✍🏻 सुमित सारस्वत
जयपुर की पूर्णिमा यूनिवर्सिटी (Poornima University) में पंजाब (Punjab) से एग्जाम देने आई छात्रा को कड़ा और कृपाण धारण करने की वजह से एग्जाम रूम में जाने से रोक दिया. कॉलेज प्रबंधन ने कहा कि कड़ा और कृपाण उतारोगे तभी परीक्षा दे सकोगी. छात्रा ने धर्म की मर्यादा का पालन करने हुए इनको नहीं उतारा तो पूर्णिमा यूनिवर्सिटी ने एग्जाम नहीं देने दिया.
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छात्रा गुरप्रीत कौर (Gurpreet Kaur) पंजाब से न्यायिक सेवा परीक्षा (PCS-J) में शामिल होने जयपुर (Jaipur) आई थी. उनका कहना है कि यह धारा 25 का उल्लंघन और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है. आपको बता दें कि सिख धर्म का अनुयायी केश, कड़ा, कृपाण रखता है. धर्म के लिए परीक्षा का 'बलिदान' देने वाली गुरप्रीत की हर तरफ सराहना हो रही है.
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इतना ही नहीं, आत्म सम्मान और धार्मिक आस्था से जुड़ा यह मामला देशभर की सुर्खियां बनने के बाद राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने अहम फैसला लिया. अब भविष्य में कड़ा और कृपाण धारण किए किसी भी सिख छात्र या छात्रा को परीक्षा में शामिल होने से नहीं रोका जाएगा. यह गुरप्रीत के आत्म सम्मान की जीत है. यह महज एक फैसला नहीं, बल्कि संपूर्ण देश की धार्मिक स्वतंत्रता के लिए ऐतिहासिक पुष्टि है. गुरप्रीत की जीत धर्म क्षेत्र के लिए एक मिसाल बन गई है. बरसों-बरस तक धर्म के प्रति गुरप्रीत के इस समर्पण की चर्चा होगी. ©सुमित सारस्वत
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