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July 31, 2025

छात्रा के आगे झुकी सरकार, धर्म क्षेत्र के लिए मिसाल बनीं पंजाब की गुरप्रीत कौर, युगों तक याद रहेगी धार्मिक आस्था - Brave Gurpreet Kaur

 

✍🏻 सुमित सारस्वत
जयपुर की पूर्णिमा यूनिवर्सिटी (Poornima University) में पंजाब (Punjab) से एग्जाम देने आई छात्रा को कड़ा और कृपाण धारण करने की वजह से एग्जाम रूम में जाने से रोक दिया. कॉलेज प्रबंधन ने कहा कि कड़ा और कृपाण उतारोगे तभी परीक्षा दे सकोगी. छात्रा ने धर्म की मर्यादा का पालन करने हुए इनको नहीं उतारा तो पूर्णिमा यूनिवर्सिटी ने एग्जाम नहीं देने दिया.

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छात्रा गुरप्रीत कौर (Gurpreet Kaur) पंजाब से न्यायिक सेवा परीक्षा (PCS-J) में शामिल होने जयपुर (Jaipur) आई थी. उनका कहना है कि यह धारा 25 का उल्लंघन और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है. आपको बता दें कि सिख धर्म का अनुयायी केश, कड़ा, कृपाण रखता है. धर्म के लिए परीक्षा का 'बलिदान' देने वाली गुरप्रीत की हर तरफ सराहना हो रही है.

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इतना ही नहीं, आत्म सम्मान और धार्मिक आस्था से जुड़ा यह मामला देशभर की सुर्खियां बनने के बाद राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने अहम फैसला लिया. अब भविष्य में कड़ा और कृपाण धारण किए किसी भी सिख छात्र या छात्रा को परीक्षा में शामिल होने से नहीं रोका जाएगा. यह गुरप्रीत के आत्म सम्मान की जीत है. यह महज एक फैसला नहीं, बल्कि संपूर्ण देश की धार्मिक स्वतंत्रता के लिए ऐतिहासिक पुष्टि है. गुरप्रीत की जीत धर्म क्षेत्र के लिए एक मिसाल बन गई है. बरसों-बरस तक धर्म के प्रति गुरप्रीत के इस समर्पण की चर्चा होगी. ©सुमित सारस्वत

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हार गए बाबा श्याम 

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सरकार, कब करोगे अमृतकाैर का उपचार ?, क्या डॉक्टरों-मरीजों की मौत का है इंतजार ! - Amritkaur Hospital Building Damaged

✍🏻 सुमित सारस्वत
राजस्थान में ब्यावर जिले के सबसे बड़े राजकीय अमृतकाैर अस्पताल (Amrit Kaur Hospital) की जर्जर बिल्डिंग की मरम्मत करवाने के लिए शासन-प्रशासन शायद डॉक्टरों और मरीजों की मौत का इंतजार कर रहा है. झालावाड़ स्कूल हादसे (Jhalawar School Accident) के बाद जिला अस्पताल में ऐसी ही चर्चा सुनने को मिली. दरअसल, वर्ष 1955 में स्थापित अमृतकौर अस्पताल का 70 साल पुराना भवन मौजूदा वक्त में खुद बीमार है. बीते कई साल से अस्पताल भवन के कई हिस्से बल्लियों के सहारे टिके हैं. यहां कार्यरत चिकित्सक, नर्सिंगकर्मी और आने वाले मरीज भय के साये में रहते हैं.

