुति दी तो भक्त झूम उठे। गर्व सोलंकी ने बालकृष्ण, रमेशचंद्र अग्रवाल ने वासुदेव, मनीष अग्रवाल ने नंदबाबा व सीमा अग्रवाल ने यशोदा का रूप धरकर पौराणिक प्रसंग को साकार किया। एंकर सुमित सारस्वत ने मंच संचालन किया।


सजेगी छप्पन भोग की झांकी
कथा में सुनील सिंहल, राजेश मुरारका, अमित बंसल, अनुपम रुणीवाल, सुनील जिंदल, जेपी शर्मा, निखिल जिंदल, राजेश रांका ने शॉल ओढ़ाकर संत का स्वागत किया। कथा में अजय अग्रवाल, सीता देवी, रानी अग्रवाल, मनीषा अग्रवाल, सुनीता सिंहल, अंजू गर्ग, रेखा शर्मा, नीलम बंसल, निधि मित्तल, मोनिका गुप्ता, प्रियंका, प्रेम जिंदल, रामप्रसाद मित्तल, ओमप्रकाश दगदी, धर्मीचंद शर्मा, रमेश चौहान सहित बड़ी संख्या में श्रोताओं ने भाग लिया। बुधवार को माखन चोरी, छप्पन भोग व गोवर्धन लीला प्रसंग का गुणानुवाद होगा। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273




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June 10, 2019

राजनीति में धर्म का होना श्रेष्ठ | Bhagwat Katha in Ramdwara Day 3


संत गोपालराम रामस्नेही ने कहा कि राजनीति में धर्म का होना श्रेष्ठ है। इससे राष्ट्र का उत्थान होगा। खुशी है कि वर्तमान संसद में कई संत-महात्मा पहुंचे हैं। वे ब्यावर रामद्वारा में आयोजित संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन प्रवचन दे रहे थे।


संत ने कहा कि राजनीति में धर्म से जुड़े संत-महात्माओं के आने से राष्ट्र का शुभ होगा। मूल भारत का गौरव पुन: स्थापित हो सकेगा। उन्होंने भक्त चरित्र व नृसिंह अवतार कथा सुनाते हुए कहा कि भक्ति में शक्ति है। भाव से पुकारो तो भगवान अवश्य आते हैं। भक्त प्रहलाद, मीरा, अहिल्या प्रमाण हैं। रक्षित अग्रवाल ने नृसिंह व दक्ष गुप्ता ने प्रहलाद का रुप धरकर सजीव मंचन किया।



कथा में आयोजक अजय अग्रवाल, रमेशचंद्र अग्रवाल, अशोक गुप्ता, महेश मित्तल, मनीष अग्रवाल, प्रेम जिंदल, सुनील जिंदल, निखिल जिंदल, विष्णु चतुर्वेदी, रमेश चौहान, सीता देवी, राधा चतुर्वेदी, पुष्पा डाणी, रानी अग्रवाल, मनीषा अग्रवाल, निधि मित्तल, सीमा अग्रवाल, मोनिका गुप्ता, गर्विता, सिमरन, काव्या सहित बड़ी संख्या में भक्तों ने धर्मलाभ लिया। मीडिया प्रभारी सुमित सारस्वत ने बताया कि मंगलवार को कथा में वामन अवतार, मत्स्य अवतार, राम अवतार व कृष्ण जन्म प्रसंग का गुणानुवाद होगा। इस मौके पर धूमधाम से नंदोत्सव मनाया जाएगा।

यह भी पढ़ें : द्रोपदी के चौदह पति
 
बेटों में बंट गए माता-पिता
संत ने सभ्य समाज में खुले वृद्धाश्रमों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि संस्कारों वाले देश हिंदुस्तान में वृद्धाश्रम खुलना बेहद शर्म की बात है। घरों में भी माता-पिता बेटों में बंट गए हैं। उन्हें 15 दिन बड़ा बेटा और 15 दिन छोटा बेटा रखता है। जिस माह 31 तारीख आती है माता-पिता को उपवास रखना पड़ता है। 
-सुमित सारस्वत, मो.09462737273

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June 9, 2019

समाज के लिए ठीक नहीं प्रेम विवाह | Bhagwat Katha in Ramdwara Day 2

ब्यावर के रामद्वारा में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन शिव-पार्वती विवाह उत्सव मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के संत गोपालराम महाराज ने प्रसंग सुनाते हुए कहा कि विवाह माता-पिता की सहमति से ही होना चाहिए। प्रेम विवाह का चलन समाज के लिए ठीक नहीं है।

