ब्यावर की इंजीनियर हर्षा कोठारी ने सांसारिक जीवन त्यागने का मन बनाया है. अब वे संयम पथ पर बढ़ी है. ब्यावर में मेवाडी गेट निवासी अशोक कोठारी व उषा कोठारी की 28 वर्षीय बेटी हर्षा ने जैन भागवती दीक्षा ग्रहण करने के लिए भीलवाड़ा में आयाेजित शिखर महोत्सव में जैन आचार्य रामलाल म.सा. एवं उपाध्याय प्रवर राजेश मुनि म.सा. के चरणों में आज्ञा पत्र समर्पित किया.
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गुरुवार को गुरुवृंद ने उनका भाव स्वीकार करते हुए दीक्षा घोषणा की. साधुमार्गी जैन संघ ब्यावर के प्रवक्ता नोरतमल बाबेल ने बताया कि मुमुक्षु हर्षा कोठारी की दीक्षा आगामी 3 दिसंबर को होगी. दीक्षा का समाचार मिलते ही साधुमार्गी जैन संघ व सकल जैन समाज में हर्ष छा गया. समता भवन में श्रावक-श्राविकाओं ने हर्ष का जयघोष किया.
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जैन आचार्य ने ब्यावर की हर्षा के साथ ही निम्बाहेड़ा निवासी मुमुक्षु ज्योति कांठेड़ को भी दीक्षा प्रदान करने की सहमति प्रदान की है. राजमल कांठेड़ व टीना कांठेड़ की 26 वर्षीय बेटी ज्योति ने भी साधु जीवन अपनाने का फैसला करते हुए दीक्षा की आज्ञा मांगी थी. इनकी दीक्षा 7 फरवरी 2025 को होगी. ©सुमित सारस्वत
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