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March 26, 2017

राधा व रासबिहारी संग थिरकी रसिकाएं

रसिका मंडल का विशाल फाग महोत्सव आयोजन
कार्यक्रम में रंगों से सजा सुंदर आकर्षक दरबार।
ब्यावर। रसिका मंडल की ओर से गुर्जर गौड़ छात्रावास में विशाल फाग महोत्सव आयोजित किया गया। इसमें रासबिहारी व राधारानी ने रंगों के साथ आनंद से सराबोर किया तो वहीं संस्कृति को साकार करते हुए गणगौर पर्व की छटा बिखेरी गई। के.सुदामा भजन मंडल के गायक भागचंद चौहान व महेंद्र सांखला ने सुमधुर भजनों की सरिता बहाई। वृंदावन मच रही धूम, होली खेलन दे.., होलिया में उड़े रे गुलाल, राधा को रंग केसरिया.., लूट के ले गया दिल जिगर सांवरा जादूगर., बंशी जोर की बजाई नंदलाला.. जैसे भजनों पर सभी झूम उठे। श्वेता भराडिय़ा ने कृष्ण व कृष्णा झंवर ने राधा का मनमोहक रूप धरकर वृंदावन होली का रंग बिखेरा। रीना बंसल व रेखा गोयल ने भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुति में राधा-कृष्ण की अठखेलियां दिखाई तो सभी आनंदित हो उठे। फूल और गुलाल की बौछार के बीच जानवी जोशी ने बीरबल बनकर घूमर नृत्य से बादशाह मेले की रंगत बिखेरी। भंवर म्हाने पूजण दयो गणगौर.. गीत पर मधु जोशी, दीप्ति चौखानी, सुनीता हेड़ा, निधि झंवर, अंजू मूंदड़ा ने ईसर-गणगौर की पूजा कर राजस्थानी संस्कृति को साकार किया। कार्यक्रम का निर्देशन व संचालन सुमित सारस्वत ने किया। कार्यक्रम में संध्या प्रजापति, सिमलेश नंदनी, साधना सारस्वत, कांता बंसल, मोना मेहता, अंजू गर्ग, पायल अग्रवाल, शिल्पा जोशी, धर्मवती लाटा, प्रीति झंवर, रितु माहेश्वरी, सारिका यादव, अंजू हेड़ा, कमलेश बंट, वंदना शर्मा, इंदु व्यास, इंदु जोशी, स्वाति गर्ग, आशा बाबेल, संध्या कोकलिया, रेखा सोनी, नीलम चौहान, नूतन लाटा, समता गोयल, रेणु घीया, बीना सिंहल सहित कई महिलाओं ने भाग लिया। 
राधा कृष्ण का मनमोहक शृंगार व भावपूर्ण प्रस्तुति। 
होली गीत पर नृत्य प्रस्तुति में अठखेलियों ने किया आनंदित।

 बीरबल का घूमर नृत्य रहा आकर्षण का केंद्र।
कार्यक्रम में भजनों की प्रस्तुति देते के.सुदामा मण्डल के गायक। 
सफल मंच संचालन करते उद्घोषक सुमित सारस्वत।

कार्यक्रम में शिरकत करती महिलाएं। 

फाग उत्सव का आनंद लेती महिलाएं। 
भजनों पर झूमती मंडल की महिलाएं। 

कान्हा संग झूमती रसिका।
सुन्दर आयोजन की सुनहरी यादें संजोती महिलाएं। 

चंग के साथ फागुण की मस्ती में मुस्काती सखियां। 
सुन्दर आयोजन के लिए सुमित सारस्वत को सम्मानित करती रसिका मंडल की सदस्य।
भव्य आयोजन के बाद रसिका मण्डल ने यूं मनाई खुशियां। 


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March 9, 2017

दिल करता है श्याम की मस्ती में खो जाऊं..

