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September 28, 2024

कृष्ण नगरी में मिल गई गीता !, जानें क्या थी घर छोड़कर वृंदावन जाने की वजह - Laapataa Ladies Found

✍🏻 सुमित सारस्वत

इन दिनों फेमस हिंदी फिल्म 'लापता लेडीज' की चर्चाओं के बीच कल शनिवार सुबह ब्यावर (Beawar) से लापता हुई गीता चौहान का पता लग गया है. परिजन का कहना है कि, गीता ने आज रविवार सुबह अपनी बेटी रानू को कॉल कर खुद के वृंदावन (Vrindavan) में सुरक्षित होने की बात कही है. उन्होंने बेटी से कहा कि 'परेशान मत होना, मैं कल घर लौट आऊंगी.'

शुक्र है कि गीता (Geeta) सुरक्षित हैं लेकिन उनके इस तरह बिना बताए चले जाने से पूरे शहर के साथ उनके परिजनों और रिश्तेदारों को काफी परेशानी हुई. सभी ने अपने-अपने वाहनों और साधनों की सहायता से उन्हें कई शहरों में तलाश किया. ब्यावर के लगभग हर व्हाट्सएप ग्रुप में कल कई कई बार उनकी तस्वीरें वायरल कर लोगों ने उनका पता लगाने का प्रयास किया.

यह सभी को पता है कि गीता भक्ति भाव से जुड़ी हैं. अगर उन्हें कहीं जाना ही था तो परिवार को बताकर चले जाते, लेकिन मानसिक तनाव में मनुष्य ऐसा नहीं सोचता. गीता की व्यक्तिगत पहचान के कारण उनका यह मामला पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया, इसलिए यह जानना जरूरी है कि भजन-कीर्तन करने वाली गीता को आखिर किस बात का तनाव हो गया? इस सवाल के जवाब में परिजन ने बताया कि कुछ समय से उनकी बेटी के वैवाहिक रिश्ते की बात चल रही है. परिवार को मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) का एक लड़का पसंद आया लेकिन गीता अपनी लाड़ली को इतना दूर नहीं भेजना चाहती. बस, इतनी सी बात पर परिवार में सहमति नहीं बनी और बेटी के दूर चले जाने की सोच से गीता कुछ दिन से तनाव में थी. हालांकि अभी बेटी का रिश्ता तय नहीं हुआ था. लेकिन यह तय है कि इस घटना से सबक लेकर परिवार अब गीता के विचारों का आदर करते हुए सर्व सहमति से ही कोई फैसला करेगा.

वर्तमान वक्त में लगभग हर घर में किसी न किसी बात का तनाव है. कहीं स्वास्थ्य को लेकर, तो कहीं व्यापार में मंदी. कहीं पति-पत्नी में अनबन, तो कहीं बच्चों की हरकतों से परेशानी. कहीं कर्ज से तनाव, तो कहीं जॉबलेस होने की चिंता. ऐसे नकारात्मक माहौल में भी मनुष्य को सकारात्मक रहने की बेहद आवश्यकता है. सभी को पता है कि कोरोना काल (Corona Pandemic) के बाद इम्युनिटी सिस्टम कमजोर हो गया है. आए दिन हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं. जरूरी है कि घर-परिवार को तनावमुक्त रखें. खुश रहें और प्रत्येक व्यक्ति की खुशी का ख्याल रखें. -सुमित सारस्वत, मो.9462737273

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September 23, 2024

अग्रवाल समाज इस तरह मनाएगा अग्रसेन महाराज की 5148वीं जयंती, जानें कब-कौनसा कार्यक्रम? - Agrasen Jayanti Mahotsav 2024

सुमित सारस्वत
भारतीय अर्थव्यवस्था में अग्रणी अग्रवाल समाज के आराध्य महाराजा अग्रसेन जी की 5148वीं जयंती धार्मिक नगरी ब्यावर में हर्षोल्लास से मनाई जाएगी. दस दिवसीय महोत्सव के तहत विभिन्न आयु वर्ग के लिए खेलकूद और सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं होंगी. इसे लेकर समाज ने व्यापक स्तर पर तैयारियां की है.

