ब्यावर स्थित प्रभु की बगिया में आयोजित रामकथा में संत उमाशंकर महाराज ने शबरी प्रसंग की कथा सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। कथा में शबरी के राम के अगाध प्रेम को विस्तारपूर्वक बताया कि युगों-युगों तक ऐसा प्रेम का उदाहरण कहीं और नहीं मिलता।
कथावाचक ने भगवान राम के वनवास की कथा सुनाते हुए कहा कि वनगमन के समय प्रभु की अन्नय भक्त शबरी अपनी कुटिया में अपनी पलकें बिछाकर प्रेम से झूठे बेर चखकर रखती थी। आज भगवान कुटिया की तरफ से पधार रहे हैं। यह करते-करते भगवान के आने की प्रतीक्षा में वर्षों बीत जाता है। फिर भी शबरी हार नहीं मानती, आखिर भगवान अपनी संगिनी सीता की तलाश में वन के रास्ते शबरी की कुटिया में पहुंचते हैं। प्रभु को पाकर माता शबरी धन्य हो जाती है। अपने चखे हुए झूठे बेर को बड़े ही प्रेम भाव से भगवान को खिलाती है।
संत ने कहा कि नारायण प्रेम के भूखे हैं। जो भी भक्त प्रभु को सच्चे मन से याद करता है उन पर प्रभु की कृपा अपने आप बरसती है। भगवान स्वयं शबरी के पास आए क्योंकि शबरी का मन और कर्म निर्मल था। निर्मल कर्म वालों के पास भगवान स्वयं आते हैं। कथा में शबरी प्रसंग एवं राम-हनुमान मिलन का सजीव मंचन किया गया।
महाराज ने मुख्य यजमान दामोदर अग्रवाल, सत्यनारायण अग्रवाल, ज्योति अग्रवाल, जगन्नाथ गोला, अजय गोला, आर.के. गुप्ता, आगरा से आए आनंद शर्मा, कोटा से अजय शर्मा, वंदना शर्मा, विनोद शर्मा, अर्चना शर्मा, गुड़गांव से शकुंतला शर्मा, धौलपुर से सत्यनारायण, जयपुर से महेंद्र कटारा, सत्यदेव भारद्वाज, रामअवतार तिवारी, डॉ.आनंद शर्मा को दुपट्टा पहनाकर आशीष दिया।
भजन सुनें : बरसा सूं यो दिन आयो
कथा में शोभा तिवारी, दीपा शर्मा, रमा शर्मा, जी.के. श्रीवास्तव, अरूण गर्ग, बुधराज चौहान, मोहन दगदी, गोपाल वर्मा, सुमित सारस्वत, मृदृला उपाध्याय, साधना सारस्वत, शकुंतला शर्मा, रमा शर्मा, सुमन शर्मा, मंजू शर्मा, सुमन पालड़िया, सुमित्रा जैथल्या, नीता, सपना, दिनेश चतुर्वेदी, रमेश शर्मा, रामप्रसाद मित्तल, ओमप्रकाश दगदी, मुकुट बिहारी गोयल, मोहन सिंह रावत, दिलीप सेन सहित सहित सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने धर्मलाभ लिया। अंकुर उपाध्याय ने बताया कि रविवार को अशोक वाटिका में हनुमान-सीता संवाद व राम राज्याभिषेक प्रसंग का सजीव मंचन किया जाएगा। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273
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