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एकेएच में चिकित्सा अधिकारी रहे डॉ. प्रदीप जैन ने चिंता जताते हुए बताया कि पूरे प्रदेश में सरकारी स्कूलों के जर्जर भवनों की चर्चा हो रही है लेकिन जर्जर सरकारी अस्पतालों की चर्चा कोई नहीं कर रहा. जितने जरूरी स्कूल हैं उतने ही जरूरी अस्पताल भी हैं. ब्यावर (Beawar) का सरकारी अस्पताल भवन बरसों से जर्जर और अब बल्लियों के सहारे है. यहां कई मंत्री-सांसद आए, सरकारी अधिकारी आए, सभी ने पुराना जर्जर भवन देखा, नए भवन के वादे किए...लेकिन भूल गए. सिस्टम की सुस्ती देखिए कि सरकार बदल गई लेकिन अस्पताल के हालात नहीं बदले. डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ इमरजेंसी सेवाओं में शामिल है इसलिए अस्पताल आना जरूरी है. अस्पताल की दहलीज पर कदम रखते ही दिल दहलता है लेकिन सरकारी नौकरी होने से चुप रहते हैं. कर्मचारियों का मानना है कि सरकार को समस्या बताना मतलब मुसीबत बोल लेना है. या तो कर्मचारी का ट्रांसफर कर देंगे, या किसी बहाने काम में लापरवाही का नोटिस थमा देंगे.

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गौरतलब है कि राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय का बरसों पुराना भवन जर्जर हो गया है. सुरक्षा के मद्देनजर कई वार्ड बंद कर दिए हैं. नवीन भवन के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार ने स्वीकृति दी थी लेकिन बजट के अभाव में अब तक न तो पुराने भवन की मरम्मत हुई और न ही नया भवन बना. कांग्रेस शासन में मुख्य सचिव रहे निरंजन आर्य, तत्कालीन सांसद और वर्तमान में ब्यावर जिला प्रभारी व उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी (Diya Kumari) समेत कई मंत्री यहां दौरा कर गए और अस्पताल की जर्जर हालत पर चिंता जता गए लेकिन सुधार के लिए किसी ने कोई प्रयास नहीं किए.

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अब सरकारी स्कूलों में होने वाले हादसों को देखकर चिकित्सालय में चारों तरफ यही चर्चा है कि सरकार और जिला प्रशासन शायद अस्पताल में भी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है. यदि मौत के बाद मुआवजा देने की बजाय सरकार (Government) जिंदगियां बचाने की चिंता करे तो शायद कहीं कोई हादसा न हो. उम्मीद है कि सरकार इस सरकारी अस्पताल की जल्द ही सुध लेकर चिकित्साकर्मियों और मरीजों को बड़ी राहत प्रदान करेगी. 
©सुमित सारस्वत

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July 30, 2025

आज हार गए बाबा श्याम !, भक्त जयसिंह राठौड़ का निधन - Devotee of Baba Shyam passed away


✍🏻 सुमित सारस्वत

जिस कलयुग अवतारी बाबा श्याम को हारे का सहारा कहा जाता है वो आज एक भक्त से हार गए. बाबा श्याम के प्रति आस्था रखते हुए लंबे समय तक अस्पताल के बेड पर जिंदगी और मौत से संघर्ष करते हुए ब्यावर के 35 वर्षीय जयसिंह राठौड़ (Jai Singh Rathore) ने आज जयपुर के एसएमएस अस्पताल में दम तोड़ दिया. ढाका रीफ्रैक्टरीज कंपनी में लगातार 12 साल काम करते हुए उन्हें सिलिकोसिस रोग हो गया था. इस रोग की वजह से उनके दोनों फेफड़े खराब हो गए थे. करीब तीन महीने से अस्पताल में इलाज चल रहा था. अहमदाबाद (Ahmedabad) के राजस्थान हॉस्पीटल (Rajasthan Hospital) में इलाज करवाते हुए जीवन की कमाई खर्च कर चंद रोज पहले जयपुर (Jaipur) के एसएमएस अस्पताल (SMS Hospital) लाए थे. आर्थिक स्थिति कमजोर होने और परिस्थितियां प्रतिकूल हाेने के बावजूद जयसिंह की पत्नी पूजा कंवर (Pooja Kanwar) और परिवारजन ने उनका उपचार करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. पत्नी तीन महीने से दिन रात अस्पताल में साथ रहकर पति की सेवा में जुटी रहीं.

