उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आयोजित संत मोरारी बापू की रामकथा में पहुंचे। गोरख पीठाधीश्वर योगी ने यहां 16 मिनट के संबोधन में राम के जीवन से प्रेरणा लेने का संदेश दिया।
उन्होंने कहा, मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के बिना भारत की कल्पना संभव नहीं है। बापू ने ठीक कहा था कि हम मिलते हैं तो राम राम, विदा होते हैं तो भी राम राम, किसी अभियान में निकलते हैं तो जय श्रीराम और अंतिम यात्रा में निकालते हैं तो राम नाम सत्य है के नाम पर अंतिम यात्रा भी निकलती है। भारत में ही नहीं दुनिया के अंदर अनेक देशों में मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पावन लीला को मंच के माध्यम से देख और समझ सकते हैं। जब भी बापू की कथा में जाने का सौभाग्य प्राप्त होता है तो अक्सर देखता हूं कि कथा में बजरंग बली विराजमान होते हैं। एक दिन उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से बातचीत हो रही थी। उन्होंने कहा कि रामकथा में बजरंग बली की हनुमान चालीसा में अद्भुत शक्ति है। महर्षि वाल्मिकी से लेकर संत तुलसीदास तक की इस पावन यात्रा को भारत की हर भाषा में लिखा गया है। उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में सरकार के सहयोग से रामायण मेलों का आयोजन होता है। हमने कहा, इन मेलों में रामकथा को चर्चा-परिचर्चा का विषय बनाया जाना चाहिए।
मुस्लिम की उपासना इस्लाम, राम पूर्वज
दीपावली अयोध्या ने ही देश-दुनिया को दी। दीपावली के इस आयोजन को अदभुत रूप में प्रदर्शित कर सकें यह हम सबके लिए चुनौती थी। सरकार इसमें शामिल हो तो सांप्रदायिकता का आरोप लगता है। इसके बावजूद हमने इसे मनाया और सांप्रदायिकता के कलंक से मिटने के लिए काम किया। दुनिया के जिन देशों में रामलीला होती है उन्हें भी आमंत्रित किया। हमने इंडोनेशिया और श्रीलंका की रामलीला को भी बुलाया। इंडोनेशिया इसलिए क्योंकि यह दुनिया में सबसे बड़ा मुस्लिम देश है। जितने भी रामायण के पात्र बने थे वे सभी मुस्लिम थे। मैंने उनसे पूछा, रामायण में हनुमान, राम, सीता बनने में संकोच नहीं तो उन्होंने कहा कि इस्लाम हमारी उपासना विधि है लेकिन राम हमारे पूर्वज हैं। अपने पूर्वज के साथ संबंध विच्छेद नहीं कर सकते। रामलीला इंडोनेशिया का राष्ट्रीय पर्व है। वहां नोट पर गणपति छपते हैं। विष्णु की सवारी गरूड़ को नेशनल एयरलाइंस बनाया है। उपासना बदलने से पूर्वज नहीं बदलते हैं और इसलिए वहां के मुस्लिम श्रद्धा भाव के साथ रामलीला करते हैं। श्रीलंका की रामायण में सिंहनी भाषा में संस्कृत के साथ संवाद किया।
साकार होगी रामराज्य की परिकल्पना
काशी की धरती आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरती है। राम का संबंध अयोध्या के साथ काशी की धरती से भी है। तुलसीदासजी को इसी धरती ने रामचरितमानस लिखने की प्रेरणा दी। भगवान राम की पावन कथा को काशी में सुनने का अवसर प्राप्त हो तो जीवन के चारों पुरूषार्थ पूरे हो जाते हैं। यह कथा हर देश, काल, परिस्थिति में देश और जीवन का मार्गदर्शन करती है। कथा मोरारी बापू जैसे दिव्य संत के श्रीमुख से सुनने का अवसर प्राप्त हो तो जन और जीवन धन्य-धन्य हो जाता है। कथा में बापू के दिशा-निर्देश अनुकरणीय है। इससे रामराज्य की परिकल्पना साकार होगी।
गंगा अविरल और निर्मल रहे
गंगा के तट पर कथा हो रही है। इसकी अविरलता और निर्मलता बनाए रखने में सभी का सहयोग चाहिए। 2017 में प्रयागराज में कुंभ का आयोजन है। तब तक गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए सभी को प्राण और प्रण से जुटना है। मैं विश्वास व्यक्त करता हूं कि पूज्य बापू का सानिध्य और कृपा राम कथा के माध्यम से उत्तर प्रदेश की जनता पर, प्रत्येक सनातन हिंदू धर्मावलंबी पर और इस देश के प्रत्येक नागरिक पर सदैव बनी रहे। योगी के संबोधन के दौरान श्रद्धालु जय श्री राम और हर-हर महादेव के जयघोष लगा रहे थे। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273
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