सुमित सारस्वत
जन-जन के आराध्य प्रभु श्री राम (Lord Ram) की नगरी में एक दिन यमराज की पूजा भी होती है. काल के देवता कहलाने वाले यमराज की पूजा के लिए विश्व विख्यात धार्मिक नगरी अयोध्या (Ayodhya) में मेला लगता है. हिंदुओं के सबसे बड़े दीपावली महापर्व (Deepwali Festival) पर यह पूजा की जाती है.
कार्तिक शुक्ल मास में दीपावली के तीसरे दिन यम द्वितीया (भाई दूज) के मौके पर अयोध्या के जमथरा घाट (Jamthara Ghat) पर मेला लगता है. बड़ी संख्या में श्रद्वालु यहां यमराज की तपोस्थली पर पूजा करने के लिए पहुंचते हैं. खुद को भयमुक्त रखने और दीर्घायु के लिए यमदेव से प्रार्थना करते हैं.
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भाई के लिए बहनें रखती हैं व्रत
यम पूजा (Yam Puja) के लिए अलसुबह ही श्रद्वालु घाट पर पहुंच जाते हैं. पवित्र सरयू नदी (Saryu River) में स्नान के बाद यमदेव की पूजा करते हैं. भाई दूज (Bhai Dooj) के अवसर पर बहनें व्रत रखकर अपने भाई के कल्याण और दीर्घायु होने की कामना भी करती हैं.
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यह है प्राचीन मान्यता
अवध में प्रचलित पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यमराज ने इस तपोस्थली को माता सीता से प्राप्त किया था. मान्यता यह भी है कि यम देव की पूजा-अर्चना करने वालों को मृत्यु का भय नहीं होता. यही वजह है कि जमथरा घाट पर यमराज महाराज की पूजा अर्चना करते हैं. बरसों से यहां यम द्वितीया का मेला लगता है. देशभर से बड़ी संख्या में आस्थावान यम पूजा के लिए इस मेले में आते हैं. ©सुमित सारस्वत
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