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विड़बंना है कि जिस ढाका रीफ्रैक्टरीज कंपनी को जयसिंह ने अपने युवा जीवन के 12 साल दिए उस कंपनी के मालिक प्रकाश अंबुरे (Prakash Ambure) ने अपने कर्मचारी का इलाज करवाने में आर्थिक मदद करने की बजाय नेताओं की तरह आश्वासन और झांसे ही दिए. कंपनी मालिक की संवेदनहीनता देखिए कि तीन माह में एक रुपए की मदद नहीं दी बल्कि ऐसी विकट स्थिति में सहायता करने की बजाय अप्रेल माह में उपचार अवधि की सैलरी काट ली. खैर, जगजाहिर है कि कुछ करोड़पति के लिए मानव जीवन की कोई कीमत नहीं होती. वे अपना पैसा सामाजिक और धार्मिक दिखावे पर ही खर्च करना पसंद करते हैं जहां उनका नाम हो और उन्हें मंच पर बुलाकर मालाएं पहनाई जाए. अगर अंबुरे परिवार अपने कर्मचारी के उपचार में आर्थिक सहायता करता तो शायद दो मासूम बच्चियों के सिर से पिता का साया नहीं उठता. जयसिंह की मृत्यु से पूजा और उसकी दो बेटियों का जीवन खराब हो गया है.

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जयसिंह और पूजा, दोनों पति-पत्नी की बाबा श्याम में गहरी आस्था रही. हर ग्यारस मंदिर जाकर बाबा का दर्शन और घर में ज्योत जलाना उनका नियम रहा. अस्पताल में रहते हुए मंदिर नहीं जा सकते थे तो परिचित भक्त को रुपए देकर मंदिर में प्रसाद चढ़वाया. साल में कई बार खाटू धाम की पैदल यात्रा करते. श्याम भक्ति का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि कुछ महीनों पहले जयसिंह जब ढाई साल बाद विदेश से लौटा तो सबसे पहले बाबा श्याम के धाम खाटू गया था. 7 मई को उपचार के लिए अहमदाबाद गया तो वहां भी श्री राधा गोविंद देव जी मंदिर जाकर दोनों पति-पत्नी ने भगवान का दर्शन किया.

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जयसिंह रोज सुबह अपने सभी परिचितों को व्हाट्सएप पर बाबा श्याम (Baba Shyam) का दर्शन भेजना कभी नहीं भूलते. हैरानी होगी कि अस्पताल के बेड पर रहते हुए भी सुबह अपनी पत्नी से मोबाइल मांगते और श्याम का दर्शन कर सभी को बाबा की फोटो भेजने का क्रम जारी रहा. उनके मोबाइल के स्टेटस पर भी बाबा की तस्वीरें ही नजर आती थीं. व्यक्तिगत मुलाकात और कॉल रिसीव करने पर भी मुख से जय श्री श्याम (Jai Shri Shyam) ही निकलता था. उपचार के दौरान भरोसे के साथ इतनी तड़प थी कि अस्पताल से छुट्टी मिलने पर घर जाने से पहले श्याम मंदिर जाएंगे लेकिन इस बार हारे का सहारा कहलाने वाले बाबा श्याम हार गए ! न जाने क्या वजह रही कि कलयुग अवतारी अपने एक भक्त काे बचा नहीं पाए ! 
©सुमित सारस्वत

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July 18, 2025

स्कूलों में स्टूडेंट्स का यौन शोषण कर रहे टीचर, राजस्थान में हुआ बड़ा खुलासा - Sexual harassment of Students in Schools

शिक्षा के मंदिर को शर्मसार करने वाली एक और सनसनीखेज वारदात सामने आई है. राजस्थान (Rajasthan) के चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) जिले में सरकारी स्कूल के एक शिक्षक ने विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें की और उनके वीडियो बनाए. परीक्षा में फेल करने का डर दिखाकर कई स्टूडेंट्स को अपनी हवस का शिकार बनाया. स्टूडेंट्स के वीडियो वायरल होने पर हंगामा मच गया है.

