✍🏻 सुमित सारस्वत
इन दिनों फंगल इंफेक्शन डब्ल्यूएचओ (WHO) के साथ देश-दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. बदलता मौसम (Climate Change) लोगों की सेहत पर असर डाल रहा है. दिन में गर्मी और रात में सर्दी की वजह से इन दिनों फंगल इंफेक्शन के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इनमें अधिकतर युवा और मध्यम आयु वर्ग के मरीज हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organization) ने खतरनाक फंगल डिजीज से निपटने के लिए नए रिसर्च और डेवलपमेंट की तत्काल जरूरत बताई है.
चंद रोज पहले हरियाणा के स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एचके अग्रवाल ने तेजी से बढ़ रही फंगल बीमारियों पर चिंता जताई थी. कुलपति ने कहा कि नमी और पसीने के कारण संक्रमण तेजी से फैलते हैं. यह समस्या अधिकतर शरीर के गुप्तांग, बगल, गर्दन और पैरों के तलवों पर देखने को मिल रही है. समय पर इलाज न कराने पर यह संक्रमण गंभीर और जानलेवा हो सकता है. मरीजों को स्वच्छता और सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है. अभी फंगल इंफेक्शन के मरीजों की संख्या 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है, यह चिंताजनक है.
फंगल इंफेक्शन के शुरुआती लक्षण
कुलसचिव डाॅ. रूपसिंह ने सलाह दी कि फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. लाल दाने, खुजलीदार त्वचा, नाखूनों का रंग बदलना या अन्य लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें.
संक्रमण से ऐसे करें बचाव
विशेषज्ञों के मुताबिक, संक्रमण से बचाव के लिए त्वचा को साफ रखें. नहाने के बाद शरीर को अच्छे से पोंछें, खासकर अंडरआर्म्स, गर्दन, पैरों के बीच और प्राइवेट पार्ट्स को. बता दें कि नमी फंगल ग्रोथ का सबसे बड़ा कारण है, इसलिए स्किन को ड्राई रखना जरूरी है. रोज नहाएं और तौलिए को धूप में सुखाएं. दूसरों के तौलिया, मोजे या अंडरगारमेंट्स का इस्तेमाल न करें. जिम या स्वीमिंग पूल जैसी जगहों पर साफ-सफाई को लेकर ज्यादा सावधानी बरतें. खुजली या रेडनेस लगातार लंबे समय तक बनी रहे, तो तुरंत ही किसी डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें. ©सुमित सारस्वत






 
 
 
 
 
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