अग्रवाल समाज अध्यक्ष मुकेश अरड़का ने बताया कि 25 सितंबर को आराध्य देव के पूजन और ध्वजारोहण के साथ दस दिवसीय कार्यक्रम की शुरूआत करेंगे. 4 अक्टूबर तक कई प्रतियोगिताओं के साथ श्याम भजन संध्या, राणी सती मंगल पाठ, कवि सम्मेलन, गरबा और अन्य आयोजन करेंगे. समाज ने जयंती संयोजक सतीश सर्राफ, सह संयोजक अशोक गोयल, निखिल जिंदल, राजेंद्र सर्राफ, संजय जिंदल को जिम्मा सौंपा है.

26 सितंबर को बरसेगा श्याम रस
जयंती संयोजक सतीश सर्राफ ने बताया कि प्रथम दिन 25 सितंबर को सुबह 9 बजे शिशु प्रदर्शनी व 9.30 बजे रक्तदान शिविर लगाएंगे. शाम 7.30 बजे से युवतियाें व महिलाओं के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. 26 सितंबर को दोपहर 2 बजे से बच्चों की खेलकूद प्रतियोगिताएं होंगी. रात 8 बजे से श्री श्याम रस भजन संध्या में कोलकाता के गायक तुषार चौधरी, दौसा के अजय शर्मा व ब्यावर के दीपांशु अग्रवाल भक्ति गुणगान गाएंगे. भजन संध्या के लिए बाबा श्याम का भव्य दरबार सजाएंगे. ©सुमित सारस्वत

सेवा के बाद होगी अंताक्षरी

27 सितंबर को दोपहर 2 बजे से बालकों व युवकों के लिए खेलकूद प्रतियोगिताएं होंगी. शाम 7.30 बजे से सांस्कृतिक संध्या में बालिकाएं विविध वेशभूषा व एकल नृत्य प्रस्तुत करेंगी. 28 सितंबर काे सुबह 8.30 बजे गौशाला में गौ सेवा व पौधरोपण करेंगे. दोपहर 2 बजे से युवतियों व महिलाओं के लिए खेलकूद प्रतियोगिताएं होंगी. दोपहर 2.30 बजे से म्यूजिकल अंताक्षरी में गीताें के तराने गूंजेंगे.

कवि सम्मेलन में गुदगुदाएंगे कवि
28 सितंबर की रात 8 बजे से कवि सम्मेलन का आयोजन होगा. जिसमें हास्य कवि अपनी काव्य रचनाओं से श्रोताओं को गुदगुदाएंगे. मंच संचालन बुद्धिप्रकाश दाधीच करेंगे. हास्य कवि शंभू शिखर, मुन्ना बैटरी, दिनेश देसी घी के साथ श्रृंगार रस कवयित्री पद्मिनी शर्मा व ओजस्वी कवि योगेंद्र शर्मा रचनाएं सुनाएंगे.

फन फेयर में होगी मौज-मस्ती

29 सितंबर को सुबह 8 बजे से बालकों व युवकों और सुबह 10.30 बजे से बालिकाओं व युवतियों के लिए बैडमिंटन प्रतियोगिता होगी. दोपहर 2 बजे से फन फेयर में मौज-मस्ती के साथ विभिन्न व्यंजनों व गेम्स का लुत्फ लेंगे. 30 सितंबर को दोपहर 2 बजे से महिलाओं के लिए खेलकूद प्रतियोगिताएं व भजन अंताक्षरी होगी. शाम 7.30 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम में बालक विविध वेशभूषा और एकल नृत्य प्रस्तुति देंगे. 1 अक्टूबर को सुबह 6 बजे योग शिविर, दोपहर 2 बजे बालिकाओं व युवतियों के लिए खेलकूद प्रतियोगिता और शाम 7.30 बजे से बॉलीवुड अंताक्षरी होगी. ©सुमित सारस्वत


मंगल पाठ कर निकालेंगे कलश शोभायात्रा
समाज मंत्री श्रवण बंसल ने बताया कि 2 अक्टूबर को दोपहर 1.30 बजे से गायक गोपाल वर्मा के साथ राणी सती दादी का संगीतमय मंगपाठ करेंगे. 3 अक्टूबर को सुबह 9 बजे से कलश शोभायात्रा निकालेंगे. शाम 7.30 बजे से बालिकाएं व महिलाएं गरबा डांडिया रास करेंगी. प्रचार मंत्री चंद्रेश गर्ग ने बताया कि 4 अक्टूबर को शाम 7 बजे समापन समारोह व पुरस्कार वितरण समारोह होगा. कार्यक्रम में कलाकार शिव तांडव व महारास प्रस्तुत करेंगे.

