बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आयोजित मानस मसान कथा के चतुर्थ दिवस रामकथा मर्मज्ञ संत मोरारी बापू ने भगवान शिव-पार्वती विवाह का विवाह प्रसंग हास्य-विनोद के साथ आनंद और उल्लास भरे वातावरण में सुनाया। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि बदलते वक्त में प्रेम को प्रकट करने का तरीका भी बदल गया है। एक लड़के ने लड़की को थप्पड़ मारा और वजह पूछने पर बताया, 'यह तो प्रेम है पगली। मैं तुमसे प्यार करता हूं।' इतना सुनकर लड़की ने लड़के की जोरदार पिटाई की और बोली- 'तुम क्या समझते हो, मैं तुमसे प्यार नहीं करती।' थप्पड़ का यह किस्सा सुनकर पांडाल में ठहाके गूंजने लगे। कथा के बीच ऐसे कई किस्से सुनाकर बापू ने सभी को हास्य आनंद से सराबोर किया। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273
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शादी के पहले बगीचे में घूमते हैं
शिव-पार्वती विवाह प्रसंग में बापू ने वर्तमान जीवन शैली पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि हस्त मिलाप के दौरान शिव ने पार्वती का हाथ थामा तो सभी को विश्वास हो गया कि वो पार्वती का जीवनभर ख्याल रखेंगे। पहले हस्तमिलाप से पता लग जाता था कि रिश्ता कितना चलेगा। आजकल लड़का-लड़की शादी से पहले ही हाथ पकड़कर बाग में घूमने चले जाते हैं। यह परंपरा उचित नहीं है।
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शादी में मुस्कुराओ
बापू ने कहा कि शादी में चारों तरफ खुशियां और आनंद का वातावरण होता है। फिर भी दूल्हा गंभीर हो जाता है। अरे भाई, शादी में मुस्कुराओ। बाद में गंभीर होना पड़ेगा। एक दिन मुस्कुरा लो, बाद में रोना है। पत्नि विदाई के वक्त ही रोती है, बाद में..। यह सुनते ही सभी श्रोता तालियां बजाकर हंसने लगे।
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फोटो खिंचाने में आगे
बापू ने कहा कि फोटो खिंचाने में आगे रहो। भगदड़ में भागना हो तो पीछे रहो। भोजन की पंगत में बैठना हो तो बीच में बैठो। व्यंग्य करते हुए कारण भी बताया कि पीछे रहोगे तो फोटो में नहीं दिखोगे, आगे रहोगे तो भगदड़ में कुचले जाओगे और एक तरफ बैठे तो शायद भूखे रह जाओगे।
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शिव-पार्वती विवाह प्रसंग में बापू ने वर्तमान जीवन शैली पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि हस्त मिलाप के दौरान शिव ने पार्वती का हाथ थामा तो सभी को विश्वास हो गया कि वो पार्वती का जीवनभर ख्याल रखेंगे। पहले हस्तमिलाप से पता लग जाता था कि रिश्ता कितना चलेगा। आजकल लड़का-लड़की शादी से पहले ही हाथ पकड़कर बाग में घूमने चले जाते हैं। यह परंपरा उचित नहीं है।
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शादी में मुस्कुराओ
बापू ने कहा कि शादी में चारों तरफ खुशियां और आनंद का वातावरण होता है। फिर भी दूल्हा गंभीर हो जाता है। अरे भाई, शादी में मुस्कुराओ। बाद में गंभीर होना पड़ेगा। एक दिन मुस्कुरा लो, बाद में रोना है। पत्नि विदाई के वक्त ही रोती है, बाद में..। यह सुनते ही सभी श्रोता तालियां बजाकर हंसने लगे।
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फोटो खिंचाने में आगे
बापू ने कहा कि फोटो खिंचाने में आगे रहो। भगदड़ में भागना हो तो पीछे रहो। भोजन की पंगत में बैठना हो तो बीच में बैठो। व्यंग्य करते हुए कारण भी बताया कि पीछे रहोगे तो फोटो में नहीं दिखोगे, आगे रहोगे तो भगदड़ में कुचले जाओगे और एक तरफ बैठे तो शायद भूखे रह जाओगे।
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