देर रात तक भजनों पर झूमे श्याम भक्त

फागण की शीतल रात, श्याम बाबा का भव्य दरबार, इत्र की खुशबू से महकता माहौल और भजनों की सरिता में गोते लगाते भक्त। अवसर था फाल्गुन एकादशी के मौके पर फतेहपुरिया चौपड़ स्थित श्याम मंदिर में आयोजित विशाल भजन संध्या का। यहां श्यामा श्याम वंदना परिवार ने देर रात तक सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी तो भक्त झूम उठे। श्याम भक्तों ने भगवान के साथ फूलों से जमकर होली खेली।
गणेश वंदना से पूर्व पंडित विकास शर्मा व मनोज शर्मा ने खाटू नरेश का मनमोहक श्रृंगार कर ज्योत प्रज्जवलित की। गायक गोपाल वर्मा ने किस्मत वालों को मिलता है श्याम दरबार.., कीर्तन की है रात बाबा.., एक बार राधा बनकर देखो सांवरिया.. जैसे भावपूर्ण भजनों पर भक्त प्रभु के भाव में डूब गए। इसके बाद दिल करता है श्याम की मस्ती में खो जाऊं.., खाटू को श्याम रंगीलो.., म्हारा श्याम रंगीला फागण आ गयो.., श्याम के दरबार मची रे होली.. जैसे भजन सुनाकर कार्यक्रम को परवान चढ़ाया। सुनील कौशिक, मुकेश गर्ग, ओमप्रकाश खंडेलवाल, सुनिल सिंहल, अमित बंसल, विनेश कौशिक, सुमित सारस्वत, दिलीप बंसल, अशोक गोयल, गौरव गर्ग, चर्चित मंगल व अन्य भक्त फाग गीतों की धमाल पर झूम उठे। चंग की थाप पर मोनिका कौशिक, केतकी, सुनैना, कामिनी, उर्मिला भाटी, अंजू गर्ग, मनीषा गर्ग ने लोक नृत्य कर बाबा को रिझाया। कार्यक्रम में भक्तों ने श्याम प्रभु का पूजन कर अभिषेक किया। अंत में सभी भक्तों ने बाबा को गुलाल लगाते हुए जमकर आनंद लिया। कार्यक्रम में हेमेंद्र कौशिक, दिलीप खत्री, अनिरूद्व शर्मा, गोपाल शर्मा, सतीश गर्ग, आनंदी सोनी, साधना सारस्वत, पूनम खंडेलवाल, मंजू काबरा, ऊषा गर्ग, श्रवण भूतड़ा, पिंटू बंसल, यश खंडेलवाल, राजेंद्र काबरा, मनीष चौहान, सुनील जिंदल सहित सैंकड़ों श्याम भक्त शामिल हुए। गुरूवार को बारस पर्व मनाते हुए बाबा की महाआरती की गई। भक्तों ने ज्योति पाठ कर श्याम धणी के जयकारे लगाए।
श्याम संग खेलेंगे होली 
धुलंडी के दिन फतेहपुरिया चौपड़ स्थित श्याम मंदिर में महा फागोत्सव का आयोजन किया जाएगा। सभी भक्त बाबा के साथ रंग व गुलाल से होली खेलेंगे। यह उत्सव 13 मार्च को प्रातः 9 बजे प्रारंभ होगा।
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March 8, 2017