समाज सदस्यों ने की व्यापक तैयारियां
जयंती महोत्सव को सफल बनाने के लिए समाज सदस्यों ने व्यापक तैयारियां की है. निर्मल बंसल, आरसी गोयल, शैलेंद्र गुप्ता, मनीष जिंदल, मुकेश गर्ग, अतुल बंसल, अमित बंसल, पूर्वा डाणी, ललिता जालान, सीमा गुप्ता, सीमा बंसल, नरेश मित्तल, गिरधारी अग्रवाल, रोशन बादशाह, नितेश गोयल, आलोक गुप्ता, पवन रायपुरिया, श्यामसुंदर अग्रवाल, राजकुमार गोयल, अभिषेक सटाक, रजत अग्रवाल, चिराग गर्ग व अन्य समाज सदस्य तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. ©सुमित सारस्वत, मो.9462737273

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September 5, 2024

Teachers Day Special : यह रखते हैं सफल जीवन की नींव, जिनके बिना अधूरा है ज्ञान

गुरु, शिक्षक, आचार्य, अध्यापक या टीचर ये सभी शब्द ऐसे व्यक्ति को व्याख्यातित करते हैं जो हमें ज्ञान देते हैं, सिखाते हैं. इन्हीं शिक्षकों को धन्यवाद देने के लिए एक दिन है जो 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में जाना जाता है. सिर्फ धन देकर ही शिक्षा हासिल नहीं होती बल्कि अपने गुरु के प्रति आदर, सम्मान और विश्वास, ज्ञानार्जन में बहुत सहायक होता है. पढ़ें यह रिपोर्ट..



"गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागू पाय ।
बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय ।।"

कबीर दास जी द्वारा लिखी गई यह पंक्तियां जीवन में गुरु के महत्व को वर्णित करने के लिए काफी हैं. जीवन में माता-पिता का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता क्योंकि वे ही हमें इस रंगीन खूबसूरत दुनिया में लाए हैं. उनका ऋण हम किसी भी रूप में उतार नहीं सकते, लेकिन जिस समाज में हमें रहना है, उसके योग्य हमें केवल शिक्षक (Teacher) ही बनाते हैं. यद्यपि परिवार को बच्चे के प्रारंभिक विद्यालय का दर्जा दिया जाता है लेकिन जीने का असली सलीका उसे शिक्षक ही सिखाते हैं. समाज के शिल्पकार कहे जाने वाले शिक्षकों का महत्व यहीं समाप्त नहीं होता, क्योंकि वह ना सिर्फ हमें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं बल्कि सफल जीवन की नींव भी उन्हीं के हाथों से रखी जाती है.

शिक्षक की महत्ता को समझते हुए हर वर्ष जिनकी वजह से 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है वह हैं- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr Sarvepalli Radhakrishnan). कहते हैं कि जब वह राष्ट्रपति (President) के पद पर सुशोभित हुए तो उनके शिष्यों और चाहने वालों ने उनके सम्मान में 5 सितंबर को उनका जन्मदिवस मनाने का विचार उनके समक्ष रखा. इस पर उन्होंने इस दिन को अर्थात् 5 सितंबर को सभी शिक्षकों के सम्मान का दिन शिक्षक दिवस (Teachers Day) मनाने को कहा था. तब से हम डॉ. सर्वपल्ली के जन्मदिन के साथ शिक्षक दिवस भी मना रहें हैं. अत: इस दिन हम सब के साथ, विशेष तौर से हर शिक्षक को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का अवश्य आभार व्यक्त करना चाहिए, जिनकी वजह से 5 सितंबर का दिन 'शिक्षक सम्मान का दिन' कहा जाता है.

