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June 8, 2019

परमात्मा का साक्षात स्वरूप है भागवत | Bhagwat Katha in Ramdwara Day 1


ब्यावर शहर के रामद्वारा में शनिवार से संगीतमय श्रीमद भागवत कथा प्रारंभ हुई। अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के संत गोपालराम महाराज ने भागवत महापुराण व भगवद गीता में भेद बताते हुए कहा कि गीता भगवान द्वारा किया गया उच्चारण है जबकि भागवत परमात्मा का ही साक्षात स्वरूप है।


संत ने कहा कि काशी ज्ञान, अयोध्या त्याग, नेमिषारण्य तप और वृंदावन प्रेम की भूमि है। उन्होंने मिलता है सच्चा सुख केवल.. प्रार्थना से समझाया कि सुख सर्वत्र व्याप्त है मगर सच्चा सुख केवल परमात्मा की शरण में ही मिलता है। परमात्मा के पास रहने वाला व्यक्ति हर वक्त प्रसन्न रहता है। यहीं उसे सुख, चैन और शांति मिलती है। परमात्मा जिसे अपना लेता है उसे कभी नहीं छोड़ता। कथा प्रारंभ होने से पूर्व आयोजक सीता देवी, अजय अग्रवाल, प्रेम जिंदल, रानी अग्रवाल, निखिल जिंदल, निधि मित्तल, रमेश सिंहल ने महाराज का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। मंच संचालन सुमित सारस्वत ने किया।


इससे पूर्व सुबह कलश व शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ नवरंग नगर स्थित राधाकृष्ण मंदिर से प्रारंभ होकर छावनी रोड, भगत चौराहा, अजमेरी गेट होते हुए कथास्थल रामद्वारा पहुंची। यहां रामद्वारा ट्रस्ट की ओर से स्वागत किया गया। कथा में अशोक गुप्ता, महेश मित्तल, मनीष अग्रवाल, मोनिका गुप्ता, सीमा अग्रवाल, रामप्रसाद मित्तल, राजेंद्र गर्ग, धर्मीचंद शर्मा, ओमप्रकाश दगदी सहित बड़ी संख्या में श्राेताओं ने धर्मलाभ लिया। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273

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June 2, 2019

धोरों की धरती से विदा हो गई डेजर्ट क्वीन | Desert Queen Harish No More

क्वीन हरीश, जो अब इस दुनिया में नहीं रहा। आज सुबह जोधपुर जिले में हुए एक सड़क हादसे में देहावसान हो गया। गंगाजल मूवी में एक आइटम डांस कर देश-दुनिया में पहचान बनाने वाले राजस्थान के इस कलाकार को खो देने की खबर अत्यंत दुःखद है।


हरीश से पहली मुलाकात कई साल पहले लोक मेले में हुई थी। प्रस्तुति के बाद साक्षात्कार किया तब से ही मित्रता थी। ये डांस की हर विधा में माहिर था। एक ऐसा कलाकार जो महिला वेश में मुजरा और बैले डांस से दर्शकों को दंग कर देता
था। चेहरे की भाव-भंगिमाओं से दर्शकों को आनंदित कर देने वाला अभिनय। किसी को आभास भी नहीं होता कि ये लड़की नहीं, लड़का है। जिसे पता लगता वो आश्चर्यचकित हो जाता। वाकई कमाल का कलाकार था।

जब भी शहर से बाहर जाता अपना व्हाट्सएप स्टेटस जरूर अपडेट करता। लौटने पर भी सिर्फ एक शब्द 'जैसलमेर' लिखकर बता देता कि आ गया अपने शहर। आज किले के बाहर खड़ा आसमां की ओर निहारती प्रोफाइल पिक्चर लगी छोड़कर आसमां में ही चला गया। मैं कामना करता हूं कि ईश्वर 'डेजर्ट क्वीन' के अभिनय से खुश होकर इसे अपने पास ही रखेंगे। हादसे में मारे गए अन्य कलाकार साथियों की आत्मा को भी शांति मिले। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273

