भारत रत्न, पद्मभूषण, पद्मविभूषण जैसे बड़े अवॉर्ड के नाम तो आपने सुने होंगे मगर किसी को प्रेत अवॉर्ड मिले इसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। मगर यह हकीकत है। अंतर्राष्ट्रीय रामकथा वाचक संत मोरारी बापू को काशी में आयोजित मानस मसान कथा में ‘प्रेत अवॉर्ड’ मिला है। यह अवॉर्ड किसी समाज या संस्था ने नहीं, बल्कि उन्हीं की कथा में शामिल एक श्रोता ने दिया है। बापू ने कहा, पूरी दुनिया में इस तरह का यह पहला अनूठा अवॉर्ड है।
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दरअसल कल कथा में बापू को किसी ने पत्र भेजा था। बापू ने उसे पढ़कर सुनाया। उसमें लिखा था, बापू आपकी मानस मसान कथा सुनकर इतना अच्छा लगा कि हम आपको ‘प्रेत अवॉर्ड’ देना चाहते हैं। बापू ने व्यंग्यात्मक जवाब में कहा, ‘मैं अवॉर्ड नहीं लेता। अगर दोगे तो स्वीकार कर लूंगा और वो प्रेत आपको ही लौटा दूंगा।’ इसे सुनकर आज एक युवक ने पत्र भेजा कि ‘मैं आपके लिए प्रेत अवॉर्ड लाया हूं। आप उसे स्वीकार कर पुनः लौटा देना।’ इस पर बापू ने जिज्ञासावश उसे मंच पर आमंत्रित किया और सहर्ष अवॉर्ड स्वीकार कर उसे ही लौटा दिया। बापू ने बताया कि मैंने आज तक कोई अवॉर्ड नहीं लिया है। एक बार मुझे देश के बहुत बड़े अवॉर्ड का ऑफर आया था मगर मैंने प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया। मेरे लिए मेरी रामकथा ही सबसे बड़ा अवॉर्ड है। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273
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