श्रीमद भागवत कथा हो या श्रीराम कथा या अन्य कोई कथा ये सभी भगवत प्राप्ति करवाती है। कथा सुनने से मन को सुख मिलता है और मन पवित्र हो जाता है। यह विचार संत उमाशंकर महाराज ने प्रभु बगिया में आयोजित श्रीराम कथा में व्यक्त किए।
कथावाचक ने कहा कि अन्न का कण, संत का क्षण कभी बर्बाद नहीं करना चाहिए है। भगवत कथा चाहे जो भी हो अवश्य श्रवण करना चाहिए। श्रीराम कथा का उद्गम ही त्रिवेणी संगम से होता है और वर्तमान में ब्यावर की धर्म भूमि पर यह दिव्य योग बना है। कथा के दौरान शिव विवाह में भोले बाबा की बारात का प्रसंग सुनाया गया। शिव विवाह उत्सव में सभी भक्त भाव विभोर होकर नृत्य करने लगे।
भजन सुनें : ठाकुर पधारया म्हारे आंगणा
कथा में सभापति बबीता चौहान, आयुक्त दिनेश राय, पार्षद सीमा शर्मा, संपति बोहरा, नरेश कनोजिया, ईश्वर तंवर, नरेन्द्र चौहान, भरत शर्मा, रमेश बंसल, नवनीत हेड़ा, अंकुर उपाध्याय, गोपाल वर्मा, बबलू अग्रवाल, उर्मिला भाटी, अंजू हेड़ा, सीमा टांक, कंचन तंवर, सुमन पालड़िया, ममता गुप्ता, मंजू काबरा, मृदुला उपाध्याय सहित कई भक्त उपस्थित थे।
कथावाचक ने कहा कि अन्न का कण, संत का क्षण कभी बर्बाद नहीं करना चाहिए है। भगवत कथा चाहे जो भी हो अवश्य श्रवण करना चाहिए। श्रीराम कथा का उद्गम ही त्रिवेणी संगम से होता है और वर्तमान में ब्यावर की धर्म भूमि पर यह दिव्य योग बना है। कथा के दौरान शिव विवाह में भोले बाबा की बारात का प्रसंग सुनाया गया। शिव विवाह उत्सव में सभी भक्त भाव विभोर होकर नृत्य करने लगे।
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कथा में सभापति बबीता चौहान, आयुक्त दिनेश राय, पार्षद सीमा शर्मा, संपति बोहरा, नरेश कनोजिया, ईश्वर तंवर, नरेन्द्र चौहान, भरत शर्मा, रमेश बंसल, नवनीत हेड़ा, अंकुर उपाध्याय, गोपाल वर्मा, बबलू अग्रवाल, उर्मिला भाटी, अंजू हेड़ा, सीमा टांक, कंचन तंवर, सुमन पालड़िया, ममता गुप्ता, मंजू काबरा, मृदुला उपाध्याय सहित कई भक्त उपस्थित थे।
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