शान से निकली श्याम प्रभु की शोभायात्रा


खाटू नरेश के जयकारों से गूंजी गलियां


श्याम बाबा की शृंगारित प्रतिमा व शोभायात्रा में कलश धारण कर शामिल महिलाएं।
धर्मनगरी ब्यावर में कलयुगी अवतार बाबा श्याम के जन्मोत्सव मौके पर बुधवार को विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया गया। यह शोभायात्रा फतेहपुरिया चौपड़ स्थित श्याम मंदिर से प्रारंभ हुई। यहां से अग्रसेन बाजार, पाली बाजार, सरावगी मोहल्ला, डिग्गी मोहल्ला, भगत चौराहा, अजमेरी गेट होते हुए पुनः मंदिर पहुंची। शोभायात्रा में बाबा की सवारी के आगे 151 कलश धारण किए महिलाएं चल रही थी। मोनिका कौशिक, सुनैना कौशिक, शकुंतला गर्ग, साधना सारस्वत, अंजू गर्ग, केतकी कौशिक, रतना कौशिक, त्रिशा कौशिक, कौशल्या कौशिक, मनीषा गर्ग, इंदु जोशी, कांता गुजराती व अन्य महिलाओं ने मंगल गीत गाए। हेमेंद्र कौशिक, सुनिल कौशिक, मुकेश गर्ग, सुमित सारस्वत, राकेश प्रजापति, विनेश कौशिक, सुनील सिंहल, गौरव गर्ग ने श्याम प्रभु का पूजन कर बाबा की सेवा की। सुमधुर बैण्ड की स्वर लहरियों के बीच जयकारे लगाते हुए श्यामप्रेमी झूम रहे थे। खाटू नरेश के जयकारों से शहर गुंजायमान हो गया। भक्तों ने अखण्ड ज्योत के दर्शन कर मनोकामना की। मुकुंदशरण दाधीच, हंसराज शर्मा, बृजवल्लभ पाराशर, दिलीप बंसल, पिंटू बंसल, ओमप्रकाश खंडेलवाल, गिरीराज मित्तल ने पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया। पुजारी विकास शर्मा व मनोज शर्मा ने विधिवत मंत्रोच्चार के बीच बाबा का पंचामृत अभिषेक किया। शोभायात्रा में घनश्याम गर्ग, महेश खंडेलवाल, अशोक गोयल, शशिकुमार पारीक, सर्वेश्वर सारस्वत, मनोज चौहान, पुरूषोत्तम शर्मा, अनिल गर्ग, सुदर्शन सदारंगानी, राजेंद्र अग्रवाल, अरविंद बंसल, हिमांशु अग्रवाल, चर्चित मंगल, अंकुर मित्तल, मनोज अग्रवाल, संस्कार मंगल, अभिषेक सटाक, विजय मंडोरा, निशांत मंगल, मोहित गर्ग, मयंक सिंहल, देवेश गर्ग, दीपेश गोयल, अंकित गर्ग सहित कई श्याम भक्त शामिल हुए।
ब्यावर में निकाली गई शोभायात्रा में शामिल श्याम भक्त।
शोभायात्रा में निशान लेकर शामिल श्याम भक्त।
शोभायात्रा में जयकारे लगते हुए झूमते श्याम प्रेमी।
श्याम महोत्सव की यादों को संजोने के लिए सेल्फी लेते भक्त।
पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत करते श्रीनाथ सत्संग मण्डल के सदस्य।
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March 7, 2017

श्याम भक्त मना रहे प्रभु का जन्मोत्सव

धूमधाम से निकलेगी श्याम प्रभु की शोभायात्रा

ब्यावर में सजा श्याम प्रभु का भव्य दरबार।
खाटू की तरह ब्यावर में भी कलयुग अवतारी बाबा श्याम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। फतेहपुरिया चौपड़ स्थित श्याम मंदिर में आठवां वार्षिक महोत्सव मंगलवार को प्रारंभ हुआ। बाबा की पूजा-अर्चना व अखण्ड ज्योत प्रज्जवलन के साथ तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरूआत हुई। हेमेंद्र कौशिक, सुनिक कौशिक, मोनिका कौशिक, मुकेश गर्ग, सुमित सारस्वत, गौरव गर्ग, दिलीप खत्री, विनेश कौशिक ने पूजा में भाग लिया। पुजारी विकास शर्मा व मनोज शर्मा ने मोरपंख से आकर्षक श्रृंगार कर मनमोहक दरबार सजाया। इसके बाद श्याम भक्तों ने सामूहिक श्याम अखण्ड ज्योति पाठ किया। ओमप्रकाश खण्डेलवाल, चर्चित मंगल, अंकुर मित्तल, मनोज अग्रवाल, संस्कार मंगल, कौशल्या कौशिक, शकुंतला गर्ग, रत्ना, गौरव सक्सेना, भरत मंगल, अभिषेक सटाक, विजय मंडोरा, हिमांशु अग्रवाल, निशांत मंगल ने पाठ में भाग लिया।
ब्यावर के श्याम मंदिर में पूजा में भाग लेते श्याम भक्त।
सुनिल कौशिक ने बताया कि बुधवार को श्याम जन्मोत्सव के मौके पर दिनभर धार्मिक आयोजन होंगे। प्रातः प्रातः 8 बजे श्याम प्रभु की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह शोभायात्रा फतेहपुरिया चौपड़ स्थित श्याम मंदिर से प्रारंभ होकर विभिन्न मार्गों व बाजारों से होते हुए पुनः मंदिर पहुंचेगी। शोभायात्रा में बाबा की सवारी के आगे कलश धारण किए महिलाएं शामिल होंगी। प्रातः 11 बजे श्याम बाबा का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। रात्रि 8 बजे से विशाल भजन संध्या का आयोजन होगा। इसमें श्यामा श्याम वंदना परिवार के गायक गोपाल वर्मा सुमधुर भजनों की सरिता बहाएंगे। कार्यक्रम में बाबा श्याम के साथ फूलों से होली खेली जाएगी। महोत्सव में मोहित गर्ग, मयंक सिंहल, देवेश गर्ग, दीपेश गोयल, अंकित गर्ग, दीपक कुमावत, केतकी कौशिक सहित कई श्याम भक्त भाग ले रहे हैं।
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शायराना अंदाज में सौगात देंगी सीएम राजे

