सत्य, प्रेम, करुणा की ज्ञान गंगा अविरल बहती हुई गुजरात राज्य के सूरत शहर में पहुंची। यहां भारतीय सेना के जवानों और शहीदों के सम्मान में आयोजित 'मानस शहीद' रामकथा का आरंभ राष्ट्र भक्ति के साथ हुआ। अंतर्राष्ट्रीय संत मोरारी बापू ने कथा स्थल पर 150 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराकर सलामी ली। सभी ने सामूहिक राष्ट्र गान गाया। जय सिया राम व भारत माता की जय के गगनभेदी जयघोष गूंजे। हाथों में तिरंगा लहराते हुए सैनिक व शहीद परिवार के सदस्य पवित्र पोथी लेकर व्यासपीठ पर पहुंचे और पोथी पूजन किया। आध्यात्म भक्ति के साथ राष्ट्र भक्ति का अनूठा संगम देखकर सभी रोमांचित हो उठे।
कर्ण भूमि पर नौ दिवसीय मानस शहीद कथा के प्रारंभ में रामचरितमानस के किष्किन्धा काण्ड के अंतिम भाग की चौपाई 'कह अंगद बिचारि मन माहीं। धन्य जटायु सम कोउ नाहीं।। राम काज कारन तनु त्यागी। हरि पुर गयउ परम बड़ भागी।।' गाते हुए बापू ने कहा कि आध्यात्म जगत में पहला शहीद जटायु था। रामकथा में माता जानकी की रक्षा के लिए जटायु शहीद हो गए। बापू ने बताया कि शहीद पांच प्रकार के होते हैं। पहला पारिवारिक शहीद जो परिवार को बचाने के लिए कुर्बानी दे। दूसरा सकल समाज के लिए बलिदान हो। तीसरा सकल राष्ट्र के लिए जो सरहद पर बलिदान दे। चौथा वैश्विक शहीद जो सम्पूर्ण विश्व के लिए जान दे। पांचवा अखंड ब्रह्माण्ड के लिए शहीद हो। बापू ने इंडियन आर्मी को दुनिया में सबसे श्रेष्ठ आर्मी बताते हुए भारतीय सैनिकों की सराहना की।
बापू ने कथा में 1971 के युद्ध और कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए जवानों
को भी याद किया। बोले, हम शहीद जवानों के लिए कुछ नहीं कर सकते, परंतु
प्रार्थना तो जरूर कर सकते हैं। मेरी इच्छा है कि एक दिन मैं सरहद पर
सैनिकों के तंबू में बैठकर उनके लिए माला का जाप करूं। कारगिल युद्ध के
दौरान भी उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने मुझसे तंबू में बैठकर माला
जपने को कहा था, परंतु तकनीकी असुविधा के कारण यह संभव नहीं हो पाया। कथा से पहले शनिवार दोपहर रामकथा का मंगलाचरण और भव्य पोथीयात्रा निकाली गई। मिलिट्री परेड की थीम पर सरथाणा स्थित अनंत फार्म से पोथीयात्रा निकली। इसमें हजारों लोग शामिल हुए। 101 कलशधारी महिला पोथीयात्रा में शामिल हुईं। आर्मी बैंड के ताल पर एनसीसी की दो टीमें शामिल थी। इसमें हाथी, घुड़सवार टीम, बुलेट सवार टीम, ढोल वाद्य, देशभक्ति गीत संग पोरबंदर की प्रसिद्ध शौर्य रास की प्रस्तुति दी गई। कथा के मुख्य यजमान ननुभाई सावलिया के निवास स्थल रंगोली सजाकर बापू का स्वागत किया गया। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273
परमवीर चक्र सम्मानित सैनिकों का सम्मान
परमवीर चक्र विजेता जम्मू केके बाना सिंह, नायब सूबेदार संजय कुमार को बापू ने स्मृति चिन्ह देकर भेंट कर सम्मानित किया। शहीद विक्रम बत्रा, शहीद लायंस नायक गोपाल भादोरिया, प्रदीप सिंह कुशवाहा और मेजर ऋषिकेश रामाणी का डॉक्यूमेंट्री वीडियो सभी को दिखाया गया। इसके बाद मारुति वीर जवान ट्रस्ट की ओर से शहीदों के परिजन को स्मृति चिन्ह एवं आर्थिक सहयोग राशि का चैक देकर सम्मान किया गया।
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