संत ने कहा कि महात्मा आत्मा को परमात्मा से मिलवाने का कार्य करते हैं। मन को परमात्मा के चरणों मे लगाने के लिए गुरु मंत्र चाहिए। गुरु का मंत्र छोटा होता है लेकिन बड़ा ताकतवर होता है। भगवान के गुण गाने से परमात्मा की प्राप्ति होती है। महाराज ने कहा कि उन लोगों से बचना चाहिए जो सनातन धर्म के खिलाफ दुष्प्रचार करते हैं। सनातन धर्म श्रेष्ठ धर्म है जो मर्यादा और संस्कार सिखाता है।


सत्संग सुनने से मिलती है मुक्ति
संत ने कहा कि हम भगवान का स्मरण करना भूल जाएं, वही विपत्ति है। जब-जब दुःख का समय आए तो समझना परमात्मा से मिलन होगा। कुंती ने भगवान से दुःख मांगा था क्योंकि उन्हें पता था कि विपत्तियों में भगवान साथ रहेंगे। सत्संग सुनने मात्र से मुक्ति मिल जाती है। जहां कथा होती है वहां भगवान का वास होता है। इंसान भगवान को पाने के लिए भटक रहा है जबकि भगवान भक्तों के हृदय में ही है। अपनी अस्थियां गिरे उससे पहले ईश्वर से वास्ता जोड़कर मोक्ष का रास्ता निकाल लो।

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हर व्यक्ति करे ये चार सेवा
संत ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को चार प्रकार की सेवा अवश्य करनी चाहिए। पहली देह सेवा, दूसरी देश सेवा, तीसरी देव सेवा और चौथी दिल सेवा। कथा के बीच पीनी है तो प्याली हरि नाम वाली पी.., वृंदावन जाने को जी चाहता है.. जैसे मधुर भजनों पर श्रोता झूम उठे।
दक्ष गुप्ता ने शिव व गर्विता अग्रवाल ने पार्वती का रुप धरकर विवाह का सजीव मंचन किया। आयोजक अजय अग्रवाल, अमित बंसल, विजय पारीक, सुनील सिंहल, अनुपम रुणीवाल, राजेश मुरारका, राजेश रांका, निखिल जिंदल ने महाराजश्री का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। कथा में सीता देवी, प्रेम जिंदल, रानी अग्रवाल, मनीषा अग्रवाल, निधि मित्तल, सीमा अग्रवाल, मोनिका गुप्ता, वृति, अशोक गुप्ता, महेश मित्तल, मनीष अग्रवाल, काव्या, सिमरन सहित कई श्रोताओं ने धर्मलाभ लिया। सोमवार को भक्त प्रहलाद चरित्र और नृसिंह अवतार प्रसंग का गुणानुवाद होगा। कथा का समय प्रातः 8 से 11 बजे तक है। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273

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June 8, 2019

परमात्मा का साक्षात स्वरूप है भागवत | Bhagwat Katha in Ramdwara Day 1


ब्यावर शहर के रामद्वारा में शनिवार से संगीतमय श्रीमद भागवत कथा प्रारंभ हुई। अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के संत गोपालराम महाराज ने भागवत महापुराण व भगवद गीता में भेद बताते हुए कहा कि गीता भगवान द्वारा किया गया उच्चारण है जबकि भागवत परमात्मा का ही साक्षात स्वरूप है।


संत ने कहा कि काशी ज्ञान, अयोध्या त्याग, नेमिषारण्य तप और वृंदावन प्रेम की भूमि है। उन्होंने मिलता है सच्चा सुख केवल.. प्रार्थना से समझाया कि सुख सर्वत्र व्याप्त है मगर सच्चा सुख केवल परमात्मा की शरण में ही मिलता है। परमात्मा के पास रहने वाला व्यक्ति हर वक्त प्रसन्न रहता है। यहीं उसे सुख, चैन और शांति मिलती है। परमात्मा जिसे अपना लेता है उसे कभी नहीं छोड़ता। कथा प्रारंभ होने से पूर्व आयोजक सीता देवी, अजय अग्रवाल, प्रेम जिंदल, रानी अग्रवाल, निखिल जिंदल, निधि मित्तल, रमेश सिंहल ने महाराज का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। मंच संचालन सुमित सारस्वत ने किया।