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May 28, 2019

मुंबई से ब्यावर पहुंची निशान पदयात्रा, श्याम परिवार ने संकीर्तन से किया स्वागत | Shyam Nishan Yatra


मुंबई से खाटूधाम जा रही निशान पदयात्रा का ब्यावर पहुंचने पर श्री श्याम परिवार की ओर से स्वागत किया गया। इस मौके पर श्याम मंदिर में भक्तों ने संकीर्तन कर बाबा काे रिझाया।

मंदिर प्रमुख सुनील कौशिक ने बताया कि बाबा के भक्त चंद्रप्रकाश ढांढण मुंबई से 1350 किलोमीटर की पदयात्रा कर रहे हैं। उदयपुर से कल्पेश मेवाड़ा व उनके दस वर्षीय पुत्र दिव्यांशु भी पैदल यात्रा में साथ जुड़ गए। ब्यावर पहुंचने पर आयोजित कार्यक्रम में मुकेश गर्ग, सुमित सारस्वत, सौरभ सक्सेना, दिलीप खत्री, सुनील सिंहल, निशांत मंगल ने पदयात्रियों को बाबा की छवि भेंट कर गर्मजोशी से स्वागत किया। मंदिर परिसर खाटू नरेश के जयकारों से गुंजायमान हो गया। इसके बाद श्याम संकीर्तन किया गया।

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मुंबई के पदयात्री चंद्रप्रकाश ने सुन लेगा श्याम मेरी आगे मर्जी तेरे.., तुमको नहीं भूलाऊंगा वादा किया निभाऊंगा.., मेरा घर खाटू में बना देते.. जैसे भाव सुनाए तो भक्तों की आंखें नम हो गई। विजय मंडोरा, मनोज शर्मा, चर्चित मंगल, चिराग गर्ग ने भी भजन प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में डॉली सक्सेना, अंजू गर्ग, विकास शर्मा, मयंक सिंहल, संस्कार मंगल, राकेश प्रजापति, उर्मिला भाटी, माधुरी गर्ग, ललित दगदी, राजेंद्र मंगल, उत्तम गर्ग, मुकेश चौहान सहित कई श्याम भक्त शामिल हुए।
-सुमित सारस्वत, मो.09462737273

मन में भाव बना और निशान निकल पड़े
चंद्रप्रकाश ने बताया कि वे मूलत: शेखावाटी राजस्थान के ढांढण गांव निवासी हैं। रोजगार के लिए मुंबई गए थे। वे भजन गायक भी हैं और हर महीने खाटू जाते हैं। वहां दूरदराज से आने वाले पदयात्रियों को देखकर उनके मन में भी पदयात्रा का भाव बना और 25 अप्रेल को निशान लेकर खाटू के लिए पैदल निकल पड़े। अब 50 दिन की यात्रा पूरी कर 13 जून को निर्जला एकादशी के मौके पर खाटू नरेश की नगरी पहुंचेंगे। मार्ग में जगह-जगह श्याम भक्त सेवा कर रहे हैं।
-सुमित सारस्वत, मो.09462737273

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May 25, 2019

मोरारी बापू ने पीएम नरेंद्र मोदी को दी ये महत्वपूर्ण सलाह | Advice to Narendra Modi


भारत में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत से ऐतिहासिक जीत हासिल कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से सत्ता में आए हैं। इसे लेकर पूरे देश में जश्न मनाया जा रहा है। इस बीच अंतर्राष्ट्रीय रामकथा वाचक मोरारी बापू ने पीएम मोदी को बधाई देते हुए सलाह दी है।

राजस्थान में वागड़ क्षेत्र के खड़गदा गांव में आयोजित मानस कबंध रामकथा में बापू ने कहा कि दो दिन रविवार तक विजय उत्सव मना लो और सोमवार से काम पर लग जाओ। जनता ने जनादेश दिया है तो गरीब के झोंपड़े तक जाओ। सबसे मिलो। समस्याओं का समाधान करो। यद्यपि हमारा प्रधानमंत्री कभी छुट्‌टी नहीं ले रहा है पांच साल में कभी अवकाश नहीं लिया। ये हर पल काम करता है। फिर भी साधु होने के नाते मैं सबसे कहूंगा। कटुता मुक्त होकर सबसे प्रेम करो। चाहे तुम सत्ता में हो या विपक्ष में। अब आओ, सबको गले लगा लो। कटुता मुक्त जीत से सब मिलकर शुभ में लग जाएं।


