राजस्थान की आस्थावान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रविवार को कामवन में सादगी का परिचय देते हुए आध्यात्म के प्रति आदर प्रकट किया। सूबे की मुखिया ने भरतपुर जिले के कामां में दो घंटे जमीन पर बैठकर संत मोरारी बापू से रामकथा सुनीं। राजे के लिए कथा पांडाल में विशेष व्यवस्था की गई थी मगर वे सामान्य श्रोताओं की तरह जमीन पर बैठीं। इससे पूर्व राजे रामकथा पोथी सिर पर रखकर मंच पर पहुंची और व्यासपीठ का पूजन कर बापू से आशीर्वाद लिया।
बापू ने कथा के प्रारंभ में मुख्यमंत्री को आशीर्वाद देते हुए कहा कि सत्ता शीर्ष पर बैठे लोगों का आम जनता के साथ बैठकर प्रवचन सुनना भारतीय संस्कृति में ही संभव है। व्यासपीठ के सामने बैठकर रामकथा सुनने से ही राजपीठ का कल्याण हो जाता है। मुझे प्रसन्नता है कि चौरासी कोस परिक्रमा राजस्थान में भी आती है। बापू ने राजे द्वारा राजस्थान के तीर्थों पर करवाए जा रहे विकास कार्यों व जीर्णोद्वार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए 5 लाख रुपए का तुलसी दानपत्र देने की घोषणा की। बापू ने आनंदित भाव से राजस्थान के राष्ट्रीय कवि कन्हैयालाल सेठिया द्वारा रचित धरती धोरां री.. कविता के जरिए वीर प्रसवनी भूमि की महिमा गाई। सीएम के सामान्य श्रोताओं की तरह बैठकर आमजन के साथ कथा सुनने की चर्चा करते हुए सभी ने खूब प्रशंसा की। -सुमित सारस्वत, मो.9462737273
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सोच रहा था कौन आएगा.. सीएम आ गई
बापू बोले, पहली बार नौ दिन नौ स्थानों पर कथा हो रही है। मन में संशय था आयोजन कैसा होगा। सोच रहा था कि कौन आएगा.. और देखो सीएम आ गई। देश-विदेश से आए वो तो जाएंगे भी कहां। बापू के इस विनोद पर सीएम और श्रोता हंसने-मुस्कुराने लगे।
बापू बोले, पहली बार नौ दिन नौ स्थानों पर कथा हो रही है। मन में संशय था आयोजन कैसा होगा। सोच रहा था कि कौन आएगा.. और देखो सीएम आ गई। देश-विदेश से आए वो तो जाएंगे भी कहां। बापू के इस विनोद पर सीएम और श्रोता हंसने-मुस्कुराने लगे।
सुनने आई हूं, बोलूंगी नहीं
बापू ने सीएम राजे को संबोधन के लिए पूछा तो उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि ‘मैं आपके दर्शन करने और कथा सुनने आई हूं। कुछ नहीं बोलूंगी।’
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मेरे यहां प्रवेश है एक्जिट नहीं
कथा के बीच बापू ने सीएम की ओर देखते हुए पूछा, ‘आपको जाना तो नहीं है। प्रदेश का भार है। कार्यक्रम की व्यस्तता रहती है इसलिए आप जाना चाहें तो जा सकती हैं। संकोच ना करिएगा। मेरे यहां तो प्रवेश है, एक्जिट नहीं।’ जवाब में राजे ने मुस्कुराते हुए संकेत किया कि वे कथा सुनेंगी।
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