✍🏻 सुमित सारस्वत
विश्व विख्यात अयोध्या धाम में एक नया इतिहास रचने जा रहा है. श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनने के बाद पहली बार हनुमान जी महाराज इस मंदिर में दर्शन करने आएंगे. 200 साल बाद यह संयोग बन रहा है जब हनुमान जी गर्भगृह में विराजित रामलला का दर्शन करेंगे. राम नगरी में अक्षय तृतीया के अवसर पर 30 अप्रेल को ऐसा इतिहास रचेगा, जिसे आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी.
गाजे-बाजे, हाथी-घोड़े और जयघोष के बीच हनुमान गढ़ी में गद्दीनसीन मुख्य महंत प्रेमदास जी महाराज 200 साल पुरानी परंपरा तोड़कर राम मंदिर जाएंगे. उनके साथ हनुमान जी का पवित्र निशान भी होगा. सोने-चांदी के तारों से निर्मित हनुमान जी का निशान 20 से 25 फीट ऊंचे और करीब 25 किलो वजनी चांदी के दंड पर स्थापित होता है. निशान के साथ अस्त्र-शस्त्र के प्रतीक रूप में चांदी की 12 फीट लंबी छड़ी व बल्लम भी शामिल होते हैं.
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अयोध्या धाम में मान्यता है कि राम मंदिर में दर्शन करने से पहले हनुमान गढ़ी में बालाजी महाराज का दर्शन करना जरूरी है. इस मंदिर की परंपरा है कि यहां गद्दीनसीन महंत कभी भी मंदिर के 52 बीघा परिसर से बाहर नहीं जाते हैं. मंदिर क्षेत्र के अंदर ही उनकी सभी परंपराओं को पूरा किया जाता है, लेकिन ये पहली बार होगा जब हनुमान गढ़ी की बरसों पुरानी परंपरा बदलेगी.
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शाही यात्रा में एक हजार से अधिक नागा साधु भी शामिल होंगे. मां सरयू में पुण्य स्नान के बाद सभी राम मंदिर पहुंचेंगे, जहां रामलला सरकार का दर्शन कर 56 भोग अर्पित करेंगे. इस खास अवसर पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की जाएगी. दुनियाभर में रहने वाले राम भक्तों के लिए यह क्षण ऐतिहासिक और दुर्लभ होगा. कमेंट बॉक्स में जय श्री राम लिखकर यह खबर सभी भक्तों के साथ शेयर करें. ©सुमित सारस्वत
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