कृष्णप्रिया राधा की नगरी बरसाना में मानस परिक्रमा कथा सुनाते हुए संत मोरारी बापू ने प्रेम का मधुर संदेश दिया। शिवरंजनी राग गाते हुए बापू ने दशरथ के चारों पुत्रों की प्रीति सुनाई। वे बोले, जो मुनियों का परम धन, आश्रितों का सर्वस्व, शिव का प्राण है उस परमतत्व ने बाल लीला के रस में सुख अनुभव किया। लक्ष्मण ने बचपन में ही राम चरण को अपना स्वामी मान लिया था। शत्रुघ्न बड़े भ्राता भरत के सेवक बनकर रहे। हमेशा मौन रहे। बड़े भाईयों के आगे कभी नहीं बोले। ‘हजारों आफतों से वो बच जाता है, जो ज्यादा सुने और कम बोले..’ शेर सुनाकर संकेत किया कि विवादों से बचने के लिए कम बोलें। गुजराती शेर ‘नव बोल्या म्हां नव गुण..’ सुनाते हुए कहा कि जो चुप रहे वो सबसे अधिक गुणवान है। मौन रहना बड़ा तप है। अयोध्या में चारों भाईयों के स्नेह की चर्चा होती थी। चारों बेटों को किसी की नजर ना लगे इसलिए कौशल्या माता तिनका तोड़ती थी।
दांपत्य प्रेम का संदेश देते हुए कहा कि स्वयंवर में भांति-भांति के राजा-महाराजा सीता को निहार रहे थे तो राम व्याकुल हो गए। सीता को किसी की नजर ना लग जाए इसलिए वो तिनका तोड़ना चाहते थे। जनकपुर में इतनी स्वच्छता थी कि तिनका भी नहीं मिला तो राम ने धनुष तोड़ दिया। रिश्ते इतने मधुर और मजबूत होने चाहिए। लो आ गई उनकी याद, वो नहीं आए.. गीत की पंक्ति गुनगुनाते हुए कहा कि प्रेम में प्रतीक्षा होनी चाहिए कि वो आएगा। केवट और शबरी ने प्रतीक्षा की तो राम आ गए। -सुमित सारस्वत, मो.9462737273
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मैं आपकी हेल्प करूं
प्रेम का किस्सा सुनाते हुए बापू बोले, प्रेमी हर वक्त प्रेमिका के पीछे घूमता रहता है। वो जहां जाए वहां उसकी खुशबू लेते हुए पीछे-पीछे पहुंचता रहता है। बस, ट्रेन, हवाई जहाज सबका पता रखता है। पहचाने नहीं फिर भी उससे पूछता है, ‘मैं आपकी क्या हेल्प करूं। बैग उठा लूं आपका।’ इस व्यंग्य पर पूरा पांडाल ठहाकों से गूंज उठा।
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नींद नहीं आ रही क्या करूं!
बापू ने रुग्ण होते दांपत्य रिश्ते पर भी व्यंग्य किया। पति-पत्नी का व्यंग्य सुनाते हुए कहा कि ‘एक पति को नींद नहीं आ रही थी। पत्नी को कहा कि मुझे नींद नहीं आ रही क्या करूं तो वो बोली रसोई में झूठे बर्तन रखे हैं उन्हें साफ कर दो। यह सुनकर पति तपाक से बोला, मैं तो नींद में बोल रहा था। मुझे तो कब से नींद आ गई।’ यह सुनकर पांडाल में हंसी का फव्वारा फूट पड़ा। बापू ने शादी से पहले चंद्रमुखी, शादी के बाद सूर्यमुखी और तलाक के वक्त ज्वालामुखी का किस्सा भी सुनाया।
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जीवन मोबाइल नहीं, माला के लिए है
बापू ने आधुनिक युग में बढ़ते मोबाइल उपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए दुष्प्रभाव बताए। उन्होंने कहा कि लोग 24 घंटे हर जगह मोबाइल पर लगे रहते हैं। घर-परिवार, पढ़ाई और दफ्तर का काम भूल गए हैं। बापू ने सलाह दी कि मोबाइल से दूर रहें। यह सेहत के लिए हानिकारक है। रात को जब फ्री होकर सोने जाएं तब कुछ समय फेसबुक और व्हाट्सएप देख लो, दिनभर नहीं। मोबाइल भूत है, इसे छोड़ो और भूतनाथ को भजो। जीवन मोबाइल के लिए नहीं, माला के लिए है। परमात्मा का नाम जाप करो।
देखें : ब्यावर में मोरारी बापू का स्वागत
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