सुमित सारस्वत 'SP'
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 8 मार्च बुधवार को अपने 64वें जन्मदिवस के मौके पर 14वीं विधानसभा का चौथा बजट पेश करेगी। जन्मदिवस व महिला दिवस के संयुक्त मौके पर सीएम राजे शायराना अंदाज में ‘बजट-2017’ पेश करते हुए सौगातों का पिटारा खोलेगी। धार्मिक व सांस्कृतिक क्षेत्र में खासी रुचि रखनी वाली राजे ने गत बजट में भी शायरियों के जरिए सभी की वाहवाही लूटी थी।
राज्य बजट को अंतिम रूप देती मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे।
भाजपा सरकार के इस बजट को आगामी चुनाव दृष्टि से महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसे में सरकार हर वर्ग को सौगात देगी। बजट में सातवें वेतन आयोग की घोषणा हो सकती है। विद्यार्थी मित्रों और होमगार्ड्स को अच्छी सौगात मिल सकती है। वहीं महिलाओं के लिए तो यह बजट खुशियां देने वाला होगा। युवाओं को भी यह बजट सुनकर उत्साह की अनुभूति होगी। चर्चा है कि सरकार नए जिले की घोषणा भी करेगी। धार्मिक स्थानों का विकास करने के लिए विशेष पैकेज दे सकती है।

महिला विशेष थाने का करेंगी उद्घाटन
महिला दिवस के मौके पर सीएम राजे राजधानी में बने प्रदेश के पहले महिला विशेष थाने का लोकार्पण करेंगी। जयपुर में बना यह पहला ऐसा थाना है, जहां सिर्फ महिला पुलिसकर्मी ही तैनात होंगी। किसी भी इलाके की महिलाएं यहां केस दर्ज करा सकेंगी। इस थाने में सीआई सहित 22 पुलिसकर्मी होंगी। आपको बता दें कि अभी प्रदेश में 40 महिला थाने हैं। इनमें से 12 थानों में महिला इंचार्ज है।

महिलाओं को दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदेश की सभी महिलाओं को बधाई व शुभकामनाएं दी है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि आज देश और दुनिया में महिलाएं अपने अदभुत आत्मबल, दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प के साथ हर क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बना रही है। यह दिवस सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीति सहित सभी क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के प्रति सम्मान को अभिव्यक्त करने तथा आत्मगौरव का प्रतीक है। सही मायने में संतुलित विकास तभी संभव है, जब समानता के साथ महिलाओं को और अधिक सशक्त बनाया जाए। -सुमित सारस्वत 'SP', स्वतंत्र लेखक, मो.9462737273



