वर्तमान वक्त में रुग्ण होते दांपत्य रिश्ते को सुखद बनाने के लिए निम्बार्क संप्रदाय के पंडित रविशंकर शास्त्री ने सूत्र दिया है। ब्यावर में श्री बालाजी व जानकी महिला मंडल की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में पारिवारिक रिश्तों पर प्रवचन देते हुए शास्त्री ने कहा कि गृहस्थ जीवन श्रेष्ठ होना चाहिए। दांपत्य में कटुता नहीं हो। पति-पत्नी को संग मिलकर भजन करना चाहिए। पतिव्रता स्त्री सदैव पति से प्रेम करती है। स्त्री को पति धर्म परायण होकर रहना चाहिए।
कथावाचक ने कहा कि बच्चों को गायत्री मंत्र व वेदों का ज्ञान कराएं। अगर बच्चे कार्टून नेटवर्क देखेंगे तो खुद कार्टून बन जाएंगे। माता-पिता व्हाट्सएप पर समय बिताने की बजाय बच्चों पर ध्यान दें। अगर एक सुपुत्र भक्त हो जाए तो सात पीढ़ी का जीवन सफल कर देता है। पुत्र भक्त बना तो माता-पिता और परिवार की सेवा भी करेगा। भक्त नहीं बना तो चोर, डाकू या नेता बनेगा। इंद्रियों को वश में रखें। वश में ना रहे तो संतों की शरण में जाएं। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273
0 comments:
Post a Comment