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November 27, 2024

अजमेर दरगाह में संकटमोचन शिव मंदिर !, कोर्ट ने याचिका मंजूर कर दरगाह कमेटी व अन्य को भेजा नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला - Ajmer Dargah Case

✍🏻 सुमित सारस्वत
ज्ञानवापी (Gyanvapi Mosque) और ताजमहल (Tajmahal) के बाद अब अजमेर की विश्व विख्यात ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा किया गया है. हिंदू सेना (Hindu Sena) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कोर्ट में याचिका दायर कर अजमेर दरगाह (Ajmer Dargah) में संकटमोचन महादेव मंदिर होने का दावा किया है. जिसे अजमेर सिविल न्यायालय पश्चिम ने स्वीकार करते हुए सुनने योग्य माना है. कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस देकर पक्ष रखने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी.

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दरगाह पक्ष की तरफ से आई प्रतिक्रिया
अजमेर शरीफ दरगाह (Ajmer Sharif Dargah) के खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने इस मामले पर मीडिया को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कभी बाबरी मस्जिद, कभी मथुरा, कभी काशी, कहीं मस्जिदें शहीद की जा रही है, कहीं मॉब लिचिंग, यह एक एजेंडे के तहत बीते 10 साल से हो रहा है. 800 साल पुरानी अजमेर दरगाह में हर देश, हर धर्म के करोड़ों लोग आते हैं. अभी जनवरी के पहले सप्ताह से 813वां उर्स (Ajmer Urs 813) शुरू होगा. इससे पहले सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश हुई है, हालांकि यह कोशिश सफल नहीं होगी.
©सुमित सारस्वत

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November 21, 2024

नजर चूकी और माल पराया, शादियों में चोरियां कर रही ‘बैंड बाजा बारात' गैंग, राजस्थान के इन दो शहरों में हुई वारदात - Theft in Wedding

✍🏻 सुमित सारस्वत
आधुनिकता की चकाचाैंध के बीच अब शादियों में चोरी की वारदातें बढ़ने लगी है. ‘बैंड बाजा बारात' गैंग के गुर्गे नकली मेहमान बनकर शादियों में पहुंचते हैं और मौका देखते ही माल पर हाथ साफ कर देते हैं. शादी में परिवार वालों की नजर चूकी और माल पराया हो जाता है. शादियों की सीजन के बीच गुरुवार को राजस्थान (Rajasthan) के दो शहरों में चोरी के मामले सामने आए, जहां बदमाशों ने शादियों में चोरी की वारदातों को अंजाम दिया और गहने व कैश से भरा बैग लेकर फरार हो गए. अब पुलिस मैरिज गार्डन में लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चोरों की तलाश में जुटी है.

सगाई से पहले 13 लाख के गहने चोरी
राजधानी जयपुर (Jaipur) में हाइवे स्थित मिरेकल मैरिज गार्डन में झोटवाड़ा निवासी श्रवण चौधरी के बेटे की सगाई समारोह का प्रोग्राम हो रहा था. इस दौरान स्टेज पर जाने के लिए उनकी बेटी हाथ में लगा बैग रिश्तेदार महिला के पास रखकर चली गई. तभी दो बदमाश आए और नजर बचाकर कुर्सी के पास रखा बैग चुराकर ले गए. कुछ देर बाद जब लड़की लौटी तो बैग चोरी होने का पता चला. गहने-कैश का बैग चोरी की सूचना पर हरमाड़ा थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की. पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक, बैग में 13 लाख रुपए के गहने और 8 हजार रुपए रखे थे. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर फरार चोरों की तलाश जारी है.

