प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तिकरण और सामुदायिक विकास में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए पांच जिलों धौलपुर, करौली, जैसलमेर, सिरोही और बाड़मेर में वर्ष 2018-19 में महिला शक्ति केंद्र खोले जाएंगे। केंद्र सरकार ने इसके लिए स्वीकृति जारी कर दी है। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे को केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी ने पत्र लिखकर यह जानकारी दी।
केन्द्रीय मंत्रालय की ओर से इन केन्द्रों के लिए जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए स्थानीय विद्यार्थियों को स्वयंसेवक के रूप में शक्ति केन्द्रों के साथ जोड़ा जाएगा। इस योजना के तहत खुलने वाले जिला स्तरीय महिला केंद्र गांवों, उपखण्ड और राज्य स्तर पर महिलाओं से जुड़ी योजनाओं की क्रियान्विति के लिए लिंक के रूप में कार्य करेंगे। 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' योजना से जुड़े सभी 14 जिलों में भी जिला-स्तरीय महिला शक्ति केंद्र खोले जाएंगे।
देश के 17 राज्यों के कुल 115 जिलों में खुलने वाले महिला शक्ति केंद्र ’बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के आधार केंद्र भी बनेंगे। प्रत्येक केंद्र पर तीन व्यक्ति नियुक्त होंगे, जो जिला कलक्टर, संभागीय आयुक्त, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, कानून व्यवस्था लागू करने वाली संस्थाओं, अर्द्धशासकीय संस्थानों तथा अन्य विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर कार्य निष्पादन करेंगे।
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