श्री सीमेंट के नाम खुला पत्र
बांगड़ परिवार

मुझे ये भी विदित है कि आपकी तरफ से मृतकों के लिए एक-एक लाख रुपए सहायता की घोषणा की जा चुकी है। पर यह सर्व विदित है कि इतने रुपए में तो एक कमरा भी मुश्किल से बन पाता है। मेरा निवेदन है कि मन्दिर वार्षिकोत्सव में होने वाले व्यर्थ खर्च को रोक कर ब्यावर के नाम खर्च किया जाए। आपका पूरा ब्यावर सदैव ऋणी रहेगा क्योंकि यह हादसा किसी एक परिवार के साथ नहीं बल्कि ब्यावर के साथ हुआ है। ना केवल मैं बल्कि ब्यावर का हर वासी आज दुखी मन से आपसे यह विन्रम निवेदन करता है।
परोपकाराय फलन्ति वृक्षाः परोपकाराय वहन्ति नद्यः।
परोपकाराय दुहन्ति गावः परोपकारार्थ मिदं शरीरम्॥
परोपकार के लिए वृक्ष फल देते हैं, नदियाँ परोपकार के लिए ही बहती है और गाय परोपकार के लिए दूध देती हैं। अर्थात् यह शरीर भी परोपकार के लिए ही है।
निवेदक
पंडित कृष्ण वल्लब शर्मा
(9414009285)
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