इससे पूर्व सुबह कलश व शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ नवरंग नगर स्थित राधाकृष्ण मंदिर से प्रारंभ होकर छावनी रोड, भगत चौराहा, अजमेरी गेट होते हुए कथास्थल रामद्वारा पहुंची। यहां रामद्वारा ट्रस्ट की ओर से स्वागत किया गया। कथा में अशोक गुप्ता, महेश मित्तल, मनीष अग्रवाल, मोनिका गुप्ता, सीमा अग्रवाल, रामप्रसाद मित्तल, राजेंद्र गर्ग, धर्मीचंद शर्मा, ओमप्रकाश दगदी सहित बड़ी संख्या में श्राेताओं ने धर्मलाभ लिया। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273

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March 24, 2019

खेलन सखियन सो फाग मेरो लाला जावे सासरिए | Fag Bhajan

श्री विहार में धूमधाम से मनाया फाग उत्सव


फाल्गुन का महीना, श्रीजी बाबा का चित्ताकर्षक दरबार, फूलों की झमाझम बौछार और भजनों पर झूमते रसिया। मन को आनंदित कर देने वाला यह नजारा दिखाई दिया श्री विहार स्थित सतलज में। यहां रसिकों के रसिया रास बिहारी ठाकुर का सातवां विशाल फाग उत्सव आयोजित किया गया। इसमें श्री श्यामा श्याम वंदना परिवार की ओर से मधुर भजनों की मंदाकिनी बहाई गई। भक्तों ने 800 किलो फूलों से होली खेली।

आयोजक राकेश कीर्ति शर्मा ने बताया कि गायक गोपाल वर्मा ने भगवान गणेश व हनुमान वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके बाद सांवरिया आपा होली तो खेलां जी.., आज बिरज में होली रे रसिया.., रंग मत डाले रे सांवरिया.., रोज-रोज नहीं आना यह फागुण.., खेलन सखियन सो फाग मेरो लाला जावे सासरिए.. जैसे होली भजनों की सुमधुर प्रस्तुति देकर फाग की मस्ती लुटाई। ढोल और चंग की थाप के साथ घूमर और धमाल की धुनों पर भक्त झूम उठे। करीब चार घंटे तक लगातार रंग-बिरंगे फूल बरसते रहे। कार्यक्रम में पहुंचा हर भक्त अपनी उम्र और ओहदे को भूलकर झूमता हुआ फाग के रंग में रंगा नजर आया।


अतिथि के रूप में अयोध्या से आए संत उमाशंकर महाराज, नवनीत हेड़ा, एन.के. मिश्रा, एस.के. सोनी, सुमित सारस्वत, वंदना शर्मा, अंजू हेड़ा, नीरु सिंहल, अनुराग खुशबू जैन, के.के. जैन, सुनील गुप्ता, पंकज शर्मा, बृजवल्लभ पाराशर, मनोरंजन कुमार, श्याम खंडेलवाल, मनीषा गर्ग, कुसुम मालू, वर्षा तापड़िया, आशा मूंदड़ा, रेणु जागेटिया, ताशु अग्रवाल, उर्मिला भाटी, श्याम शर्मा, मुकेश दाधीच, मोनू अरोड़ा, हेमंत शर्मा, सतीश गर्ग, संजय घीया, विजय तंवर, अनिरुद्ध शर्मा, मुकेश टांक, दिनेश गोयल, मनीष जैन ने शिरकत की। रवि शर्मा, रजनीश माहेश्वरी, नवनीत पाराशर, नरसिंह तंवर, संतोष गुप्ता ने फूलों से ठाकुरजी का आकर्षक दरबार सजाया। आरती के बाद सभी को विशेष भेंट स्वरूप प्रभु का नजराना दिया गया।

कार्यक्रम में सुरेंद्र शर्मा, गिरिजा शंकर, मुरली मनोहर, राजेंद्र शर्मा, विजय शर्मा, दीनदयाल, राजेश हेड़ा, अशोक पसारी, तारा सोनी, रेणु मिश्रा, प्रीति शर्मा, सुनीता हेड़ा, संगीता पसारी, ज्योति स्वरूप, राजेश शर्मा, प्रिंसी, रितिका, कंचन, अलका, पिंकी, सुनीता, ऊषा, कीर्ति, रेणु सहित जयपुर, जोधपुर, पाली, गुड़गांव, जैतारण, रास व ब्यावर के गणमान्य लोगों ने भाग लिया।
 -सुमित सारस्वत, मो.09462737273
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September 29, 2018