मायरा भरने से पहले लाखों की चोरी
ब्यावर (Beawar) के राधाकुंज गार्डन में शादी (Marriage) के बीच हल्दी की रस्म के दौरान एक चोर गहनों और कैश से भरा बैग लेकर फरार हो गया. पीड़ित सुरेश वैष्णव अपने भांजे की शादी के लिए मायरा भरने आए थे. वैष्णव विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष हैं. शादी में चोरी की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और परिवार वालों से वारदात की जानकारी लेकर सीसीटीवी फुटेज खंगाले. वीडियो में एक चोर बैग चुराकर भागता दिख रहा है. धर्मीचंद वैष्णव की ओर से दी शिकायत के मुताबिक, बैग में 15 तोला स्वर्ण आभूषण और 5 लाख रुपए थे. ब्यावर में चोरी की ऐसी ही वारदात केसरीनंदन गार्डन में सीताराम शर्मा के पुत्र की शादी में हुई थी.

चोरी में नाबालिगों का इस्तेमाल
गुरुवार को ही दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच ने ‘बैंड बाजा बारात’ गैंग का पर्दाफाश किया है, जो शादियों में चोरी करने के लिए मशहूर थी. यह गैंग महिलाओं और बच्चों का इस्तेमाल करती थी. क्राइम ब्रांच के एडिशनल कमिश्नर संजय भाटिया ने मीडिया को बताया कि गैंग के लोग महिलाओं और बच्चों का कॉन्ट्रैक्ट कर उन्हें बाकायदा ट्रेनिंग देते थे. इसके बाद शादियों के मौसम में किराए पर कमरा लेकर चोरी को अंजाम देते. गैंग पहले शादी में परिवार वालों की पहचान करती, फिर ऐसे बैग को टारगेट करती जिसमें कैश या जेवरात होने की संभावना होती. बैग चोरी करने के बाद इसे तुरंत दूसरे सदस्य को पास किया जाता. यह बैग तीन-चार लोगों के जरिए रेलवे स्टेशन तक पहुंचता और वहां से ट्रेन के जरिए गांव भेज दिया जाता.
©सुमित सारस्वत

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कांग्रेस से महिलाओं का मोह भंग !, पार्टी कार्यक्रमों में कार्यकर्ताओं का टोटा

✍🏻 सुमित सारस्वत
बीते विधानसभा और लोकसभा चुनाव (Elections) के बाद जहां एक ओर देश में कांग्रेस (Congress) की स्थिति सुधरी है वहीं दूसरी ओर ब्यावर (Beawar) में कांग्रेस की स्थिति दिनोंदिन बिगड़ रही है. इस विपक्षी पार्टी से कार्यकर्ता ही दूरी बनाने लगे हैं. महिलाओं का तो मानो मोह भंग हो गया. शायद यही वजह है कि पार्टी कार्यक्रमों में कार्यकर्ताओं की कमी दिखने लगी है. किसी नेता की जयंती-पुण्यतिथि हो, या ज्ञापन-प्रदर्शन, गिने-चुने कार्यकर्ता ही पहुंचते हैं. आलम यह है कि पदों पर बैठे पदाधिकारी और नगरीय सत्ता का लाभ भोग रहे पार्षद भी पार्टी कार्यक्रमों में उपस्थित नहीं होते. सच्चाई यह ताजा तस्वीर बयां कर रही है.

कांग्रेस पार्टी की पूर्वज महिला नेत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देने के लिए गिनती के 27 पुरुष कार्यकर्ताओं संग महज एक महिला मौजूद है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, ब्यावर कांग्रेस के कार्यक्रमों की अधिकांश तस्वीरों में चुनिंदा कार्यकर्ता ही दिखते हैं. इसे कुशल नेतृत्व की कमी कहें, या संगठन की नीतियों का प्रभाव, इसके जवाब में अधिकांश जिम्मेदार पदाधिकारियों ने एक ही बात कही, 'हम सभी को सूचना देकर बुलाते हैं लेकिन कार्यकर्ता आते नहीं तो क्या करें!'