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March 4, 2017

बनारस में मोदी बोले- देश का पीएम बन गया मगर आज भी भाजपा का कार्यकर्ता हूं


सुमित सारस्वत 'SP'
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भले ही देश का प्रधानमंत्री बन गया हूं मगर आज भी भारतीय जनता पार्टी का छोटा-सा कार्यकर्ता हूं। इस नाते घंटे-दो घंटे कार्यकर्ताओं के साथ कार्य करना चाहिए। इसलिए अपने संसदीय क्षेत्र काशी में भीतर के कार्यकर्ता को जिन्दा रखने का अवसर खोजता रहता हूं। वे उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान आज मेगा शो के बाद विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के वक्त चुनाव आयोग ने मुझे काशी में सभा व जनसंपर्क नहीं करने दिया। तब से मन में पीड़ा थी कि क्षेत्र की जनता से मुलाकात करूं। लोकसभा चुनाव के वक्त लोगों ने सर आंखों पर बैठाया। मुझे काशी के लोगों ने भी जिताया और वड़ोदरा के लोगों ने भी चुना। मैं वड़ोदरा जा सकता था मगर मैंने काशी को चुना। काशी सिर्फ राजनीति का क्षेत्र नहीं है। यह मानव इतिहास का सबसे पुराना नगर है। मैं इसकी शान-ओ-शौकत वापस लाना चाहता हूं। चारों दिशा में काशी की आन-बान-शान चमकाना चाहता हूं। एक गिलहरी की तरह कुछ कर पाया तो जीवन धन्य हो जाएगा। जनता का स्नेह, प्यार, आशीर्वाद बार-बार यहां खींच कर लाता है। काशी क्षेत्र का सांसद होने के नाते जनता जनार्दन के दर्शन का सौभाग्य मिला।
काशी मानव जाति के लिए संदेश है। मानवता का प्रतीक है। काशी मां गंगा है, बाबा शिव है, आत्मा है। काशी की आत्मा बनाए रखनी है लेकिन इसका कायाकल्प भी करना है। बनारस ऐसा शहर, जिसमें विरासत भी हो और वैभव भी हो। जहां सांस्कृतिक चेतना हो, वहां सफाई भी हो। जहां आध्यात्मिक पहचान हो, वहां आधुनिकता की अनुभूति भी हो। जैसे गंगा अविरल बहती रहती है, वैसे ही वाराणसी में ठहराव ना हो। काशी आने वाले युगों के लिए मिसाल बनकर विकसित होती रहे, इन सपनों को लेकर काम करना है। सभा के दौरान हर-हर महादेव व मोदी-मोदी गूंजता रहा।

विपक्ष पर साधा निशाना
काशी में बिजली की समस्या को लेकर सीएम अखिलेश पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि अखिलेश-राहुल जब मंदिर जा रहे तो बिजली चली गई। उन्हें लोगों से झूठ बोलने का फल मिल गया। बाबा शिव ने खुद उन्हें परचा दे दिया। भाजपा सरकार आने के बाद अब एलईडी की लाईट से गंगा के घाट चमक रहे हैं। पहले 350-400 रूपए में मिलने वाली एलईडी अब 50-60 रूपए में मिलती है। सरकार ने देश में 21 करोड़ एलईडी बल्ब लगाए गए हैं। अंडरग्राउंड केबल बिछने के बाद 24 घंटे बिजली मिलेगी। पूर्व केन्द्र सरकार के शासन में भी एलईडी उपलब्ध थी मगर इच्छाशक्ति के अभाव में सरकार ने काम नहीं किया। भारत सरकार विकास के लिए पैसा देती है मगर उत्तर प्रदेश सरकार उसका हिसाब भी नहीं देती। पाई-पाई का हिसाब देना चाहिए। अखिलेश सरकार जनता की सेवा में ध्यान नहीं देती।

बाबा को पूजा तो मिला जीत का आशीर्वाद
मोदी ने बाबा विश्वनाथ मंदिर में शिव आराधना की। यहां महंत ने उन्हें विजयी भवः का आशीर्वाद दिया। इसके बाद पीएम ने पहली बार काशी का कोतवाल कहे जाने वाले भैरव बाबा के दर्शन भी किए। माना जाता है कि काल भैरव के दर्शन किए बिना काशी की यात्रा अधूरी रहती है। -सुमित सारस्वत 'SP', स्वतंत्र लेखक, मो.9462737273
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March 2, 2017

ब्यावर जिले की राह में रोड़ा !

