अवध के संत उमाशंकर महाराज ने ब्यावर में आयोजित श्रीराम कथा में कहा कि अब अयोध्या में भगवान श्रीराम को तंबू में नहीं रहना पड़ेगा। अब अच्छे दिन आ गए हैं। जल्द ही भगवान राम के लिए भव्य मंदिर निर्माण होगा और भक्त वहां बैठकर रामकथा करेंगे।
कथावाचक ने कहा कि भगवान श्रीराम का वर्चस्व सर्वत्र होना चाहिए। उनकी कीर्ति चहुंओर फैले ये विचार करके ही कैकयी मां ने राजा दशरथ से राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास मांगा। मंथरा चाहती थी कि राम का वनवास आजीवन होना चाहिए मगर कैकयी की इच्छा से चौदह वर्ष का वनवास हुआ। उनकी इच्छा थी कि भगवान राम चौदह सोपान चढ़कर विजय प्राप्त करेंगे तो ही विश्व में राम राज्य स्थापित होगा। राम राज्य में आवास, अन्न, वस्त्र की प्रचुरता हो और अवधवासी निर्भिक होकर रहें।
संत ने कहा कि मन ही सुख-दुख का कारण होता है। मन के अनूकूल वातावरण हो तो सुखी रहते हैं और मन के प्रतिकूल वातावरण होगा तो दुखी रहेंगे। सुख की प्राप्ति भीतर से होती है और दुख बाहर से आता है। इच्छाओं की पूर्ति नहीं होती तो दुखी होते हैं। मन में कोई इच्छा नहीं होगी तो ही सुख मिल सकता है।
कथा में पाली के जानकीनाथ मंदिर आश्रम से पधारे 108 वर्षीय स्वामी रामाशंकरदास महाराज व बर के सिद्ध आश्रम से पधारे डॉ. देवर्षिदास महाराज ने भी आशीर्वचन दिया। कथा में पी.पी. शर्मा, नटवर अरोड़ा, उम्मेद शर्मा, हेमंत भाटी, कांता सोमानी, सीता अग्रवाल, प्रिया शर्मा, मनीषा गर्ग, अंकुर उपाध्याय, मोहन दगदी, बुधराज चौहान, अरूण गर्ग, बबलू अग्रवाल, जी.के. श्रीवास्तव, डी.के. व्यास, दिनेश चतुर्वेदी, मृदुला उपाध्याय, अर्चना शर्मा, मोहन सिंह रावत सहित सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने धर्मलाभ लिया। मंच संचालन सुमित सारस्वत ने किया। शुक्रवार को भरत चरित्र व शबरी प्रसंग सुनाया जाएगा। राम के वन गमन का सजीव मंचन किया जाएगा। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273
भजन सुनें : सांवरिया तेरी याद में..
यह भी पढ़ें-
संत ने कहा कि मन ही सुख-दुख का कारण होता है। मन के अनूकूल वातावरण हो तो सुखी रहते हैं और मन के प्रतिकूल वातावरण होगा तो दुखी रहेंगे। सुख की प्राप्ति भीतर से होती है और दुख बाहर से आता है। इच्छाओं की पूर्ति नहीं होती तो दुखी होते हैं। मन में कोई इच्छा नहीं होगी तो ही सुख मिल सकता है।
कथा में पाली के जानकीनाथ मंदिर आश्रम से पधारे 108 वर्षीय स्वामी रामाशंकरदास महाराज व बर के सिद्ध आश्रम से पधारे डॉ. देवर्षिदास महाराज ने भी आशीर्वचन दिया। कथा में पी.पी. शर्मा, नटवर अरोड़ा, उम्मेद शर्मा, हेमंत भाटी, कांता सोमानी, सीता अग्रवाल, प्रिया शर्मा, मनीषा गर्ग, अंकुर उपाध्याय, मोहन दगदी, बुधराज चौहान, अरूण गर्ग, बबलू अग्रवाल, जी.के. श्रीवास्तव, डी.के. व्यास, दिनेश चतुर्वेदी, मृदुला उपाध्याय, अर्चना शर्मा, मोहन सिंह रावत सहित सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने धर्मलाभ लिया। मंच संचालन सुमित सारस्वत ने किया। शुक्रवार को भरत चरित्र व शबरी प्रसंग सुनाया जाएगा। राम के वन गमन का सजीव मंचन किया जाएगा। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273
भजन सुनें : सांवरिया तेरी याद में..
यह भी पढ़ें-
0 comments:
Post a Comment