ब्रज चौरासी कोस में मानस परिक्रमा कथा बुधवार को अक्रूर घाट पहुंची। यहां कथावाचक मोरारी बापू ने कहा कि परिक्रमा किसी की खोज में की जाती है। परिक्रमा से परम तत्व की प्राप्ति होती है। खुद की परिक्रमा करना आ जाए तो खुदा की परिक्रमा करने की जरूरत नहीं होती। निरंतर आत्म स्मरण से स्वयं की परिक्रमा संभव है। हरि नाम जाप करें। हम परमात्मा के ही अंश हैं। सदैव परमात्मा की स्मृति रखें। ओशो कहते हैं कि जहां से शुरू होते हैं वही हमारा आखरी लक्ष्य होता है मगर इसका पता लौटने पर ही लगता है। महाप्रभु ने हरि दर्शन के लिए पृथ्वी परिक्रमा की।
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‘पहले सदके उतारे गए हैं, फिर हम मारे गए हैं’ शेर सुनाते हुए बापू ने कहा कि भक्ति में कई विघ्न आते हैं। विघ्न प्रसन्नता में वृद्धि करता है। विघ्न आए तो चिंतित न होना। यह समझना कि परमात्मा को भक्ति कबूल हो गई। भक्ति रस है। ‘शाखों को तुम क्या छू आए, कांटों से भी खुशबू आए’ शेर सुनाते हुए बोले कि अत्यंत अहंकार जीव को दुष्ट बनाता है। यही कारण है ब्रह्म संबंध नहीं हो पाता। ठाकुरजी और चैतन्य महाप्रभु का प्रसंग सुनाते बताया कि महाप्रभु प्रसन्न होकर जिसे प्रभु के पास भेजते हैं उसे ठाकुर स्वीकार कर लेते हैं। महाप्रभु वैष्णव सेवा और भक्ति से प्रसन्न होते हैं। निःस्वार्थ भाव से सेवा करें। उंच-नीच या जात-पात का भेद न रखें। उन्होंने कहा कि भक्ति नेत्र से विश्व रूप दर्शन करें। विश्व रूप दर्शन से ज्ञान प्राप्ति होती है। माया का मोह छूटता है। अक्रूर घाट से कृष्ण के लौटते वक्त गोपियों की विरह वेदना पर ‘छुप गया कोई रे दिल से पुकार के, दर्द अनोखा हाय दे गया प्यार से’ शेर सुनाते भावुक हुए बोले, चला गया लीला कर के यार। गुरुवार को कथा मानसरोवर में होगी। -सुमित सारस्वत, मो.9462737273
मुस्कुराहट की कुलदेवी प्रसन्नता
बापू ने विनोद करते हुए कहा कि यह कृष्ण की नगरी है यहां आनंद करो। प्रसन्नता मुस्कुराहट की कुलदेवी है। सबके गुरु ब्राह्मण, ब्राह्मण के गुरु संन्यासी, संन्यासी के गुरु अविनाशी, अविनाशी के गुरु ब्रजवासी। यह सुनकर पूरा पांडाल ठहाकों से गूंज उठा। भज मन श्रीराधे.. कीर्तन गाते हुए श्रोता मंत्रमुग्ध होकर झूम उठे।
प्रेम देखकर सगाई करो
भगवान शिव-पार्वती का विवाह प्रसंग सुनाते हुए बापू ने संदेश दिया कि सगाई प्रेम देखकर करो। रिश्ता जोड़ने के लिए परिवार, व्यापार, कुल, रंग, रूप ना देखें। भगवान शिव और माता पार्वती ने भी एक-दूसरे के प्रति प्रेम भाव देखकर सगाई की। प्रेम संबंधों से रिश्ता दूसरों के लिए प्रेरणा बनता है।
धोखा देने वाले पर कब तक भरोसा करें ?
एक भक्त के इस सवाल पर बापू ने कहा कि अगर भरोसा करना हो तो लुट जाना, मिट जाना, हार जाना, मार खाना, गाली सुनना, बदनामी सहन करने की तैयारी करके रखना। भरोसा भजन है। याद रखना जिसके पास विश्वास है उसके पास विश्वनाथ है। ‘था जलाना ही तो किसलिए मेरे गेसूं संवारे गए..’ शेर सुनाते हुए बोले, जिंदगी से कभी शिकायत न करना।
नया भजन सुनें : सांवरिया तेरी याद में
बापू ने सुनाए मासूम गाज़ियाबादी के शेर..
जिंदगी से कोई शिकवा नहीं,
जैसे गुजरी गुजारे गए।
एक तुम थे जो न वापस मुड़े,
एक हम थे जो तुम्हें पुकारे ही गए।
सुनते दीवाने की भी जरा,
आप पत्थर ही मारे गए।
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