रामगंगा के तट पर बसे भगवान शिव की नाथ नगरी बरेली में मानस अपराध रामकथा के प्रथम दिन संत मोरारी बापू ने कहा कि अपराधों की बहुत बड़ी लिस्ट है। लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि आप और हम चार तरह के अपराध न करें। यदि शांति पानी है, प्रसन्नता प्राप्त करनी है तो। पहला, देह का अपराध कभी न करें। देश के लिए, धर्म के लिए, मोहब्बत के लिए देह बहुत जरूरी है। दूसरा, देव का अपराध न करें। हालांकि परमात्मा नाराज नहीं होते लेकिन करना नहीं चाहिए। तीसरा, देश का अपराध न करें। याद रखें जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है। देह, देव और देश का अपराध कभी मत करना। और अगर यह अपराध हो भी जाए तो मोरारी बापू आपसे प्रार्थना करता है कि किसी के दिल का अपराध कभी न करना। मानस का अर्थ है दिल। दिल का अपराध न करें। यह बड़ा अपराध माना जाएगा।
हम इन नौ दिनों में महाभारत की घटनाओं को याद करते हुए अपराध पर चर्चा करेंगे। डरने के लिए नहीं, डराने के लिए नहीं, इसलिए कि हम इससे मुक्त हो सकें। अपराधों से ग्रस्त इस दुनिया में नौ दिन परमात्मा ने हमें दिए हैं। इसके बारे में हम चर्चा करें। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273
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