प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आयोजित रामकथा में संत मोरारी बापू के जिक्र करने पर गोरख पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि दीपावली अयोध्या ने ही देश-दुनिया को दी। दीपावली के इस आयोजन को अदभुत रूप में प्रस्तुत कर सकें यह हम सबके लिए चुनौती थी, क्योंकि सरकार इसमें शामिल हो तो सांप्रदायिकता का आरोप लगता। इसके बावजूद हमने इसे मनाया और सांप्रदायिकता के कलंक से मिटने के लिए काम किया। दुनिया के जिन देशों में रामलीला होती है उन्हें भी आमंत्रित किया। हमने इंडोनेशिया और श्रीलंका की रामलीला को भी बुलाया। इंडोनेशिया इसलिए क्योंकि यह दुनिया में सबसे बड़ा मुस्लिम देश है। जितने भी रामायण के पात्र बने थे वे सभी मुस्लिम थे। मैंने उनसे पूछा, क्या रामलीला में हनुमान, राम, सीता बनने में संकोच नहीं तो उन्होंने कहा कि इस्लाम हमारी उपासना विधि है लेकिन राम हमारे पूर्वज हैं। अपने पूर्वज के साथ कैसे संबंध विच्छेद कर सकते हैं। रामलीला इंडोनेशिया का राष्ट्रीय पर्व है। वहां नोट पर गणपति छपते हैं। विष्णु की सवारी गरूड़ को नेशनल एयरलाइंस बनाया है। उन्होंने कहा, उपासना बदलने से पूर्वज नहीं बदलते हैं और इसलिए वहां के मुस्लिम श्रद्धा भाव के साथ रामलीला करते हैं। दूसरा हमने श्रीलंका की रामायण को आमंत्रित किया क्योंकि बहुत सारे लोगों को यह लगता होगा कि श्रीलंका में रामलीला नहीं होती होगी क्योंकि रावण तो वहां का था। श्रीलंका की रामायण में सिंहली भाषा के साथ संस्कृत में संवाद हुआ। देश और दुनिया ने उसे देखा और सराहा। हमने अयोध्या में अगले माह होने वाले रामायण मेले में छह देशों की नई रामलीला को आमंत्रित किया है।
यह भी पढ़ें : शिव बाबा के बनारस में दो रामभक्तों का मिलन
0 comments:
Post a Comment