राजनीति कहती है, दुश्मन का दुश्मन मित्र है। मेरी व्यासपीठ कहती है, दुश्मन का दुश्मन भी मित्र हो और दुश्मन भी मित्र हो। ऐसे हम आगे बढ़ें। अब मैत्री हो। अब परस्पर प्रीत हो। सब कटुता, बोले हुए निवेदन सबका अध्याय पूरा कर दो और प्रसन्नता से सबको साथ लिए लाभ के लिए नहीं, राष्ट्र के शुभ के लिए आगे बढ़ें। नया भारत का सपना हम देख रहे हैं तो मूल भारत का गौरव, जो बातें मूल भारत को पुन: स्थापित करने में बाकी हो, उनको मुकम्मल करते हुए आगे बढ़ें और नए भारत का सृजन करें।

  
आजकल राजनीति लाभ में लग जाती है, शुभ में कोई नहीं लगता। आओ, हम सब छोटे-बड़े लाभों को छोड़ दें और एकजुट होकर सबका शुभ करें। ऐसा साधु का विनय है। हनुमानजी आपको बहुत बल दे और इस बल का फल राष्ट्र और विश्व को प्राप्त हो। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273

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पश्चाताप | Pashchatap

कहा जाता है जो आप कर्म करते हैं उसका फल कभी न कभी आपको मिल ही जाता है। ऐसा ही मेरे साथ हुआ।

बात उन दिनों की है जब मैंने कॉलेज में दाखिला लिया था। उसी वक्त एक अन्य लड़की ने भी दाखिला लिया था। उसकी सुन्दरता ने मेरे मन के भीतर जगह बना ली थी। मेघा नाम था उसका। धीरे-धीरे हमारी दोस्ती हुई और देखते ही देखते वो दोस्ती प्रेम में तब्दील हो गई। इस साथ से पता ही नहीं चला कब हमारी ग्रेजुएशन हो गई। हम हमारे रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहते थे। हमने हमारे घर वालों को सब बता दिया और हमारी शादी तय हो गई। इस दौरान मेरी नौकरी भी लग गई और मुझे काम के सिलसिले से बाहर जाना पड़ा।

समय कैसे करवट लेता है किसी को नहीं पता। मेघा ने भी स्कूल ज्वाॅइन कर लिया था। एक दिन वो स्कूल से लाैट रही थी कि किसी ने उसका अपहरण कर लिया और उसे अपनी हवस का शिकार बना लिया। शादी के सिर्फ बीस दिन बचे थे। मेरे मन को अब मेघा से शादी करना गवारा नहीं लगा। मुझे लगा अब वो अपवित्र हो गई है। शायद यह मेरी छोटी सोच थी। पर उस समय मुझे उसका एहसास नहीं हुआ। मैं किसी दूसरी लड़की से शादी करके जीवन में आगे बढ़ गया। मेरे घर बेटी ने जन्म लिया। बेटी की किलकारियों ने पता ही नहीं चलने दिया कि वो कब बड़ी हो गई। अब उसकी शादी की बात चलने लग गई। उसको उसी के कॉलेज का दोस्त साहिल पसंद था। उसने हमें बताया और हमने दोनों की शादी तय कर दी। शादी की तैयारियां काफी धूमधाम से चल रही थी और आखिर में विवाह का वो दिन आ गया जिसका हमें बहुत इंतजार था।