-सुमित सारस्वत-

राज्य बजट पेश होने से चंद रोज पहले एक बार फिर ब्यावर जिला बनने की चर्चा सुर्खियों में है। सोशियल मीडिया से शुरू हुई सुगबुगाहट समाचार पत्रों की सिरमौर खबर बनने के साथ ही सत्ता के गलियारे में भी घूम रही है। वर्षों से अपने हक की मांग को लेकर टकटकी लगाए बैठे शहरवासी चाहते हैं कि सीमेंट व तिलपट्टी उद्योग के कारण विश्व पटल पर पहचाने रखने वाला ब्यावर जिला बने मगर ब्यावर जिला बनना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन प्रतीत हो रहा है। वजह यह कि कुछ लोग ब्यावर जिले की राह में रोड़ा बन रहे हैं। इनमें बड़े उद्योग घराने व कुछ स्वार्थपरक जनप्रतिनिधि शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक कुछ जनप्रतिनिधि नहीं चाहते कि ब्यावर को जिला घोषित किया जाए। इन्होंने राजधानी पहुंचकर ब्यावर जिला घोषित नहीं होने का प्रयास किया है। माना जा रहा है कि अभी ब्यावर जिला घोषित होने से इन नेताओं का राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ सकता है। यह नहीं चाहते कि जिला बनवाने से किसी ऐसे नेता को लाभ मिले जिसके खिलाफ सभी बगावत का बिगुल बजा रहे हैं। इनकी मंशा है कि सरकार आगामी बजट में ब्यावर जिले की घोषणा नहीं करे। दरअसल कुछ दिन पहले खबर आई थी कि आगामी राज्य बजट में सरकार नए जिलों की घोषणा करेगी। इसमें ब्यावर का नाम प्रमुखता से शामिल है। प्रादेशिक चैनल और सोशियल मीडिया पर यह खबर प्रसारित होने के बाद कईयों की नींद उड़ गई। कुछ क्रेडिट लेने की होड़ में लग गए तो कुछ यह सोचने लगे कि अगर जिले की घोषणा हुई तो व्यक्ति विशेष को लाभ मिल जाएगा।
पहले विपक्षी सरकार के कार्यकाल में जिले की मांग को लेकर पदयात्रा करने वाले क्षेत्रीय विधायक को भी इस बात की भनक नहीं थी कि सत्तारूढ़ सरकार आगामी बजट में जिले की घोषणा कर सकती है। चर्चाओं और कयासों का कारवां बढ़ने पर क्रेडिट बटोरने के लिए इन्होंने भी बयान देकर यह जताने का प्रयास कि वह ब्यावर को हक दिलाने के लिए आज भी सरकार से लड़ाई लड़ रहे हैं। दूसरी ओर लोगों में इस बात की चर्चा होने लगी कि जो नेता सत्ता में कड़ी से कड़ी जुड़े होने के बावजूद प्रदेश की पहली परिषद होने का सौभाग्य प्राप्त नगर परिषद में महीनों से आयुक्त नहीं लगवा पाए वो ब्यावर को जिला क्या बनवा पाएंगे। बात में दम भी है। इतनी बड़ी नगर परिषद का कार्यभार कार्यवाहक अधिकारी के हाथ में है। कुछ नेताओं को यह कतई रास नहीं आया कि ब्यावर जिला घोषित हो और किसी एक व्यक्ति को लाभ मिले। यह ठीक वैसा ही घटनाक्रम लगा जैसा 29 नवंबर 2014 को ब्यावर नगर परिषद में सभापति बनाने को लेकर हुआ। आखिर ब्यावर जिले की मांग तो बरसों पुरानी है। इस हक के लिए तो कई दलों के नेताओं और शहरवासियों ने लड़ाई लड़ी है। ‘बस इतनी-सी बात पानी को अखर गई, एक कागज की नाव मुझ पर कैसे चल गई’ शायद दूसरे कुछ नेताओं को भी ऐसा लगा और उन्होंने रूकावट के लिए राह में रोड़ा बनना शुरू कर दिया।