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बेगूं उपखंड में आंवलहेडा गांव के महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक की काली करतूत सामने आने के बाद गांव का माहौल गर्म है. ग्रामीणों ने स्कूल पहुंचकर आक्रोश प्रदर्शन करते हुए शिक्षक (Teacher) के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की. हंगामे की सूचना पर प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारी पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे. पुलिस ने आरोपी अध्यापक शंभूलाल को हिरासत में लेकर जांच शुरू की है. आरोपी के खिलाफ पोक्सो, एससी-एसटी, आईटी एक्ट समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है. टीचर का शिकार हुए 15 से ज्यादा स्टूडेंट्स के बयान लेकर मेडिकल जांच करवाई जा रही है. पीड़ित स्टूडेंट्स की उम्र 12 से 18 साल बताई जा रही है. बताया गया कि यह टीचर बीते 7 साल से इसी स्कूल में कार्यरत था.

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चंद रोज पहले भीलवाड़ा (Bhilwara) में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक को छात्रा का यौन शोषण करते ग्रामीणों ने पकड़ा था. टीचर स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों को ट्यूशन पढ़ाने के नाम पर घर बुलाकर उनसे अश्लील हरकतें करता था. गांव की महिलाओं को भी यौन शोषण का शिकार बनाया. इससे पहले ब्यावर, सीकर व अन्य इलाकों में भी टीचर्स की ऐसी करतूतें सामने आई हैं.

अपने बच्चों पर नजर रखें. आजकल स्कूलों में कई टीचर परीक्षा में पास करने का झांसा देकर बच्चों का देह शोषण करने लगे हैं. आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. बेशक, शिक्षा जरूरी है लेकिन बच्चों की सुरक्षा (Safety) के लिए अभिभावकों की सजगता भी जरूरी है. हर घर में बच्चे हैं, अतः आपसे आग्रह है कि मासूमों की सुरक्षा से जुड़ा यह संदेश जन-जन तक जरूर पहुंचाएं. 
©सुमित सारस्वत

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July 13, 2025

स्कूल टीचर कर रहे स्टूडेंट्स का यौन शोषण, पेरेंट्स रखें यह सावधानी - Sexual harassment of Students

अपने बच्चों पर नजर रखें. आजकल स्कूलों में कई टीचर परीक्षा में पास करने का झांसा देकर बच्चों का देह शोषण करने लगे हैं. आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला राजस्थान के भीलवाड़ा का है, जहां एक सरकारी स्कूल टीचर बच्चियों को ट्यूशन पढ़ाने के नाम पर घर बुलाकर उनसे अश्लील हरकतें करता था. जानकारी होने पर गांव वालों ने टीचर के घर पर धावा बोलकर उसे एक नाबालिग छात्रा के साथ आपत्तिजनक अवस्था में पकड़ा है. टीचर टॉवेल लपेटे हुए बाहर आया और छात्रा बिस्तर पर मिली. इसके बाद ग्रामीणों ने टीचर की जमकर धुनाई की. पता लगा कि टीचर ने बीते एक साल में कई लड़कियों के साथ अनैतिक कृत्य किया है. इतना ही नहीं, गांव की गरीब महिलाओं को काम दिलवाने के बहाने घर बुलाकर गलत हरकतें करता था. टीचर की करतूत और रंगे हाथ पकड़े जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कांड उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग ने आरोपी शिक्षक को एपीओ कर जांच शुरू कर दी है.


इससे पहले सीकर में एक प्राइवेट स्कूल के टीचर ने एक छात्रा को एग्जाम नोट्स देने के बहाने घर बुलाकर दुष्कर्म किया. मेल टीचर ही नहीं, फीमेल टीचर भी स्टूडेंट्स का यौन शोषण कर रहीं हैं. मुंबई और गुरुग्राम में महिला टीचर ने छात्रों के साथ दुष्कर्म किया. यह मामले तो महज बानगी है. ऐसे अनेक मामले सामने आए हैं जब शिक्षा और संस्कार देने वाले शिक्षकों ने विद्या के मंदिरों को शर्मसार कर छात्र-छात्राओं को शिकार बनाया है.


