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July 30, 2025

आज हार गए बाबा श्याम !, भक्त जयसिंह राठौड़ का निधन - Devotee of Baba Shyam passed away


✍🏻 सुमित सारस्वत

जिस कलयुग अवतारी बाबा श्याम को हारे का सहारा कहा जाता है वो आज एक भक्त से हार गए. बाबा श्याम के प्रति आस्था रखते हुए लंबे समय तक अस्पताल के बेड पर जिंदगी और मौत से संघर्ष करते हुए ब्यावर के 35 वर्षीय जयसिंह राठौड़ (Jai Singh Rathore) ने आज जयपुर के एसएमएस अस्पताल में दम तोड़ दिया. ढाका रीफ्रैक्टरीज कंपनी में लगातार 12 साल काम करते हुए उन्हें सिलिकोसिस रोग हो गया था. इस रोग की वजह से उनके दोनों फेफड़े खराब हो गए थे. करीब तीन महीने से अस्पताल में इलाज चल रहा था. अहमदाबाद (Ahmedabad) के राजस्थान हॉस्पीटल (Rajasthan Hospital) में इलाज करवाते हुए जीवन की कमाई खर्च कर चंद रोज पहले जयपुर (Jaipur) के एसएमएस अस्पताल (SMS Hospital) लाए थे. आर्थिक स्थिति कमजोर होने और परिस्थितियां प्रतिकूल हाेने के बावजूद जयसिंह की पत्नी पूजा कंवर (Pooja Kanwar) और परिवारजन ने उनका उपचार करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. पत्नी तीन महीने से दिन रात अस्पताल में साथ रहकर पति की सेवा में जुटी रहीं.

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विड़बंना है कि जिस ढाका रीफ्रैक्टरीज कंपनी को जयसिंह ने अपने युवा जीवन के 12 साल दिए उस कंपनी के मालिक प्रकाश अंबुरे (Prakash Ambure) ने अपने कर्मचारी का इलाज करवाने में आर्थिक मदद करने की बजाय नेताओं की तरह आश्वासन और झांसे ही दिए. कंपनी मालिक की संवेदनहीनता देखिए कि तीन माह में एक रुपए की मदद नहीं दी बल्कि ऐसी विकट स्थिति में सहायता करने की बजाय अप्रेल माह में उपचार अवधि की सैलरी काट ली. खैर, जगजाहिर है कि कुछ करोड़पति के लिए मानव जीवन की कोई कीमत नहीं होती. वे अपना पैसा सामाजिक और धार्मिक दिखावे पर ही खर्च करना पसंद करते हैं जहां उनका नाम हो और उन्हें मंच पर बुलाकर मालाएं पहनाई जाए. अगर अंबुरे परिवार अपने कर्मचारी के उपचार में आर्थिक सहायता करता तो शायद दो मासूम बच्चियों के सिर से पिता का साया नहीं उठता. जयसिंह की मृत्यु से पूजा और उसकी दो बेटियों का जीवन खराब हो गया है.

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जयसिंह और पूजा, दोनों पति-पत्नी की बाबा श्याम में गहरी आस्था रही. हर ग्यारस मंदिर जाकर बाबा का दर्शन और घर में ज्योत जलाना उनका नियम रहा. अस्पताल में रहते हुए मंदिर नहीं जा सकते थे तो परिचित भक्त को रुपए देकर मंदिर में प्रसाद चढ़वाया. साल में कई बार खाटू धाम की पैदल यात्रा करते. श्याम भक्ति का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि कुछ महीनों पहले जयसिंह जब ढाई साल बाद विदेश से लौटा तो सबसे पहले बाबा श्याम के धाम खाटू गया था. 7 मई को उपचार के लिए अहमदाबाद गया तो वहां भी श्री राधा गोविंद देव जी मंदिर जाकर दोनों पति-पत्नी ने भगवान का दर्शन किया.

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जयसिंह रोज सुबह अपने सभी परिचितों को व्हाट्सएप पर बाबा श्याम (Baba Shyam) का दर्शन भेजना कभी नहीं भूलते. हैरानी होगी कि अस्पताल के बेड पर रहते हुए भी सुबह अपनी पत्नी से मोबाइल मांगते और श्याम का दर्शन कर सभी को बाबा की फोटो भेजने का क्रम जारी रहा. उनके मोबाइल के स्टेटस पर भी बाबा की तस्वीरें ही नजर आती थीं. व्यक्तिगत मुलाकात और कॉल रिसीव करने पर भी मुख से जय श्री श्याम (Jai Shri Shyam) ही निकलता था. उपचार के दौरान भरोसे के साथ इतनी तड़प थी कि अस्पताल से छुट्टी मिलने पर घर जाने से पहले श्याम मंदिर जाएंगे लेकिन इस बार हारे का सहारा कहलाने वाले बाबा श्याम हार गए ! न जाने क्या वजह रही कि कलयुग अवतारी अपने एक भक्त काे बचा नहीं पाए ! 
©सुमित सारस्वत

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