अब बड़ा सवाल यह है कि यदि वो आते नहीं तो उन्हें पद सौंपने का क्या औचित्य? जो संगठन के लिए समर्पित नहीं उन्हें पदमुक्त क्यों नहीं करते? अगर अभी निकाय चुनाव होते तो 30 प्रतिशत आरक्षित टिकट किन महिलाओं को देते? रफ्तार से भागते वक्त में कछुआ चाल से लुप्त होने को आतुर कांग्रेस को इन सवालों के जवाब गंभीरता से तलाशने चाहिए, अन्यथा अब ब्यावर के किसी कांग्रेस नेता का विधानसभा में जाने और नगर परिषद की सत्ता पर काबिज होने की ख्वाहिश ख्वाब ही रह जाएगी. ©SumitSaraswatSP
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November 16, 2024

प्रसाद चाहिए तो पहले रसीद कटवाइए, जानें कहां बिकने लगा अन्नकूट ? - Annakut Prasad on Govardhan Puja

✍🏻सुमित सारस्वत
पौराणिक मान्यता के मुताबिक, दीपावली महापर्व के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की शरण में देवराज इंद्र के अभिमान को समाप्त किया और गोवर्धन पूजा
(Govardhan Puja) की परंपरा शुरू की. तभी से लोग हर साल गोवर्धन पूजा कर रहे हैं. इस पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) और गोवर्धन जी को अन्नकूट बनाकर भोग लगाते हैं.

भगवान श्री राम
(Lord Ram) के वनवास से अवध (Ayodhya) लौटने की खुशी में मनाए जाने वाले दीपावली महापर्व (Diwali Festival) के दूसरे दिन ही गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है ? और कब से की जा रही है ? इसकी कहीं कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.

क्या है अन्नकूट ?
मान्यता के मुताबिक, गोवर्धन पूजा के शुभ अवसर पर लोग 56 या 108 प्रकार के पकवान बनाकर श्रीकृष्ण को भोग स्वरूप अर्पित करते हैं, इन्हीं पकवानों को 'अन्नकूट' कहा जाता है. इसके बिना गोवर्धन पूजा अधूरी मानी जाती है. अन्नकूट में कई तरह की सब्जियां, कढ़ी, चावल, खीर, पूड़ी, मिठाईयां, रबड़ी, पेड़े, मक्खन, मिश्री आदि तरह-तरह की चीजें बनाते हैं.

अब आनंद के लिए अन्नकूट !
गोवर्धन पूजा के साथ शुरू हुई अन्नकूट परंपरा में वक्त के साथ बदलाव आ गया है. अब लोग आनंद के लिए अन्नकूट का आयोजन करने लगे हैं. अलग-अलग धर्मस्थलों पर कई-कई दिन तक सहूलियत के अनुसार अन्नकूट आयोजन होने लगे हैं. इतना ही नहीं, जिन धर्मस्थलों में ठाकुरजी विराजमान नहीं हैं, उन देवी-देवताओं के धर्मस्थलों पर भी लोग यह आयोजन कर रहे हैं. कई-कई जगह पर तो बाकायदा पंगत लगाकर भोजन होने लगा है.

प्रसाद पाने पहुंचे लोग हुए निराश
बदलते वक्त के साथ अब कुछ धर्मस्थलों पर अन्नकूट के नाम पर व्यापार होने लगा है. ट्रस्टी और सेवादार इस प्रसाद को भी बेचने लगे हैं. बाकायदा इसके लिए रसीद कटवाने का दबाव बनाया जाता है. वहीं कई जगहों पर पंगत में बैठकर प्रसाद खिलाने के लिए रुपए लिए जाते हैं. धर्मस्थलाें पर होने वाले इस कृत्य से आस्थावान लोगों में आक्रोश और निराशा नजर आई. एक बड़े धर्मस्थल पर अन्नकूट प्रसाद
(Annakut Prasad) पाने पहुंचे लोगों को ट्रस्ट अध्यक्ष ने रसीद कटवाने का दबाव बनाया. इस बात पर लोगों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए अध्यक्ष को खरी-खोटी भी सुनाई.

