मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि किसान राजस्थान के विकास का पार्टनर है और जब तक किसान मजबूत नहीं होगा तब तक प्रदेश आगे नहीं बढ़ सकता। इसीलिए किसानों एवं पशुपालकों को समृद्ध और संपन्न बनाने के लक्ष्य को लेकर हमारी सरकार ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट के आयोजन कर रही है। ‘ग्राम-उदयपुर’ में शामिल होकर संभाग के किसान कृषि, एग्रो-प्रोसेसिंग, पशुपालन, मत्स्य पालन, जैविक कृषि एवं डेयरी के क्षेत्र में नवाचार और तकनीक को सीखकर तरक्की का नया अध्याय लिखेंगे।
राजे मंगलवार को उदयपुर के सीटीएई कॉलेज ग्राउंड में प्रदेश के तीसरे ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने झालावाड़ जिले के ग्राम सरेड़ी निवासी प्रभुलाल साहू व अन्य किसानों का उदाहरण देते हुए कहा कि ग्राम का आयोजन प्रदेश के किसानों की आय बढ़ाकर उनकी जिंदगी बदल रहा है। कार्यक्रम में फिक्की के सेक्रेटरी जनरल डॉ. संजय बारू, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी, सहकारिता एवं गोपालन मंत्री अजय सिंह किलक, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बाबूलाल वर्मा, राजस्व मंत्री अमराराम, गोपालन राज्य मंत्री ओटाराम देवासी, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज राज्य मंत्री धनसिंह रावत, पीएचईडी एवं भू-जल राज्य मंत्री सुशील कटारा, सांसद मानशंकर निनामा, अर्जुन लाल मीणा, संसदीय सचिव भीमा भाई, राजस्थान राज्य बीज निगम के चेयरमैन शम्भूसिंह खेतासर, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन जगमोहन सिंह बघेल, राजस्थान पशुपालक कल्याण बोर्ड के चेयरमैन गोवर्धन राइका सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, अंतर्राष्ट्रीय अतिथि, उद्योगपति, औद्योगिक प्रतिनिधि एवं उदयपुर संभाग से बड़ी संख्या में आए किसान एवं पशुपालक उपस्थित थे।
जनजाति क्षेत्रों में कृषि कुओं का निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजाति क्षेत्र में हमारी सरकार ने मनरेगा योजना में 15 हजार कृषि कुओं की स्वीकृति जारी की है। इनमें से 2 हजार कृषि कुओं का निर्माण पूरा हो चुका है। साढे 11 हजार कुओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है, बाकी कार्य प्रक्रियाधीन है। इसके अलावा जनजाति क्षेत्र में हमारी सरकार ने सर्वे कर 15 हजार अपूर्ण कृषि कुएं चिन्हित किए थे। इन सभी 15 हजार कुओं को हमारी सरकार पूर्ण करवाएगी। इसकी स्वीकृतियां चरणबद्ध रूप से जारी की जा रही है।
26 वन उपज ट्रांजिट परमिट से मुक्त
सीएम ने कहा कि जनजातीय समुदाय की मांग को देखते हुए हमने तेंदू फल, रतनजोत बीज, पुआड, आंवला फल, महुआ, महुआ बीज सहित 26 वन उपजों को ट्रांजिट परमिट से मुक्त कराया है। पहली बार प्रदेश में चार फसलों मूंग, उड़द, मूंगफली और सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर एक साथ खरीद की जा रही है। किसानों की सुविधा के लिए इस बार प्रदेश में 52 खरीद केंद्र बढ़ाए गए हैं।
75 हजार करोड़ के ब्याज मुक्त फसली ऋण का रिकॉर्ड
राजे ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों को पिछले साढे़ तीन वर्षाें में करीब 57 हजार करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त फसली ऋण दिया है। पांच वर्ष में हम 75 हजार करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त फसली ऋण देकर देश में एक नया रिकॉर्ड बनाएंगे, जबकि पिछली सरकार ने 5 वर्षों में सिर्फ 25 हजार करोड़ रुपए का ही ब्याज मुक्त फसली ऋण दिया। हमारी सरकार ने साढ़े तीन वर्षों में 1 हजार 654 करोड़ रुपए का मध्यकालीन ऋण भी दिया।
किसानों को मिलेगा साढे़ 5% ब्याज दर पर ऋण
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान रखते हुए हम भूमि विकास बैंकों और जिला सहकारी बैंकों की ब्याज दर लगातार घटा रहे हैं। पिछली सरकार में भूमि विकास बैंकों से किसानों को जो ऋण 12% या उससे अधिक ब्याज दर पर मिलता था, उसे घटाकर हमने 7% किया और वर्तमान में तो हम 6.7% ब्याज दर पर ही किसानों को ऋण उपलब्ध करवा रहे हैं। ब्याज दर को घटाकर अब साढे़ 5% तक कर दिया जाएगा।
किसानों की व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा का लाभ 12 गुना बढ़ाया
राजे ने कहा कि ऋणी किसानों का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के तहत बीमा लाभ हमारी सरकार ने 50 हजार से बढ़ाकर 6 लाख रुपए कर दिया है। अगले वित्तीय वर्ष में इसे 10 लाख रुपए किया जाएगा। इस वर्ष करीब 25 लाख किसानों को इस बीमा योजना से जोड़ा जाएगा। 55 रुपए वार्षिक किस्त वाली इस बीमा योजना में किसान से केवल साढे़ 27 रुपए ही लिए जाते हैं, बाकी की आधी राशि सहकारी बैंकों द्वारा जमा कराई जाती है। पंजाब में 120 रुपए की पूरी वार्षिक किस्त किसानों को ही देनी होती है और इसमें 5 लाख रु तक का ही बीमा हो रहा है। उन्होंने कहा कि कृषक साथी सहायता योजना में पहले दी जाने वाली एक लाख रुपए की सहायता को बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया है। खेती करते समय दुर्घटनाग्रस्त होने या मृत्यु होने पर किसान और खेतीहर मजदूर को अब तक 125 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान की है। प्रदेश में डेयरी उद्योग को नई ऊंचाईयां प्रदान करने एवं मिल्क यूनियनों को सशक्त बनाने के लिए राज्य में 100 करोड़ रुपए का फण्ड बनाया जा रहा है। इस फण्ड से 9 लाख दुग्ध उत्पादकों को सीधा लाभ मिलेगा।
छोटे किसानों के लिए कृषि उपकरण वितरण केंद्र
सीएम ने कहा कि प्रदेश के लघु एवं लघु सीमान्त कृषकों को अच्छे कृषि उपकरण उपलब्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर योजना शुरू की गई है। इसके लिए ट्रेक्टर और कृषि उपकरण निर्माता कंपनियों के साथ एमओयू किया गया है। ये कंपनियां तीन वर्षों में राज्य में 2 हजार 652 कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित करेंगी। इनमें से इस वर्ष 750 सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं।
एग्री-टूरिज्म के क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं
राजे ने कहा कि राज्य में एग्री-टूरिज्म के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। राज्य के किसान इसका लाभ उठाएं। किसान परंपरागत खेती के साथ-साथ औषधीय फसलों की खेती को भी अपनाएं। ग्राम-उदयपुर में हॉर्टिकल्चर, बायोगैस, एग्रोप्रोसेसिंग सहित विभिन्न क्षेत्र में होने वाले एमओयू का लाभ यहां के किसानों को मिलेगा। सीम ने कार्यक्रम में वियतनाम, अर्जेन्टीना, जर्मनी, ब्राजील, स्पेन, उज्बेकिस्तान और रूस से आए विदेशी मेहमानों का आभार जताया।
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