कालिया नाग का काल बने कृष्ण | Kaliya Mardan


राजस्थान की धार्मिक नगरी ब्यावर के सुभाष उद्यान में आयोजित रसमयी रासलीला में कालिया नाग मर्दन की लीला का मंचन किया गया। स्वामी सीताराम शर्मा ने कहा कि श्रीकृष्ण की हर लीला, हर कर्म अपने आप में कोई न कोई संदेश छुपाए है। अगर आपने संदेश को जान लिया तो समझो श्रीकृष्ण को जान लिया। ऐसी ही एक लीला थी कालिया मर्दन की। कालिया नाग के फन पर सवार होकर नृत्य करने की।

उन्होंने कहा कि कालिया नाग मानो अपने भीतर मौजूद अहंकार हो। हमारा अहंकार निरंतर फुफकार मार रहा है। हमारे आसपास कोई आ नहीं सकता। लेकिन अहंकार के कालिया नाग को मिटना पड़ता है। कृष्ण इस अहंकार के फन पर खड़ा है। जीवन यमुना से वह इस कालिया नाग को भगा देता है। जीवनरूपी गोकुल के द्वेष मत्सर के बड़वानल को श्रीकृष्ण निगल जाता है। वह दंभ, पाप के राक्षसों को नष्ट कर देता है।



रासलीला में कृष्ण ने गोपियों के साथ महारास व मयूर नृत्य भी किया। संयोजक रामगोपाल अग्रवाल, मुन्नालाल प्रजापति, सुमित सारस्वत, शंकरलाल प्रजापति ने ठाकुरजी का पूजन किया।


रासलीला में गोपाल चतुर्वेदी, सुगनचंद दगदी, देवाराम कुमावत, विष्णुकांत अवधिया, सुनील सिंहल, मिथलेश अग्रवाल, साधना सारस्वत, सुमित्रा प्रजापति, सुनीता कुमावत, जसोदा अग्रवाल, हर्षिता गोयल, लक्ष्मी शर्मा, पार्वती गोयल, विजयलक्ष्मी अग्रवाल, नीता कुमावत, पूजा प्रजापति, श्वेता बंसल, कल्याणीअवधिया, प्रमिला शर्मा, भारती कुमावत, पिंकी अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, ज्योति अग्रवाल, माधुरी बंसल, रवि शर्मा, गिरधर पाराशर, चंद्रशेखर, गोविंद, भगवान सहित बड़ी संख्या में रसिक भक्त शामिल हुए। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273
 
 
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परम सुख दाता है कृष्ण | Krishna Leela


मानव कल्याण सेवा संस्थान की ओर से ब्यावर के सुभाष उद्यान में रसमयी रासलीला का आयोजन हो रहा है। इसमें वृंदावन से आए लोक कलाकार भगवान श्रीकृष्ण द्वारा द्वापर युग में की गई लीलालों का सजीव मंचन कर रहे हैं।

ठाकुरजी की लीला सुनाते हुए स्वामी सीताराम शर्मा ने कहा कि कृष्ण परम सुख दाता है। भगवान श्रीकृष्ण ने माखन चोरी लीला भी गोपियों को आनंद देने के लिए की थी। गोपियों के घर में सखाओं के साथ बालकृष्ण की माखन चोरी लीला देखकर श्रोता आनंदित हो गए। ठाकुरजी ने सभी भक्तों को माखन मिश्री का प्रसाद दिया। संयोजक रामगोपाल अग्रवाल, मुन्ना प्रजापति, सुमित सारस्वत, नटवर अरोड़ा ने बालकृष्ण का पूजन किया।
रासलीला में मिथलेश अग्रवाल, साधना सारस्वत, सुमित्रा प्रजापति, सुनीता कुमावत, जसोदा अग्रवाल, हर्षिता गोयल, ज्योति अग्रवाल, लक्ष्मी शर्मा, तनीषा सोनी, प्रमिला शर्मा, भारती कुमावत, उषा बंसल, पिंकी अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, माधुरी बंसल, अंजू गर्ग, मीनू शर्मा, विजयलक्ष्मी सहित बड़ी संख्या में रसिक भक्त शामिल हुए।
-सुमित सारस्वत, मो.09462737273
 
 
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