क्षेत्र के बड़े उद्योग घराने भी नहीं चाहते कि ब्यावर जिला बने। उत्तर भारत की बड़ी सीमेंट कंपनियों में शुमार क्षेत्र की तीनों बड़ी कंपनियों के लिए ब्यावर जिला मुसीबत खड़ी कर सकता है। क्षेत्र में चलने वाली सैंकड़ों मिनरल फैक्ट्रियों पर मंडरा रहा संकट भी बढ़ जाएगा। ब्यावर अलग होने से अजमेर जिले का राजस्व भी घट जाएगा। अभी अजमेर को आय का एक बड़ा हिस्सा ब्यावर से मिल रहा है। जिला बनने के बाद भीम भी संभवतः राजसमंद से अलग होकर ब्यावर में शामिल हो जाएगा। ऐसे में मगरा विकास बोर्ड के अध्यक्ष का ताज पहने भीम विधायक नहीं चाहेंगे कि क्षेत्रवासियों की किसी नाराजगी का सामना करना पड़े। ऐसा ही हाल केबिनेट मंत्री की कुर्सी पर बैठे जैतारण विधायक का भी है। वह भी अपने क्षेत्र को किसी नए जिले में शामिल होने का खतरा नहीं लेना चाहेंगे। दरअसल अजमेर से अलग होकर राजसमंद संसदीय क्षेत्र में शामिल होने के बाद ब्यावर की जो दुर्गति हुई वो जगजाहिर है। ऐसे में कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहता। अगर यही हाल रहे तो मुंगेरीलाल के हसीन सपने की तरह हजारों आंखों में देखा गया ब्यावर जिले का सपना न जाने कब पूरा होगा! काश यह सपना अब पूरा हो जाए ताकि बरसों से बैचेनी में करवट बदल रहे जिले के हजारों हकदार चैन की नींद सो सके।
अनूठा रहा है इतिहास
एक फरवरी 1836 को अंग्रेज शासक कर्नल डिक्सन द्वारा बसाए गए ब्यावर का इतिहास अनूठा रहा है। यह शहर सलीब (क्रॉस) की आकृति में बसा है। स्थापना से सौ वर्ष तक ब्यावर मेरवाड़ा स्टेट रहा। स्वतंत्र भारत में केंद्र शासित प्रदेश रहा। एक नवंबर 1956 को राजस्थान प्रदेश का सबसे बड़ा उपखण्ड बना। सूती कपड़ा मिलों के कारण इतिहास में राजस्थान का मैनचेस्टर कहलाया। यहां ऊन, रुई, सर्राफा और अनाज की राष्ट्रीय स्तर की मण्डी रही। वर्ष 1920 में कांग्रेस का सक्रिय आंदोलन यहीं से प्रारंभ हुआ। वर्ष 1975 में नगर सुधार न्यास की स्थापना हुई जिसे 1978 में हटा दिया गया। राजस्थान की पहली नगर परिषद ब्यावर में स्थापित हुई। मिशनरी कार्य की शुरूआत ब्यावर से हुई। प्रदेश का पहला चर्च ब्यावर में ही बना। इतना ही नहीं ब्यावर शहर आजादी के दीवानों और स्वतंत्रता सैनानियों की कर्मस्थली और शरणस्थली भी रहा है। देश में नई क्रांति लाने वाला सूचना का अधिकार कानून भी ब्यावर की ही देन है।
फिर कभी नहीं बन पाएगा ब्यावर जिला !
14वीं विधानसभा का 8वां बजट सत्र गत गुरुवार से प्रारंभ हो गया है। सूत्रों के मुताबिक आगामी चुनाव रणनीति को ध्यान में रखते हुए सरकार इस बार राज्य बजट में नए जिलों की घोषणा कर सकती है। प्रदेश का 33वां जिला भी वसुंधरा सरकार ने ही घोषित किया था और अब माना जा रहा है कि 34वें जिले की घोषणा भी यही सरकार करेगी। प्रदेश का 13वां बड़ा शहर कहलाने वाला ब्यावर भी बरसों से जिले की कतार में पहले पायदान पर खड़ा है मगर राजनीतिक उदासीनता और अनदेखी के कारण इस शहर की पीढ़ियां इंतजार में गुजर रही है। चंद रोज पहले पूरी उम्मीद बनी थी कि इस बार तो तिलपट्टी वाली मीठी नगरी को सरकार सौगात अवश्य देगी मगर अब माना जा रहा है कि सरकार के गलियारे में चंद चेहरे दिखाई देने के बाद टेबल पर कागजों का क्रम बदल गया है। अगर सरकार इस बार नए जिले की घोषणा करती है और उसमें ब्यावर का नाम शामिल नहीं हो तो फिर कभी ब्यावर जिला बनने की उम्मीद नहीं की जा सकती। क्योंकि भाजपा सरकार ब्यावर की अनदेखी कर रही है और कांग्रेस सरकार पहले ही स्पष्ट मना कर चुकी है कि ब्यावर जिला बनने योग्य नहीं है। इन सबके बावजूद जगद्गुरु शंकराचार्य निरंजनदेव तीर्थ की नगरी के वासियों को उम्मीद है कि सरकार आगामी 8 मार्च को पेश होने वाले राज्य बजट में जिले की घोषणा कर ब्यावर को बड़ी सौगात देगी। -सुमित सारस्वत ‘SP’, सामाजिक विचारक, मो.9462737273
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जय श्री कृष्ण.....हे हरि, रहमत तेरी 
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