कबीर जी ने गुरु और शिष्य के लिए एक दोहा कहा है..
"सब धरती कागज करुं, लेखनी सब वनराय ।
सात समुद्र की मसी करुं, गुरु गुण लिखा ना जाय ।।"

कच्चे घड़े की भांति स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को जिस रूप में ढालो, वे ढल जाते हैं. वे स्कूल (School) में जो सीखते हैं या जैसा उन्हें सिखाया जाता है वे वैसा ही व्यवहार करते हैं. उनकी मानसिकता भी कुछ वैसी ही बन जाती है जैसा वह अपने आसपास होता देखते हैं. सफल जीवन के लिए शिक्षा बहुत उपयोगी है जो हमें गुरु प्रदान करते हैं. गुरु का संबंध केवल शिक्षा (Education) से ही नहीं होता बल्कि वह तो हर मोड़ पर आपका हाथ थामने के लिए तैयार रहते हैं. आपको सही सुझाव देते हैं और जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं. 
©सुमित सारस्वत

गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है, जिसके कई स्वर्णिम उदाहरण हमारे इतिहास में दर्ज हैं. हम बात कर रहे हैं ऐसे गुरुओं की जिन्होंने हमेशा समाज के सामने एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया. प्राय: सख्त और अक्खड़ स्वभाव वाले यह शिक्षक अंदर से बेहद कोमल और उदार होते हैं. आपके जीवन में भी कभी न कभी ऐसे गुरु या शिक्षक का आगमन हुआ होगा जिन्होंने आपके जीवन की दिशा बदल दी या फिर आपको जीवन जीने का सही ढ़ंग सिखाया हो.

"यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान ।
शीश दिये जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान ।।"

संत कबीर जी के शब्दों से भारतीय संस्कृति में गुरु के उच्च स्थान की झलक मिलती है. भारतीय बच्चे प्राचीन काल से ही आचार्य देवो भव: का बोध-वाक्य सुनकर ही बड़े होते हैं. माता पिता के नाम के कुल की व्यवस्था तो सारे विश्व के मातृ या पितृ सत्तात्मक समाजों में चलती है परन्तु गुरुकुल का विधान भारतीय संस्कृति की अनूठी विशेषता है.

हमेशा इस बात को ध्यान में रखें कि आप एक छात्र हैं, और उम्र में अपने शिक्षक से काफी छोटे हैं. और फिर हमारे संस्कार भी तो हमें यही सिखाते हैं कि हमें अपने से बड़ों का आदर करना चाहिए. हमें अपने गुरु (Guru) का आदर-सत्कार करना चाहिए. हमें गुरु की बात को ध्यान से सुनना और समझना चाहिए. अगर आपने अपने क्रोध, ईर्ष्या को त्याग कर अपने अंदर संयम के बीज बोये तो निश्चित ही आपका व्यवहार आपको बहुत ऊंचाइयों तक ले जाएगा, और तभी हमारा शिक्षक दिवस मनाने का महत्व भी सार्थक होगा.

शिक्षक दिवस के इस शुभ अवसर पर उन शिक्षकों को शत-शत प्रणाम जिनकी प्रेरणा और प्रयत्नों की वजह से आज हम इस योग्य हुए कि मनुष्य बनने का प्रयास कर सकें.
©सुमित सारस्वत

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True Love Story: अगाध प्रेम की अनूठी मिसाल है यह प्रेमी युगल, एक ही दिन हुआ था दोनों का जन्म

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी श्री कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) कहलाती है और भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी राधा अष्टमी (Radha Ashtami) के नाम से विख्यात है. क्या यह एक अदभुत संयोग नहीं है कि श्रीकृष्ण जी का जन्म भी अष्टमी को हुआ था और उनकी प्राणप्रिया राधाजी भी अष्टमी को ही अवतरित हुई थी.

राधा रानी के प्रति श्रीकृष्ण के अगाध आत्मीय प्रेम की यह बड़ी और जीवंत मिसाल है. एक और खास बात यह है कि राधा का जन्म दिन में 12 बजे हुआ और कन्हैया का जन्म रात में 12 बजे हुआ. कृष्ण जन्म के उपलक्ष में जन्माष्टमी मनाई जाती है और राधाजी के जन्म उपलक्ष में राधाष्टमी.
आपको कृष्ण प्रिया श्री राधाजी के जन्म अष्टमी महापर्व की ढेरों बधाई..
©सुमित सारस्वत

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August 25, 2024

जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण के लिए क्या बोले राजस्थान सीएम भजनलाल शर्मा - CM Bhajanlal Sharma on Janmashtami

भारत देश में 26 अगस्त को भगवान श्री कृष्ण जन्म का पर्व जन्माष्टमी (Janmashtami) धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाएगा. इस पावन पर्व पर राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) ने प्रदेशवासियों को जन्माष्टमी की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.

सीएम शर्मा ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) ने निष्काम कर्म करने, शोषण एवं अन्याय का प्रतिकार करने तथा जरूरतमंद लोगों के कल्याण के लिए सदैव समर्पित रहने का संदेश दिया.

