वाराणसी में आयोजित रामकथा में संत मोरारी बापू ने एक बार फिर महिला हितों के लिए आवाज बुलंद की है। बापू ने कहा कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को अपवित्र मानकर पूजा से रोका जाता है। महिलाओं पर प्रतिबंध लगाना अनुचित है। उन्होंने कहा कि महिलाओं में शारीरिक परिवर्तन एक प्रक्रिया है। समाज उसे अशुद्ध ना समझे।
'औरत ने जन्म दिया मर्दों को, मर्दों ने उसे बाज़ार किया' सुनाते हुए बापू ने सवाल उठाया कि पुरुष खुद भी पूर्ण पवित्र नहीं होता है। फिर भी मंदिर जाता है और सभी धार्मिक कार्य करता है। महिलाओं को भी पुरुष के समान अधिकार है। समाज ने महिलाओं पर गलत प्रतिबंध लगाए हैं। बापू ने महिलाओं को सलाह दी कि मासिक धर्म के दौरान धर्म से दूर ना रहें।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर गहराए विवाद के बीच गत फरवरी माह में नई दिल्ली के राजघाट पर कथा के दौरान बापू ने कहा था कि किसी भी मंदिर में प्रवेश करने या पूजा करने से महिलाओं को रोका नहीं जाना चाहिए। जिस घर में महिलाओं की इज्जत होती है वहां देवताओं का वास होता है। मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश पर बैन को बापू महिलाओं का अनादर समझते हैं। -सुमित सारस्वत
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर गहराए विवाद के बीच गत फरवरी माह में नई दिल्ली के राजघाट पर कथा के दौरान बापू ने कहा था कि किसी भी मंदिर में प्रवेश करने या पूजा करने से महिलाओं को रोका नहीं जाना चाहिए। जिस घर में महिलाओं की इज्जत होती है वहां देवताओं का वास होता है। मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश पर बैन को बापू महिलाओं का अनादर समझते हैं। -सुमित सारस्वत
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