ब्रज के विश्वप्रसिद्ध द्वारिकाधीश मंदिर में भगवान द्वारिकाधीश को अबीर गुलाल लगाकर 40 दिन चलने वाले होली महोत्सव की शुरुआत हो गई है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर बसंत पंचमी से होली मनाई जा रही है। यहां मंदिर में रोजाना राजभोग आरती के समय सुबह 10 से 11 बजे तक होली के रसिया का गायन हो रहा है। भक्त उत्साह के साथ होली मना रहे हैं। हम ठाकुरजी की नगरी से खास आपके लिए लाएं हैं मन को आनंदित कर देने वाली यह तस्वीरें। आप देख सकते हैं भक्त ठाकुरजी के रंग में रंगने को किस तरह बेताब हैं। इस रंग के लिए यहां देश-विदेश से भक्त आते हैं। हर तरफ मंदिरों में होली के गीत गूंज रहे हैं। ठाकुरजी को ढपली की थाप के साथ ही होली के गीत और रसिया सुनाए जा रहे हैं। 24 फरवरी को बरसाना में ऐतिहासिक लठमार होली खेली जाएगी। इस बार ब्रज की यह होली यादगार होगी। पूरे मथुरा को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया जाएगा। सभी पांच हजार मंदिरों में होली की धूम रहेगी। ब्रज के बरसाना गांव की होली के संबंध में मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण और राधा ने भी यहां होली खेली थी। होली की इस परंपरा का चलन आज भी उसी प्रकार जारी है। यही वजह है कि यहां मंदिरों में होली के रंग सबसे पहले उड़ते हैं। राधा-कृष्ण के चरणों में गुलाल अर्पित की जाती है। उसके बाद ही होली के त्योहार की धूम होती है। ब्रज भूमि से सुमित सारस्वत की रिपोर्ट।
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