बेशक, शिक्षा जरूरी है लेकिन बच्चों की सुरक्षा के लिए अभिभावकों की सजगता भी जरूरी है. हर घर में बच्चे हैं, अतः आपसे आग्रह है कि मासूमों की सुरक्षा से जुड़ा यह संदेश जन-जन तक जरूर पहुंचाएं. ©सुमित सारस्वत

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June 30, 2025

अमेरिका की जगन्नाथ रथ यात्रा में झूमे विदेशी भक्त - Jagannath Rath Yatra in USA

✍🏻 सुमित सारस्वत 

भारत के पुरी धाम की तरह अब देश दुनिया में जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन होने लगा है. अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर (New York City) में बारिश के बावजूद भक्त बड़े उत्साह के साथ भगवान की रथ यात्रा में शामिल हुए.

इस्कॉन की ओर से आयोजित इस रथ यात्रा में विदेशी भक्तों के साथ बड़ी संख्या में अप्रवासी भारतीय भी शामिल हुए. भक्तों ने प्रेम भाव और अटूट आस्था के साथ महाप्रभु का रथ खींचा. कीर्तन करते हुए झूमते भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था. श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की पूजा और आरती की.

आपको बता दें कि जगन्नाथ रथ यात्रा एक वार्षिक हिंदू त्यौहार (Hindu Festival) है जो भारत के साथ अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा और दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है. अमेरिका में 58 साल से रथ यात्रा निकाली जा रही है. 
©सुमित सारस्वत

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June 20, 2025

हिंदुस्तान के पीछे दीवार बन खड़ा जम्मू कश्मीर, डिप्टी सीएम चौधरी ने दिया सौहार्द का संदेश, सीएम अब्दुल्ला ने अदा किया पर्यटकों का शुक्रिया

✍🏻 सुमित सारस्वत

जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी (Surinder Choudhary) ने प्रदेश की सराहना करते हुए सौहार्द का संदेश दिया है. उन्होंने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा पर बयान देते हुए कहा, "बाबा अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) की सभी को बधाई. ये बहुत बड़ा त्योहार होता है. सीएम उमर अब्दुल्ला ने जम्मू और कश्मीर दोनों जगह अमरनाथ यात्रा और मुहर्रम (Muharram) के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की है. सरकार की सभी तैयारियां पूरी हैं. हमारी कोशिश है कि यात्रा ठीक से चले. तीर्थयात्री बढ़-चढ़ कर आएं. पर्यटन और धार्मिक यात्रा जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए त्योहार की तरह खुशी का दिन होता है. यहां भाईचारे की मिसाल दिखती है. जो लोग देश-दुनिया से यहां आते हैं वो कश्मीर का कल्चर और मेहमाननवाजी देखकर जाते हैं. वो देखते हैं कि जम्मू कश्मीर जो टीवी या अन्य तरीकों से दिखाया जाता है वैसा नहीं है, यह दिलवालों का है, यह भाईचारे का है. जम्मू कश्मीर हिंदुस्तान (India) के पीछे दीवार बनकर खड़ा है."


इससे पूर्व गुरुवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने कहा, "पहलगाम आतंकी हमले ( Pahalgam Terror Attack) के बाद अब कश्मीर में हालात पूरी तरह सामान्य है. मैं उन सभी पर्यटकों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जो जम्मू-कश्मीर और खासकर कश्मीर में वापस आने लगे हैं. पहलगाम घटना के तुरंत बाद तीर्थयात्रियों ने माता वैष्णो देवी (Vaishno Devi) दर्शन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया था, अब श्रद्धालुओं का आगमन फिर बढ़ रहा है. रोजाना 40 हजार से ज्यादा यात्री दर्शन के लिए आ रहे हैं. कश्मीर में पर्यटन वापस बढ़ रहा है." ©सुमित सारस्वत

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