 
बेटी तैयार होने के लिए पार्लर गई। वापस लौटते समय उसकी कार को आवारा लड़कों ने घेर लिया। ड्राइवर को मारकर कोने में पटक दिया और मेरी बेटी के साथ दुष्कर्म किया। जब मुझे यह खबर मिली तो मानो पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। अब मुझे मेरी बेटी में वही तीस साल पहले वाली मेघा दिखाई दे रही थी। मुझे लगा साहिल इसको अब स्वीकार नहीं करेगा। पर साहिल की सोच ने मुझे अपने आप को सोचने पर मजबूर कर दिया। उस वक्त उसने मेरी बेटी को मानसिक मजबूत किया जो हम नहीं कर पाते। उन बदमाशों को सजा भी दिलवाई। कुछ दिनों बाद उससे शादी करके उसे उस हादसे को पूरी तरह से भुलाने में मदद की। साहिल ने मुझे कहा, 'मैंने आपकी बेटी को उसकी शारीरिक सुंदरता से नहीं, उसकी आंतरिक सुंदरता से प्रेम किया है।' उसकी बातों ने मेरे मन को छू लिया। अब मुझे अपने आप पर शर्मिन्दगी हो रही थी। यह सोचकर कि जब मेघा को उस समय सबसे अधिक मेरे सहारे की जरूरत थी तब मैंने अपनी दकियानूसी सोच के कारण उसका साथ नहीं दिया।

आज साहिल मुझे अपने आप से बहुत बड़ा दिख रहा था। शायद कोई फरिश्ता, जिसने मुझे ये समझा दिया कि दुष्कर्म करने वालों को दंड मिलना चाहिए, पीड़िता को नहीं। उसके शरीर से ज्यादा हम समाज वाले उसका मानसिक बलात्कार कर देते हैं।

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अब मैंने सबसे पहले मेघा को ढूंढने की कोशिश की। कुछ दिनों में उसका पता लग गया। वो अपने जीवन में आगे बढ़ चुकी थी। उसने शादी नहीं की। दुष्कर्म पीड़िताओं के साथ लड़कर उन्हें न्याय दिलाना अपना लक्ष्य बना लिया। मिलते ही मैंने उससे माफी मांगी। उसका दिल बहुत बड़ा निकला। उसने मुझे माफ किया। मैंने भी उसके मिशन को अपना मिशन बनाकर अपनी गलती का पश्चाताप किया।

-लेखिका मीनाक्षी भारद्वाज ज्वलंत व सामाजिक विषयों पर लिखती हैं।

उक्त कहानी पर आप अपने विचार कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें।
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May 24, 2019

मोरारी बापू ने रामकथा में किया मोदी का राजतिलक | Rajtilak of Narendra Modi


भारत में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत से ऐतिहासिक जीत हासिल कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से सत्ता में आए हैं। इस जीत से संत समाज में भी खुशी है। आज अंतर्राष्ट्रीय रामकथा वाचक मोरारी बापू ने इस विजय पर प्रसन्नता व्यक्त की है।


राजस्थान में वागड़ क्षेत्र के खड़गदा गांव में आयोजित मानस कबंध रामकथा में बापू ने नरेंद्र मोदी का शब्दों से राजतिलक कर दिया। बापू बोले, जीत हुई है। अब संसदीय दल की बैठक होगी। फिर राष्ट्रपति के पास जाएंगे। फिर वो आमंत्रण देंगे। फिर शपथ होगी। राज्यारोहण होगा। इस प्रक्रिया में कई दिन लगेंगे। आओ हम सब प्रेम का कुमकुम, करुणा का अक्षत और सत्य का दीपक लेकर आज ही मोदीजी का राजतिलक कर दें। इसके बाद बापू ने आशीर्वाद स्वरूप कहा, खुश रहो।


गौरतलब है कि मोरारी बापू और नरेंद्र मोदी दोनों ही मूलत: गुजरात राज्य से हैं। बापू समय-समय पर अपनी व्यासपीठ से मोदी के कार्यों की सराहना करते रहते हैं। मोदी स्वयं भी बापू को काफी मानते हैं और जब भी मौका मिलता है बापू की रामकथा में पहुंचकर आशीर्वाद जरूर लेते हैं। एक ही प्रांत के होने से दोनों के बीच आत्मीय रिश्ता है। -सुमित सारस्वत, मो.09462737273

 
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