लोगों को भी बदलनी होगी धारणा
धार्मिक स्थलों पर होने वाले अन्नकूट आयोजन में पहुंचने वाले लोगों को भी अपनी धारणा बदलनी होगी. इस प्रसाद को पाने के लिए कई लोग अपने साथ बड़े-बड़े टिफिन लेकर पहुंच जाते हैं. कई लोग तो इतनी अधिक मात्रा में अन्नकूट ले जाते हैं कि उनके घर में एक वक्त भोजन का जुगाड़ हो जाता है. लोगों को यह सोच बदलनी हाेगी. प्रसाद को प्रसाद की तरह पाएंगे तभी प्रसाद की सार्थकर्ता सिद्ध होगी.
©सुमित सारस्वत
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दीपावली के दूसरे दिन क्यों होती है गोवर्धन पूजा ? क्या है यह अनछुआ रहस्य - Govardhan Puja on Diwali

✍🏻सुमित सारस्वत

पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की शरण में देवराज इंद्र के अभिमान को समाप्त किया और गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) की परंपरा शुरू की. तभी से लोग हर साल गोवर्धन पूजा कर रहे हैं. इस पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) और गोवर्धन जी को अन्नकूट बनाकर भोग लगाया जाता है.

भगवान श्री राम (Lord Ram) के वनवास से अवध (Ayodhya) लौटने की खुशी में मनाए जाने वाले दीपावली महापर्व (Diwali Festival) के दूसरे दिन ही गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है ? और कब से की जा रही है ? इसकी कहीं कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.

क्या है अन्नकूट ?
मान्यता के मुताबिक, गोवर्धन पूजा के शुभ अवसर पर लोग 56 या 108 प्रकार के पकवान बनाकर श्रीकृष्ण को भोग स्वरूप अर्पित करते हैं, इन्हीं पकवानों को 'अन्नकूट' कहा जाता है. इसके बिना गोवर्धन पूजा अधूरी मानी जाती है. अन्नकूट (Annakut Prasad) में कई तरह की सब्जियां, कढ़ी, चावल, खीर, पूड़ी, मिठाईयां, रबड़ी, पेड़े, मक्खन, मिश्री आदि तरह-तरह की चीजें बनाते हैं
. ©सुमित सारस्वत

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November 8, 2024

यूपी में महिला सुरक्षा के लिए बड़ा अहम फैसला, पुरुष टेलर नहीं ले सकेंगे महिलाओं का माप, जिम में भी रोक

✍🏻सुमित सारस्वत
भारत में बढ़ते दुष्कर्म (Rape) मामलों के बीच महिला सुरक्षा के लिए एक बड़ा अहम फैसला हुआ है. यूपी महिला आयोग ने तय किया है कि अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में ब्यूटी पार्लर, बुटिक, योगा सेंटर और जिम में महिलाओं के लिए पुरूषों को काम पर नहीं लगाया जा सकता.

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आयोग अध्यक्ष बबीता चौहान (Babita Chauhan) ने बताया कि यूपी में अब पुरुष टेलर महिलाओं का माप नहीं ले सकेंगे. ब्यूटी पार्लर में मेकअप का काम महिला ब्यूटीशियन और योगा सेंटर व जिम में भी महिला ट्रेनर होना जरूरी है. महिलाओं को पुरुषों के 'गलत इरादे' और 'बैड टच' से बचाने के लिए आयोग ने यह प्रस्ताव दिया है. आयोग का मानना है कि इस तरह के पेशे में शामिल पुरुषों की वजह से महिलाओं के साथ छेड़छाड़ होती है. पुरुष महिलाओं के साथ गलत व्यवहार की कोशिश करते हैं.

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आयोग अध्यक्ष ने कहा कि इस फैसले से महिला सुरक्षा बढ़ेगी. साथ ही महिलाओं के लिए नौकरी रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. आयोग के इस फैसले को देशभर से समर्थन मिल रहा है. लोग इस फैसले पर खुशी जताते हुए पूरे देश में लागू करने की मांग कर रहे हैं.
©सुमित सारस्वत

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