साधो ये मुर्दों का गांव !
पीर मरे, पैगम्बर मरि हैं,
मरि हैं ज़िन्दा जोगी,
राजा मरि हैं परजा मरि हैं,
मरि हैं बैद और रोगी।
साधो ये मुर्दों का गांव !
मरि हैं ज़िन्दा जोगी,
राजा मरि हैं परजा मरि हैं,
मरि हैं बैद और रोगी।
साधो ये मुर्दों का गांव !
चंदा मरि है, सूरज मरि है,
मरि हैं धरती आकासा,
चौदह भुवन के चौधरी मरि हैं,
इन्हूँ से का आसा।
साधो ये मुर्दों का गांव !
मरि हैं धरती आकासा,
चौदह भुवन के चौधरी मरि हैं,
इन्हूँ से का आसा।
साधो ये मुर्दों का गांव !
नौहूँ मरि हैं, दसहुँ मरि हैं,
मरि हैं सहज अठ्ठासी,
तैंतीस कोटि देवता मरि हैं,
बड़ी काल की बाज़ी।
साधो ये मुर्दों का गांव !
मरि हैं सहज अठ्ठासी,
तैंतीस कोटि देवता मरि हैं,
बड़ी काल की बाज़ी।
साधो ये मुर्दों का गांव !
नाम अनाम अनंत रहत है,
दूजा तत्व न होइ,
कहे कबीर सुनो भाई साधो,
भटक मरो मत कोई।
दूजा तत्व न होइ,
कहे कबीर सुनो भाई साधो,
भटक मरो मत कोई।
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