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे भगवान श्रीकृष्ण के महान आदर्शों को आत्मसात करते हुए समाज में भाईचारे की भावना को मजबूत करने तथा गरीब व उपेक्षित की मदद करने का संकल्प लें. ©सुमित सारस्वत

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August 23, 2024

'सेक्स करना है तो हमारे पास आओ, लेकिन ऐसे नहीं..' कहते हुए क्यों रोने लगी सेक्सवर्कर्स?

  • भारत के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया सोनागाछी में इस तरह छलका सेक्सवर्कर्स का दर्द


Kolkata Doctor Rape Case: "अगर आपको हवस ही मिटानी है, अगर आपको सेक्स करना है तो हमारे पास आइए ना. पढ़ने-लिखने, कामकाज करने वाली महिलाओं को नोंचने की क्या जरूरत है! जो काम 20 रुपए से 50 रुपए में हो सकता है, उसके लिए किसी की जिंदगी खराब करने की जरूरत क्या है! आपके शहर में सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया है, आप यहां आइए." कोलकाता के सोनागाछी रेड लाइट एरिया की महिलाओं के यह वो शब्द थे जो इंसानों को चीर देने वाले थे और सवाल उठा रहे थे कि उनको भी वो बात समझ आ रही है जो भारत के करोड़ों लोगों को समझ नहीं आती.

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रेड लाइट एरिया नहीं होते तो क्या होता?
कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई वहशी बर्बरता ने पूरे देश को झकझोर दिया है. चारों ओर हैवानियत की चर्चा से लोगों में आक्रोश है. भारत के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया सोनागाछी में कोलकाता रेप केस में न्याय की मांग करते हुए सेक्सवर्कर्स का दर्द छलका. उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि देश के लगभग हर शहर में सेक्सवर्कर्स होने के बावजूद रेप हो रहे हैं. अगर रेड लाइट एरिया नहीं होते तो क्या होता? भारत में जिस तरह दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं वो घातक हैं.

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दुर्गा पूजा में मिट्टी देने से किया इनकार
रेप की घटना से आक्रोशित सोनागाछी की सेक्सवर्कर्स ने इस साल दुर्गा पूजा के लिए अपने आंगन की मिट्टी देने से भी इनकार कर दिया है. आपको बता दें कि वेश्यालयों की मिट्टी का इस्तेमाल बंगाल के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा के लिए मूर्तियां बनाने में किया जाता है. माना जाता है कि कोई व्यक्ति जब वेश्यालय में प्रवेश करता है तो अपने अच्छे गुण वहां त्याग देता है, इसलिए वहां की मिट्टी को पवित्र माना जाता है. लेकिन इस बार सेक्सवर्कर्स ने मिट्टी देने से मना कर दिया है.
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केरल में क्यों हो रही RSS की बैठक?

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पीएम मोदी और चीफ जस्टिस 25 अगस्त को आएंगे राजस्थान, जानिए क्या है वजह? - PM Modi in Rajasthan

PM Modi in Jodhpur: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 25 अगस्त को राजस्थान आएंगे. वे यहां जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट स्थापना के प्लेटिनम जुबली समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे. राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े विशिष्ट अतिथि और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ अध्यक्ष होंगे. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma), विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायाधीश पंकज मित्थल, न्यायाधीश संदीप मेहता समेत कई न्यायाधीश शामिल होंगे.

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पुलिस और प्रशासन हाई अलर्ट
पीएम नरेंद्र मोदी रविवार शाम 4 बजे जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे. वहां से उनका काफिला झालामंड स्थित हाईकोर्ट परिसर के कार्यक्रम स्थल पहुंचेगा. पीएम मोदी करीब दो घंटे रूकेंगे. उनके दौरे को लेकर पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट है. सुरक्षा के मद्देनजर ड्रोन पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं, पीएम के स्वागत की तैयारियां भी जारी है. शहर में जगह-जगह स्वागत द्वार और होर्डिंग्स लगाए जाएंगे. ©सुमित सारस्वत

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ग्लोबलाइजेशन के इस युग ने हमारी जेनरेशन को वैलेंटाइंस डे का तोहफा दिया है। यह दिन प्यार के नाम होता है। इतिहास के पन्ने पलटने पर आप पाएंगे...

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