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November 11, 2017

पहली बार मोरारी बापू के साथ रामकथा की ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा | Morari Bapu in Govardhan

कुस साँथरी निहारि सुहाई। कीन्ह प्रनामु प्रदच्छिन जाई॥
परदखिना करि करहिं प्रनामा। देहिं कैकइहि खोरि निकामा
गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा रचित महाकाव्य रामचरितमानस के अयोध्या कांड की इस चौपाई के साथ उत्तर प्रदेश में ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा के पावन परिक्रमा तीर्थ गोवर्धन में शनिवार को अदभुत और अलौकिक मानस परिक्रमा कथा का शुभारंभ हुआ। भगवान श्रीनाथ की दिव्य लीला भूमि पर ऐतिहासिक रामकथा का आरंभ करते हुए बापू ने परिकमा की महिमा बताई। उन्होंने कहा कि परिक्रमा से जीवन पावन होता है। दक्षिणा व प्रदक्षिणा में भेद समझाते हुए बताया कि दक्षिणा वो है जो हम तीर्थ को देते हैं और प्रदक्षिणा वो है जो तीर्थ हमें भक्ति रूप में दे।


801वीं रामकथा में बापू ने बताया कि कुछ माह पूर्व वृंदावन आना हुआ तब विचार बना कि पोथीजी के साथ ब्रज चौरासी परिक्रमा की जाए। गगन व जल में विचरण करते हुए कथा करने के बाद अब थल पर विचरण करते हुए कथा कर रहा हूं। हम नदी, पहाड़, परमात्मा, मंदिर, ग्रंथ, तुलसी, महापुरूष, पादुका, चिता व नगर की परिक्रमा करते हैं। इसके साथ हमें विचारों की भी परिक्रमा करनी चाहिए। भगवान गणेश ने अपने माता-पिता की परिक्रमा की थी। उन्होंने कहा कि गंगाजल, अग्नि, भगवान, मानस और माला से प्रेरणा मिलती है। हर इंसान इन्हें अपनाएं। बापू ने गुरु महिमा का बखान भी किया। वे बोले, गुरु की कभी आलोचना न करें। मनुष्य रूप में गुरु हरि है। कोई गुरु न मिले तो हनुमान को गुरु समझें। ज्ञान के लिए हनुमान का आश्रय अवश्य करें। कथा में श्रीराधे गोविंद भजन मन श्रीराधे.., हरे रामा रामा राम सीता राम राम राम.. कीर्तन गाते हुए श्रोता झूम रहे थे। कथा का समय प्रातः 10 से दोपहर 2 बजे तक निर्धारित है। आस्था टीवी पर कथा का सीधा प्रसारण हो रहा है। कथा कवरेज www.sumitsaraswat.com वेबसाइट पर उपलब्ध है। -सुमित सारस्वत, मो.9462737273


ब्रज का कण-कण मुरारी है
कथा का प्रारंभ महामंडलेश्वर गुरुशरणानंद महाराज ने ठाकुर हमारे गिरवरधारी, हम हैं गिरवरधारी के.. कीर्तन से किया। वाक्य पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि ब्रज मंडल मुरारी के हद्वय से प्रकट हुआ है। यहां का कण-कण मुरारी है। सौभाग्य है कि मुरारी कथा सुना रहे हैं और मुरारी कथा सुन रहे हैं। भगवान से बढ़िया श्रोता कोई और नहीं है। हमारा सौभाग्य है कि इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बन रहे हैं। यह देवकृपा है।


‘ओवर टू कामवन..हनुमान उड़ हमारे साथ’
गोवर्धन में कथा का विश्राम करते हुए बापू बोले ‘आज की कथा यही विश्राम हो रही है। ओवर टू कामवन। कल कामवन में मिलेंगे। अब हमारी पोथी उड़कर कामवन पहुंचेगी। मैं तो हनुमान को भी कहता हूं कि तू भी उड़ हमारे साथ।’


अब इन पावन स्थानों पर होगी रामकथा
मानस परिक्रमा कथा 12 नवंबर को कामवन, 13 को बरसाना, 14 को वृंदावन, 15 को अक्रूर घाट, 16 को मानसरोवर, 17 को रमणरेती (गोकुल), 18 को मथुरा व 19 को गोवर्धन में होगी।


मानस परिक्रमा कथा रविवार को भरतपुर के कामां में होगी। कामवन की इस कथा का श्रवण करने राजस्थान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी आएंगी। वे इस एक दिवसीय रामकथा में शामिल होकर बापू का आशीर्वाद लेंगी। सीएम के आगमन को लेकर पुलिस-प्रशासन ने पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त किए हैं।


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Location: Govardhan, Uttar Pradesh, India

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