काशी में रामकथा का आज आठवां दिन। देशभर से आए हजारों श्रद्धालुओं से खचाखच भरा पांडाल। मानस मसान के मंच पर आसीन संत मोरारी बापू। व्यासपीठ से बापू ने डोमराज परिवार का शब्द स्वागत किया। प्रसन्नता जताई कि देशभर से मैसेज आ रहे हैं कि बापू कथा सुनकर हमारा डर भाग गया। हम मसान में जाकर आए हैं। आज एक भाई ने चिट्ठी लिखी है, बापू आप तो प्रेत अवॉर्ड लेते नहीं। कोई अवॉर्ड लेते नहीं लेकिन मैं प्रेत अवॉर्ड लेकर आया हूं। आपने कहा कि आप लाओगे तो छूकर मैं तुम्हें वापस दे दूंगा तो मैं लेकर आया। छू दोगे। (सिर पर हाथ फेरते हुए) मेरी देखने की जिज्ञासा है कि जरा देखूं प्रेत अवॉर्ड कैसा है। आइए। (तेज आवाज लगाकर आश्चर्य के साथ चारों ओर नजरें घुमाते हैं) यह काशी है यहां कुछ भी हो सकता है।
बापू की पुकार पर सफेद कुर्ता पायजामा पहना एक युवा हाथों में अवॉर्ड लेकर मंच की ओर बढ़ रहा है। व्यासपीठ के करीब पहुंचकर बापू को नमन किया। बापू बोले, खुश रहो। अवार्ड हाथ में लेकर निहारा। युवक से नाम पूछा। दोनों के बीच गुजराती में कुछ संवाद हो रहा है। अब बापू सभी को अवॉर्ड दिखा रहे हैं। इस पर भगवान शंकर का नृत्य करते हुए चित्र है। पूरे पांडाल में तालियों की गूंज है। बापू गुजराती में बोले, जिसे चाहिए ले जाओ। मुस्कुराते हुए युवक से बोले, तुम्हें दूं ? ले जाओ, ये तो आशीर्वाद है बेटा व्यासपीठ का। अवॉर्ड को मस्तक पर लगाकर युवक को सौंप दिया। तालियां बजाते हुए आशीर्वाद दिया, खुश रहो बेटा। युवक मंच से अपने स्थान पर लौट रहा है। बापू ने पूछा, यह क्या बनाया है ? कहां बनाया तूने एक दिन में ? युवक ने सुना नहीं तो तेज स्वर में आवाज लगाई, ओए। युवक ने देखा तो मुस्कुराते हुए इशारे से फिर पास बुलाया। पूरा पांडाल ठहाके लगा रहा है। युवक पास पहुंचा। बापू ने पूछा, कहां बनाया? युवक बोला, काशी में बनाया। बापू अचंभित होकर बोले, गजब है एक दिन में बना लिया। मुस्कुराते हुए आशीर्वाद दिया। खुश रहो। फिर बोले, देखो कल विचार प्रस्तुत कर रहा था। गजब है यार। ऐसा विश्व में कोई अवॉर्ड नहीं होगा। हो तो मुझे बताना। मैं इस सत्य को स्वीकार करूंगा। प्रेत अवॉर्ड। गजब है। अब बापू मानस मसान की चर्चा करने लगे। -काशी से सुमित सारस्वत लाइव, मो.09462737273
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